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'खामोश'..! मुंबई में सोनाक्षी-जहीर की शादी की रौनक, बिहार में शत्रुघ्न सिन्हा के घर पर पसरा है सन्नाटा - Sonakshi Sinha Zaheer Iqbal Wedding

Sonakshi Sinha Zaheer Iqbal Wedding : सोनाक्षी-जहीर की शादी मुंबई में सुर्खियां बटोर रही हैं लेकिन मुंबई से 1600 किलोमीटर दूर सोनाक्षी के पैतृक गांव में कोई रौनक दिखाई नहीं दे रही है. नालंदा के बहादुरपुर के लोग इस शादी से खुश नहीं हैं. लोगों ने नए जीवन में प्रवेश करने की बधाई तो दी लेकिन ये भी कहा कि सोनाक्षी को अपने समाज में शादी करना चाहिए था.

सोनाक्षी-जहीर की शादी की रौनक लेकिन बहादुरपुर खामोश
सोनाक्षी-जहीर की शादी की रौनक लेकिन बहादुरपुर खामोश (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jun 22, 2024, 9:59 PM IST

देखें लोगों ने क्या कहा. (ETV Bharat)

नालंदा : भले ही मुंबई में शत्रुघ्न सिन्हा के 'रामायण' में सोनाक्षी-जहीर की शादी की रौनक देखने को मिल रही है लेकिन शॉटगन के पैतृक गांव बहादुरपुर में मायूसी छायी हुई है. गांव के लोग सोनाक्षी और जहीर की शादी से नाखुश हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सोनाक्षी गलत कर रही हैं उन्हें अपने समाज में ही शादी करनी चाहिए थी. हालांकि ग्रामीणों ने उन्हें शादी की मुबारकबाद दी है.

नालंदा से शत्रुघ्न सिन्हा का नाता : बता दें कि शॉटगन शत्रुघ्न सिन्हा के पूर्वज नालंदा के बहादुरपुर गांव में रहा करते थे. 50-60 साल पहले बॉलीवुड एक्टर शत्रुघ्न सिन्हा के परिवार वाले पटना पलायन कर गए. यहां के गांव वाले अब मीडिया के जरिए ही जानते हैं कि शत्रुघ्न सिन्हा का संबंध बहादुरपुर गांव से रहा है. बहादुरपुर गांव के जानकार राकेश बिहारी शर्मा ने बताया कि शत्रुघ्न सिन्हा का परिवार अंग्रेजी शासनकाल में ही हरनौत छोड़कर पटना चला गया था और वहां जाकर भी बहादुरपुर नाम से मोहल्ला बसाया.

सोनाक्षी सिन्हा का पैतृक गांव बहादुरपुर.
सोनाक्षी सिन्हा का पैतृक गांव बहादुरपुर. (ETV Bharat)

''इनके पूर्वजों का रसूख अंग्रेजी काल में ऐसा था कि डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट तक बहाल करते थे. झारखंड के जमशेदपुर टाटा टेल्को में एक व्यक्ति को 1955-60 के करीब नियुक्त किया गया था. जिस संबंध में नियुक्त किए गए व्यक्ति ने बताया कि बहादुरपुर के लाला जी ने मुझे बहाल करने के लिए भेजा है. आज भी बहादुरपुर गांव चंडी थाना क्षेत्र में पड़ता है जो दो ढाई साल पहले चंडी प्रखंड का हुआ करता था. आज हरनौत प्रखंड में पड़ता है.''- स्थानीय निवासी

गांव में नहीं दिखी कोई रौनक : अभी इस गांव में 500 से ज़्यादा घर है, जिसमें दो घर शत्रुघ्न सिन्हा के पूर्वजों का है. पहले 25 घर हुआ करता था. आज भी उनका घर संपत्ति यहां है लेकिन दूसरे लोग बसे हुए हैं. यह किसी को जानकारी नहीं है कि शत्रुघ्न सिन्हा के दादा किस घर में रहते थे. वहीं, जब ईटीवी भारत की टीम ने सोनाक्षी सिन्हा की शादी के सवाल पूछा तो गांव के भजनलाल, दिनेश और कमलेश कुमार ने कहा कि शादी कर रही हैं वो तो ठीक है लेकिन दूसरे समुदाय के लोगों से नहीं करना चाहिए.

बहादुरपुर गांव में नहीं है कोई रौनक.
बहादुरपुर गांव में नहीं है कोई रौनक. (ETV Bharat)

''इसका हम विरोध करते हैं, ये गलत कर रही हैं. साथ ही शादी के लिए सुखमय जीवन का आशीर्वाद भी देते हैं. शत्रुध्न सिंहा जी को अपने गांव आना चाहिए हमारे गांव के गौरव हैं. कल भी यह गांव उनके पूर्वजों की वजह से जाना जाता था आज भी जाना जाता है. एक बार गांव आ जाएंगे तो हमारा समाज और गांव का मान सम्मान बढ़ जाएगा.''- स्थानीय निवासी

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नालंदा : भले ही मुंबई में शत्रुघ्न सिन्हा के 'रामायण' में सोनाक्षी-जहीर की शादी की रौनक देखने को मिल रही है लेकिन शॉटगन के पैतृक गांव बहादुरपुर में मायूसी छायी हुई है. गांव के लोग सोनाक्षी और जहीर की शादी से नाखुश हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सोनाक्षी गलत कर रही हैं उन्हें अपने समाज में ही शादी करनी चाहिए थी. हालांकि ग्रामीणों ने उन्हें शादी की मुबारकबाद दी है.

नालंदा से शत्रुघ्न सिन्हा का नाता : बता दें कि शॉटगन शत्रुघ्न सिन्हा के पूर्वज नालंदा के बहादुरपुर गांव में रहा करते थे. 50-60 साल पहले बॉलीवुड एक्टर शत्रुघ्न सिन्हा के परिवार वाले पटना पलायन कर गए. यहां के गांव वाले अब मीडिया के जरिए ही जानते हैं कि शत्रुघ्न सिन्हा का संबंध बहादुरपुर गांव से रहा है. बहादुरपुर गांव के जानकार राकेश बिहारी शर्मा ने बताया कि शत्रुघ्न सिन्हा का परिवार अंग्रेजी शासनकाल में ही हरनौत छोड़कर पटना चला गया था और वहां जाकर भी बहादुरपुर नाम से मोहल्ला बसाया.

सोनाक्षी सिन्हा का पैतृक गांव बहादुरपुर.
सोनाक्षी सिन्हा का पैतृक गांव बहादुरपुर. (ETV Bharat)

''इनके पूर्वजों का रसूख अंग्रेजी काल में ऐसा था कि डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट तक बहाल करते थे. झारखंड के जमशेदपुर टाटा टेल्को में एक व्यक्ति को 1955-60 के करीब नियुक्त किया गया था. जिस संबंध में नियुक्त किए गए व्यक्ति ने बताया कि बहादुरपुर के लाला जी ने मुझे बहाल करने के लिए भेजा है. आज भी बहादुरपुर गांव चंडी थाना क्षेत्र में पड़ता है जो दो ढाई साल पहले चंडी प्रखंड का हुआ करता था. आज हरनौत प्रखंड में पड़ता है.''- स्थानीय निवासी

गांव में नहीं दिखी कोई रौनक : अभी इस गांव में 500 से ज़्यादा घर है, जिसमें दो घर शत्रुघ्न सिन्हा के पूर्वजों का है. पहले 25 घर हुआ करता था. आज भी उनका घर संपत्ति यहां है लेकिन दूसरे लोग बसे हुए हैं. यह किसी को जानकारी नहीं है कि शत्रुघ्न सिन्हा के दादा किस घर में रहते थे. वहीं, जब ईटीवी भारत की टीम ने सोनाक्षी सिन्हा की शादी के सवाल पूछा तो गांव के भजनलाल, दिनेश और कमलेश कुमार ने कहा कि शादी कर रही हैं वो तो ठीक है लेकिन दूसरे समुदाय के लोगों से नहीं करना चाहिए.

बहादुरपुर गांव में नहीं है कोई रौनक.
बहादुरपुर गांव में नहीं है कोई रौनक. (ETV Bharat)

''इसका हम विरोध करते हैं, ये गलत कर रही हैं. साथ ही शादी के लिए सुखमय जीवन का आशीर्वाद भी देते हैं. शत्रुध्न सिंहा जी को अपने गांव आना चाहिए हमारे गांव के गौरव हैं. कल भी यह गांव उनके पूर्वजों की वजह से जाना जाता था आज भी जाना जाता है. एक बार गांव आ जाएंगे तो हमारा समाज और गांव का मान सम्मान बढ़ जाएगा.''- स्थानीय निवासी

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