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Puneeth Rajkumar: रील नहीं रियल लाइफ हीरो थे कन्नड़ स्टार, अचानक हुई मौत, अंतिम दर्शन पर जुटे थे 30 लाख फैंस - PUNEETH RAJKUMAR

कन्नड़ सुपरस्टार पुनीत राजकुमार ने बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए नेक काम किए हैं. उनकी डेथ एनिवर्सरी पर जानें कुछ खास बातें.

Puneeth Rajkumar
पुनीत राजकुमार (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Entertainment Team

Published : Oct 29, 2024, 1:01 PM IST

मुंबई: हैदराबाद: कन्नड़ इंडस्ट्री के हाइएस्ट पेड एक्टर पुनीत राजकुमार की आज 29 अक्टूबर को डेथ एनिवर्सरी है. पुनीत एक बेहतरीन एक्टर होने के साथ ही शानदार सिंगर, प्रोड्यूसर, टेलिविजन प्रेजेंटर और समाजसेवी थे. पुनीत लेजेंडरी एक्टर डॉ. राजकुमार के बेटे थे. जिन्हें पद्म भूषण और दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा गया था. पुनीत कन्नड़ इंडस्ट्री के हाईएस्ट पेड एक्टर भी थे. रील लाइफ हीरो होने के साथ ही पुनीत रियल लाइफ हीरो भी थे उन्होंने बच्चों से लेकर बुजुर्गों के लिए नेक काम किए थे.

कन्नड़ सिनेमा के हाईएस्ट पेड एक्टर

पुनीत सुपरस्टार को फैंस पावर स्टार के नाम से बुलाते थे. आपको बता दें कि पुनीत कन्नड़ सिनेमा के हाईएस्ट पेड एक्टर में से एक थे. पुनीत एक फिल्म के लिए 15-20 करोड़ चार्ज करते थे. यह लगभग कांतारा के ऋषभ शेट्टी के बराबर फीस है. पुनीत की नेटवर्थ लगभग 187 करोड़ थी.

बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए नेक काम

पुनीत रील ही नहीं रियल लाइफ हीरो भी थे. वे मैसूर में अपनी मां के साथ परोपकारी कामों में हमेशा आगे रहते थे. उन्होंने लगभग 2000 बच्चों को गोद लिया था जिनकी पढ़ाई का खर्च वे खुद उठाते थे. इसके अलावा उन्होंने 46 अनाथालय, 16 वृद्धाश्र और 19 गौशालाएं खोली थी जिनका संचालन आज भी उनका परिवार कर रहा है. कोरोना महामारी के दौरान भी पुनीत ने 50 लाख सहयोग के तौर पर दिए थे.

10 साल की उम्र में मिला नेशनल अवॉर्ड

एक तरफ जहां बड़े-बड़े एक्टर्स को नेशनल अवॉर्ड पाने में सालों लग जाते हैं वहीं पुनीत को केवल 10 वर्ष की उम्र में नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया था. उन्हें फिल्म Bettada Hoovu के लिए ये बेस्ट चाइल्ड अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. इसके अलावा उन्हें बेस्ट फिल्मफेयर अवॉर्ड, कर्नाटक स्टेट फिल्म अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है. पुनीत की 14 फिल्में ऐसी थी जो लगातार 100 दिनों तक थिएटर में चली.

हार्ट अटैक से हुई मृत्यु, दो दिन तक शराब पर लगा प्रतिबंध

पुनीत राजकुमार की मृत्यु 29 अक्टूबर 2021 को हार्ट अटैक की वजह से हुई थी. उनकी फैन फॉलोइंग इतनी जबरदस्त थी कि 30 लाख फैंस बेंगलुरु में उनके अंतिम दर्शन के लिए जुटे थे. भीड़ इतनी थी कि बेंगलुरु शहर में धारा 144 लगानी पड़ी साथ ही शराब की ब्रिक्री भी दो दिनों के लिए रोक दी गई ताकि दंगे ना हो.

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मुंबई: हैदराबाद: कन्नड़ इंडस्ट्री के हाइएस्ट पेड एक्टर पुनीत राजकुमार की आज 29 अक्टूबर को डेथ एनिवर्सरी है. पुनीत एक बेहतरीन एक्टर होने के साथ ही शानदार सिंगर, प्रोड्यूसर, टेलिविजन प्रेजेंटर और समाजसेवी थे. पुनीत लेजेंडरी एक्टर डॉ. राजकुमार के बेटे थे. जिन्हें पद्म भूषण और दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा गया था. पुनीत कन्नड़ इंडस्ट्री के हाईएस्ट पेड एक्टर भी थे. रील लाइफ हीरो होने के साथ ही पुनीत रियल लाइफ हीरो भी थे उन्होंने बच्चों से लेकर बुजुर्गों के लिए नेक काम किए थे.

कन्नड़ सिनेमा के हाईएस्ट पेड एक्टर

पुनीत सुपरस्टार को फैंस पावर स्टार के नाम से बुलाते थे. आपको बता दें कि पुनीत कन्नड़ सिनेमा के हाईएस्ट पेड एक्टर में से एक थे. पुनीत एक फिल्म के लिए 15-20 करोड़ चार्ज करते थे. यह लगभग कांतारा के ऋषभ शेट्टी के बराबर फीस है. पुनीत की नेटवर्थ लगभग 187 करोड़ थी.

बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए नेक काम

पुनीत रील ही नहीं रियल लाइफ हीरो भी थे. वे मैसूर में अपनी मां के साथ परोपकारी कामों में हमेशा आगे रहते थे. उन्होंने लगभग 2000 बच्चों को गोद लिया था जिनकी पढ़ाई का खर्च वे खुद उठाते थे. इसके अलावा उन्होंने 46 अनाथालय, 16 वृद्धाश्र और 19 गौशालाएं खोली थी जिनका संचालन आज भी उनका परिवार कर रहा है. कोरोना महामारी के दौरान भी पुनीत ने 50 लाख सहयोग के तौर पर दिए थे.

10 साल की उम्र में मिला नेशनल अवॉर्ड

एक तरफ जहां बड़े-बड़े एक्टर्स को नेशनल अवॉर्ड पाने में सालों लग जाते हैं वहीं पुनीत को केवल 10 वर्ष की उम्र में नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया था. उन्हें फिल्म Bettada Hoovu के लिए ये बेस्ट चाइल्ड अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. इसके अलावा उन्हें बेस्ट फिल्मफेयर अवॉर्ड, कर्नाटक स्टेट फिल्म अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है. पुनीत की 14 फिल्में ऐसी थी जो लगातार 100 दिनों तक थिएटर में चली.

हार्ट अटैक से हुई मृत्यु, दो दिन तक शराब पर लगा प्रतिबंध

पुनीत राजकुमार की मृत्यु 29 अक्टूबर 2021 को हार्ट अटैक की वजह से हुई थी. उनकी फैन फॉलोइंग इतनी जबरदस्त थी कि 30 लाख फैंस बेंगलुरु में उनके अंतिम दर्शन के लिए जुटे थे. भीड़ इतनी थी कि बेंगलुरु शहर में धारा 144 लगानी पड़ी साथ ही शराब की ब्रिक्री भी दो दिनों के लिए रोक दी गई ताकि दंगे ना हो.

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