मुंबई: 'लापता लेडीज' की स्क्रीन राइटर स्नेहा देसाई का कहना है कि वह ऑस्कर 2025 में भारत की ऑफिशियल एंट्री के रूप में फिल्म को चुनने के लिए फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया (FFI) के बयान को बहुत ज्यादा पढ़ना पसंद नहीं करेंगी क्योंकि ये ऐसा लिखा गया जिसे कोई भी तैयार कर सकता है.
एफएफआई के बयान पर जताई आपत्ति
स्नेहा ने कहा कि एफएफआई की 13 सदस्यों की ज्यूरी में एक भी महिला नहीं है जो हर साल इंटरनेशनल कैटेगरी में भारत की ओर से ऑस्कर के लिए फिल्म को सेलेक्ट करती हैं. इसके अलावा सोशल मीडिया पर कई लोगों ने कहा कि फिल्म के बारे में जो लिखा गया यह उस मैसेज से बिल्कुल अलग है जो फिल्म में दिखाया गया है.
क्या लिखा है एफएफआई ने
अब सवाल ये उठता है कि आखिर एफएफआई ने आखिर लिखा क्या है. एफएफआई ने लिखा- भारतीय महिलाएं अधीनता और प्रभुत्व का एक अजीब मिश्रण हैं. एक दुनिया में अच्छी तरह से परिभाषित, शक्तिशाली कैरेक्टर, लापता लेडीज इस विविधता को पूरी तरह से दर्शाती है, हालांकि एक कम आदर्श और मजाकिया तरीके से. इस बात पर देसाई ने अपनी राय रखी और कहा कि उन्हें इस बयान को ज्यादा पढ़ने में कोई दिलचस्पी नहीं है.
फिल्म के ऑस्कर 2025 में चुने जाने पर खुश हैं देसाई
देसाई ने 2000 की शुरुआत में ग्रामीण भारत पर आधारित इस ड्रामा को लिखा था. फिलहाल वे इस बात से खुश हैं कि जूरी में कोई महिला सदस्य न होने के बावजूद यह फिल्म विश्व मंच पर देश का प्रतिनिधित्व करेगी. मुझे लगता है कि प्रशस्ति पत्र इस बात का स्पष्ट संकेत नहीं है कि पूरी जूरी किस बात के लिए खड़ी है. मैं उन्हें संदेह का लाभ देना चाहूंगी क्योंकि इसे कोई और भी तैयार कर सकता था. हां, वे थोड़ा सावधान हो सकते थे लेकिन मैं इसमें बहुत अधिक नहीं पढ़ना चाहती. देसाई ने कहा कि जब से फिल्म को 97वें अकादमी पुरस्कारों में भारत की ओर से लापता लेडीज के जाने की खबर आई है तब से कलाकारों और क्रू को कॉल और शुभकामनाओं की बाढ़ आ गई है. हम बेहद एक्साइटेड हैं.
लापता लेडीज में रवि किशन, छाया कदम और गीता अग्रवाल शर्मा के साथ नितांशी गोयल, प्रतिभा रांटा और स्पर्श श्रीवास्तव मुख्य भूमिका में हैं. इसे आमिर खान की पूर्व पत्नी और फिल्म मेकर किरण राव ने निर्देशित किया है.