मुंबई: इको रिकॉर्डिंग समेत म्यूजिक कंपनीज ने म्यूजिशियन इलैयाराजा के 4,500 सॉन्ग्स का उपयोग करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किए थे. डील के बाद भी इलैयाराजा ने मुकदमा कर दावा किया था कि वह कॉपीराइट हासिल किए बिना अपने गानों का इस्तेमाल कर रहे हैं. मामले की सुनवाई करने वाली मद्रास उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश अनीता सुमंत ने 2019 में एक आदेश जारी किया था कि 'मेकर्स से अधिकार प्राप्त करने के बाद इलैयाराजा के गीतों का उपयोग करने का अधिकार है और इलैयाराजा के पास व्यक्तिगत विशेषाधिकार भी है इन गानों पर'.
इको कंपनी ने की अपील दायर
हालांकि संगीत कंपनियों को भी अधिकार देने के फैसले के खिलाफ इलैयाराजा द्वारा दायर अपील पर सुनवाई करने वाली दो-न्यायाधीशों की पीठ ने संगीत कंपनियों पर इलैयाराजा के गीतों का उपयोग करने पर अंतरिम बैन लगा दिया. इस बीच इको कंपनी की ओर से एक अपील दायर की गई है, जिसमें दावा किया गया है कि फिल्म का कॉपीराइट मेकर्स के पास है और उनके साथ कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर गाने का उपयोग करने के राइट्स उनके पास हैं.
एआर रहमान ने नहीं मांगा कॉपीराइट
जस्टिस आर महादेवन और मोहम्मद शफीक की बेंच के सामने मामला आज (13 जून) फिर सुनवाई के लिए आया. उस समय इको कंपनी की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट विजय नारायण ने कहा, 'चूंकि मेकर्स किसी फिल्म के लिए म्यूजिक तैयार करने के लिए इलैयाराजा को भुगतान करते हैं, इसीलिए इसके राइट्स मेकर्स के पास चला जाएगा. जब कोई फिल्म साइन की जाती है तो मेकर्स और म्यूजिशियन के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट होता है. एक बार फिल्म खत्म हो जाने पर सभी कॉपीराइट मेकर्स के पास चले जाते हैं इसमें इलैयाराजा दोबारा दावा नहीं कर सकते. वहीं ये बात भी सामने आई कि एआर रहमान ने गानों के लिए कॉपीराइट नहीं मांगा था. इसके बाद न्यायाधीशों ने इलैयाराजा का पक्ष रखने के लिए मामले की सुनवाई 19 जून तक के लिए स्थगित कर दी.