हैदराबाद : भारत इस 15 अगस्त 2024 को 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है. 15 अगस्त 1947 को भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली थी, जिसके बाद से भारत का अपना संविधान और कानून व्यवस्था है. भारत को आजादी कैसे मिली इस बात को दिखाने के लिए सिनेमा ने बड़ा योगदान दिया है. सिनेमा साल दर साल भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को पर्दे पर दिखाता है, जो देशवासियों में देशभक्ति की भावना को प्रबल करता है. इस 15 अगस्त के मौके पर ईटीवी भारत अपने खास स्टोरी सेक्शन में लेकर आया हैं उन फिल्मों की लिस्ट, जिनका भारत की आजादी से कोई लेना देना नहीं है, फिर भी यह फिल्में देशवासियों में देशभक्ति की भावना को जगाने का पूरा काम करती हैं.
चक दे इंडिया (2007)
बॉलीवुड के 'बादशाह' शाहरुख खान की स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म 'चक दे इंडिया' ऑल टाइम सुपरहिट फिल्म है. शिमित अमीन ने इस फिल्म को डायरेक्ट किया था. फिल्म में शाहरुख खान ने कबीर खान नामक महिला हॉकी टीम के कोच की भूमिका अदा की है. यह रोल पहले सलमान खान को ऑफर हुआ था. खैर, शाहरुख ने इस रोल के साथ पूरा न्याय किया है. 'चक दे इंडिया' का टाइटल सॉन्ग 'चक दे इंडिया' आज भी विश्वपटल पर भारत की जीत पर बजाया जाता है, इसमें चाहे क्रिकेट हो या फिर हॉकी. शाहरुख खान की यह फिल्म देशभक्ति का पूरा जज्बा जगाती है.
रंग दे बसंती (2006)
आमिर खान, आर. माधवन, सिद्धार्थ, शर्मन जोशी, कुणाल कपूर, सोहा अली खान, अनुपम खेर, ओम पुरी, वहीदा रहमान और अतुल कुलकर्णी स्टारर एपिक कमिंग ऑफ एज क्राइम ड्रामा फिल्म है, जिसे राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने डायरेक्ट किया है. फिल्म में सीन को कुछ इस तरह से तोड़-मरोड़कर दिखाया है, जिसका एक-एक सीन भारत की आजादी के लिए हुए आंदोलन को रिप्रेजेंट करता है. यह फिल्म बेहद मार्मिक और भावुक भी है. साथ ही आजादी की यादों को ताजा भी करती हैं.
स्वदेश (2004)
शाहरुख खान स्टारर फिल्म 'स्वेदश' नहीं देखी तो आप शाहरुख खान के फैन नहीं हैं. 'स्वदेश' अपने वतन से प्यार करना सिखाती है. आशुतोष गोवारिकर ने 'स्वदेश' के जरिए लोगों को यह बताने कि कोशिश की है कि पढ़-लिखकर नौकरी करने के लिए विदेश में जाने से बेहतर है कि अपने ही देश की तरक्की में हाथ बटाएं. देश को पढ़े-लिखे नौजवान की जरूरत है, जो अपने देश को हरसंभव खुशहाल बना सकते हैं. गांव-गांव, शहर-शहर में नई-नई टेक्नोलॉजी से संसाधनों की कमी को दूर कर सकते हैं. फिल्म में शाहरुख खान ने अमेरिकन स्पेस एजेंसी नासा में एक साइंटिस्ट का रोल प्ले किया है. शाहरुख खान ने अपनी इस फिल्म से बड़ा संदेश लोगों तक पहुंचाने का काम किया है. शाहरुख खान फिल्म में जब अपने गांव आते हैं और लोगों की दूर्दशा देखते हैं, तो उनका मन पिघल जाता है और वह अपनी मोटी सैलरी वाली विदेशी नौकरी को लात मारकर अपने ही देश को बेहतर बनाने में जुट जाते हैं.
वीर जारा (2004)
यश चोपड़ा के डायरेक्शन में बनी फिल्म 'वीर जारा' कई मौके पर भारत और पाक के रिश्ते में सुधार और देशभक्ति का जज्बा जगाने का काम करती है. फिल्म का एक गाना 'ऐसा देश है मेरा' किसी देश भक्ति सॉन्ग से कम नहीं है. फिल्म में शाहरुख खान एक हिंदुस्तानी तो वहीं, प्रीति जिंटा को पाकिस्तानी गर्ल के रोल में देखा जाता है. दोनों के बीच प्यार और फिर जुदाई, इसके बाद शाहरुख खान को भारतीय एजेंट बताकर उन्हें पाक जेल में 22 साल तक सड़ाना जैसे फिल्म के सबसे हिट प्वाइंट हैं. फिल्म वीर-जारा भारत और पाक के रिश्ते पर अप्रत्यक्षतौर पर प्रकाश डालती है और साथ ही शांति-सौहार्द और अमन-चैन की बात करती है.
लगान (2001)
आमिर खान की फिल्म 'लगान' हिंदी सिनेमा की एक ऐतिहासिक फिल्म है. भले ही इस फिल्म का स्वतंत्रता आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन फिल्म में अंग्रेजों के एंगल जोड़ना और फिर तिगुना लगान की बात करना, स्वतंत्रता आंदोलन की याद दिलाता है. 'लगान' का क्लाइमैक्स भी जबरदस्त तरीके से सेट किया गया है, जिसका एक-एक सीन आजादी की एक-एक लड़ाई जैसा महसूस कराता है. क्लाइमैक्स में गोरों के तिगुना लगान से बचने के एक मैच होस्ट होता है, जिसे जीतने के बाद ऐसा महसूस होता है कि हम वाकई में इसी तरह अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुए हैं. 'लगान' ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर फिल्म है, जिसने इंडियन सिनेमा में कई अवार्ड अपने नाम किए हैं. ऑस्कर से भी इसका नाम जुड़ा है. इस फिल्म के डायरेक्टर आशुतोष गोवारिकर है, जिन्होंने स्वदेश बनाई है.
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