नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के 7वें दीक्षांत समारोह में पहली बार छात्र और शिक्षक भारतीय परिधान में नजर आएंगे. समारोह में छात्र और शिक्षकों के लिए सफेद कुर्ता-पजामा और छात्राओं के लिए सफेद बार्डर वाली साड़ी या फिर सफेद कुर्ता-सलवार या पाजामा पहनेंगी. छात्राओं को सलवार और कुर्ता के ऊपर डालने के लिए दुपट्टा विश्वविद्यालय की ओर से शुक्रवार को ही उपलब्ध कराया जाएगा. इस बार हर साल की तरह गाउन पहनकर होने वाला दीक्षांत समारोह भारतीय परिधानों में रंगा नजर आएगा.
दीक्षांत समारोह के ड्रेस कोड बदलने को लेकर जेएनयू प्रशासन ने 10 जनवरी से पहले ही गाइडलाइन जारी कर सख्त निर्देश दिए थे. समारोह विशेष रूप से पीएचडी के छात्रों के लिए ही आयोजित किया जा रहा है. समारोह में 16 जनवरी 2023 से लेकर 15 जनवरी 2024 तक पीएचडी प्रोग्राम सफलतापूर्वक पूरा करने वाले स्कॉलर्स को भी डिग्री दी जाएगी. हालांकि, दीक्षांत समारोह में मिलने वाली डिग्री ऑरिजनल नहीं होगी. अभी छात्रों को प्रोविजनल डिग्री और बाद में ओरिजनल डिग्री दी जाएगी.
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उपराष्ट्रपति होंगे मुख्य अतिथिः इस बार दीक्षांत समारोह अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् के परिसर में आयोजित किया जा रहा है. समारोह दोपहर 4 बजे से शुरू होगा. मुख्य अतिथि के प्रवेश के बाद किसी को भी समारोह में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. इसलिए असुविधा से बचने के लिए समय से 30 मिनट पहले पहुंचने के लिए जेएनयू प्रशासन ने छात्रों और शिक्षकों को निर्देश दिए हैं.
समारोह में भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित होंगे. साथ ही भारत सरकार में शिक्षा तथा कौशल विकास और उद्यमशीलता मन्त्री धर्मेन्द्र प्रधान भी सम्मानीय अतिथि के रूप में सम्मिलित होंगे. विश्वविद्यालय के कुलाधिपति राजदूत कंवल सिब्बल के साथ-साथ कुलपति प्रोफेसर शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगी. दीक्षांत समारोह में कुल 803 छात्र-छात्राओं को पीएचडी की डिग्रियां दी जाएंगी. इनमें 418 छात्र और 385 छात्राएं शामिल हैं.
डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों का श्रेणीवार ब्यौरा
श्रेणी | छात्रों की संख्या |
सामान्य | 342 |
ओबीसी | 248 |
एससी | 134 |
एसटी | 63 |
विदेशी | 16 |
हिंदी और अंग्रेजी में डिग्रीः जेएनयू द्वारा दीक्षांत समारोह में छात्रों को हिंदी और अंग्रेजी भाषा में प्रिंट हुई डिग्री दी जाएगी. यह भी पहली बार होगा जब छात्रों को अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी प्रिंट की हुई डिग्रियां दी जाएंगी. अभी तक डिग्रियां सिर्फ अंग्रेजी में ही मिलती थीं. डिग्री पर कुलपति, रजिस्ट्रार, डिप्टी रजिस्ट्रार तीनों के हस्ताक्षर होंगे.
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