पटना: राज्य में आदर्श चुनाव आचार संहिता की समाप्ति के साथ ही नौकरियों की वैकेंसी आने लगी है. आदर्श आचार संहिता समाप्ति के बाद स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय द्वारा स्वास्थ्य विभाग के सभागार में स्वास्थ्य विभाग एवं राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार के पदाधिकारियों के साथ गहन बैठक की गई. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग में मुख्यालय स्तर से लेकर क्षेत्रीय स्तर तक सभी रिक्त पदों पर चार माह के अंदर नियुक्ति करने का निर्देश दिया है. इसके तहत विभिन्न पदों पर 45000 की संख्या में वैकेंसी निकलने का निर्णय लिया गया है.
स्वास्थ्य विभाग में इन पदों पर भर्ती: कुल 15 पदों पर वैकेंसी निकाली गई है जिसमें दो पदों पर संविदा पर बहाली होगी. इसमें सहायक प्राध्यापक के 1339 पद हैं. विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी के 3523, सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी के 396, सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी (संविदा) के 1290, दंत चिकित्सक के 64, सिस्टर ट्यूटर के 362, नर्स के 6298. एएनएम के 15089, फार्मासिस्ट के 3637, एक्स-रे टेक्नीशियन के 803, ओटी असिस्टेंट के 1326, ईसीजी टेक्नीशियन के 3080, ड्रेसर के 1562 और सी एच ओ (संविदा) के 4500 पदों पर 4 महीने की वेतन नियुक्तियां करनी है.
राज्य में मिलेगा बेहतर रोजगार: इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा है कि राज्य की जनता को बेहतर और गुणात्मक स्वास्थ्य एवं विशिष्ट चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने की सरकार की प्राथमिकता है. राज्य की जनमानस सभी प्रकार की चिकित्सा सेवा मुफ्त में उपलब्ध कराने के लिए सरकार कृत संकल्पित है. साथ ही राज्य की जनता को अपने ही राज्य में रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करने की सरकार की मंशा है.
चिकित्सा कर्मियों की नियुक्ति से होगा ये लाभ: स्वास्थ्य मंत्री में बताया कि चार माहीने के अंदर चिकित्सकों एवं अन्य चिकित्सा कर्मियों की नियुक्ति हो जाने से सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं को अत्यधिक प्रभावकारी बनाया जा सकेगा. इससे समाज के अंतिम व्यक्ति को सभी प्रकार की चिकित्सा सेवा उन्हें नजदीक के सरकारी के अस्पताल में मुफ्त में उपलब्ध करायी जा सकेंगी.