रांची: झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित 11वीं से 13वीं सिविल सेवा पीटी परीक्षा का रिजल्ट घोषित होते ही इस पर सवाल उठने लगे हैं. आयोग द्वारा जारी रिजल्ट में 7011 विद्यार्थी सफल घोषित किए गए हैं. घोषित रिजल्ट में लगातार रौल नंबर सफल दिखाए गए हैं, जो सवालों में हैं.
एक ही सिरियल नंबर में कई अभ्यर्थी सफल
सवाल उठाने वाले छात्रों का कहना है कि एक ही सिरियल नंबर से कैसे छात्र सफल हो गए. उदाहरण के रूप में प्रकाशित रिजल्ट में रौल नंबर 23102560, 23102561, 23102562, 23102563, 23102565 सफल घोषित हैं.
आयोग पर लगाया रिजल्ट में गड़बड़ी करने का आरोप
इस संबंध में छात्र नेता सफी इमाम का मानना है कि आयोग ने पहले छात्रों द्वारा करीब 24 प्रश्नों के उत्तर पर उठाए गए सवाल को नजरअंदाज किया और आनन- फानन में रिजल्ट देकर उसमें गड़बड़ी की है. इतना ही नहीं गिरिडीह के एक परीक्षा केंद्र में परीक्षा देनेवाले छात्रों की शिकायत यह है कि यहां के रौल नंबर सिरिज में एक भी छात्र सफल नहीं हुए हैं, जबकि सामान्य श्रेणी में घोषित कट ऑफ से उनका कहीं ज्यादा नंबर है. छात्रों का कहना है कि अब्दुल गौस हाई स्कूल गिरिडीह सेंटर से एक भी छात्र सफल नहीं हुए हैं.
सामान्य, बीसी वन और बीसी टू का कट ऑफ एक समान होने पर उठ रहे सवाल
जेपीएससी द्वारा घोषित रिजल्ट में सामान्य, बीसी वन, बीसी टू और ईडब्ल्यूएस का एक समान कट ऑफ 246 मार्क्स बताया गया है, जिस पर सवाल उठ रहे हैं. छात्र नेता एस अली ने आयोग के रिजल्ट पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि यह एक गंभीर विषय है कि सामान्य, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस का एक समान कट ऑफ कैसे हो गया, इसे जेपीएससी को स्पष्ट करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हड़बड़ी में कहीं रिजल्ट में गड़बड़ी ना हो इसका ध्यान आयोग को रखना चाहिए.
नियमानुसार रिक्त पदों के मुकाबले 15 गुना अभ्यर्थियों का चयनः आयोग
इन सब के बीच आयोग के अधिकारी इस संबंध में सीधे तौर पर कुछ भी बताने से कतरा रहे हैं. आयोग का मानना है कि नियमानुसार रिक्त पदों के मुकाबले 15 गुना अभ्यर्थियों का चयन किया गया है. एक समान अंक होने के कारण 1881अभ्यर्थी निर्धारित 15 गुना से अधिक चयनित किए गए हैं.
मुख्य परीक्षा की संभावित तारीख 22, 23 और 24 जून को
आयोग ने पीटी रिजल्ट के साथ मुख्य परीक्षा 22, 23 और 24 जून को लेने की संभावित तिथि भी जारी कर दी है. गौरतलब है कि 342 पदों के लिए 17 मार्च 2024 को परीक्षा आयोजित की गई थी. जिसमें 3 लाख 20 हजार 661 अभ्यर्थी शामिल हुए थे.
ये भी पढ़ें-