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बिहार के स्कूलों में चलेगा अभियान, पुस्तक की उपलब्धता की जांच करेगा शिक्षा विभाग - Bihar Education Department - BIHAR EDUCATION DEPARTMENT

Books In Bihar School : बिहार के स्कूलों की दशा सुधारने में शिक्षा विभाग लगा हुआ है. बच्चों को किस तरह अच्छी शिक्षा मिल पाए इसको लेकर विभाग लगा हुआ है. इसी कड़ी में अब स्कूलों में किताब की उपलब्धता है कि नहीं, इसकी जांच की जाएगी. पढ़ें पूरी खबर.

BIHAR EDUCATION DEPARTMENT Etv Bharat
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 12, 2024, 6:13 AM IST

पटना : बिहार के प्रारंभिक विद्यालयों में बच्चों को पुस्तक उपलब्ध हुई है या नहीं, इसका पता शिक्षा विभाग लगाएगा. शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूलों में जाकर जायजा लेंगे कि पुस्तक बच्चों को उपलब्ध हुई है या नहीं और विद्यालय में कितने बच्चे नामांकित है और उनमें से कितने बच्चों को पुस्तक उपलब्ध हुई हैं. आगामी 13 अप्रैल से शिक्षा विभाग अभियान चलाकर प्रदेश के प्रारंभिक स्कूलों में उपलब्ध हुई पुस्तकों की जांच करेगा.

56 प्रकाशकों को किताबें छापने की जिम्मेदारी : गौरतलब है कि, शिक्षा विभाग ने 56 प्रकाशकों को किताबें छापने की जिम्मेदारी दी है. यह प्रकाशक बिहार और दूसरे प्रदेशों के भी हैं. आगामी 15 अप्रैल से सरकारी विद्यालयों में ग्रीष्मावकाश हो रहा है लेकिन 13 अप्रैल से यह अभियान शुरू होगा. शिक्षा विभाग की कोशिश है कि ग्रीष्म अवकाश से पहले बच्चों को किताबें उपलब्ध हो जाए ताकि छुट्टी के दौरान बच्चे किताबें पढ़ सके और किताब की कमी के वजह से पढ़ाई बाधित न हो.

सवा करोड़ बच्चों के लिए किताब : शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2024-25 से संबंधित किताबें सभी प्रखंडों में मार्च के अंत तक पहुंचा दिया था. प्रखंड स्तर से विद्यालयों में पुस्तकें भेजी जानी थी. बता दें कि प्रदेश में पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को निशुल्क किताबें दी जानी है. ऐसे में बिहार राज्य पाठ्यपुस्तक निगम ने लगभग सवा करोड़ बच्चों के लिए किताबें छपवाई है.

अधिकारी इकट्ठा करेंगे जानकारी : शिक्षा विभाग ने प्रखंड स्तर पर सभी वर्ग के बच्चों के लिए कक्षा वार तरीके से किताबों का अलग-अलग सेट बनाकर भेजा है. शिक्षा विभाग के अधिकारी विद्यालयों में पुस्तकों की जांच के क्रम में सभी जानकारी इकट्ठा करेंगे और विभाग के तय प्रारूप के अनुसार जानकारी विभाग को उपलब्ध कराएंगे.

पटना : बिहार के प्रारंभिक विद्यालयों में बच्चों को पुस्तक उपलब्ध हुई है या नहीं, इसका पता शिक्षा विभाग लगाएगा. शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूलों में जाकर जायजा लेंगे कि पुस्तक बच्चों को उपलब्ध हुई है या नहीं और विद्यालय में कितने बच्चे नामांकित है और उनमें से कितने बच्चों को पुस्तक उपलब्ध हुई हैं. आगामी 13 अप्रैल से शिक्षा विभाग अभियान चलाकर प्रदेश के प्रारंभिक स्कूलों में उपलब्ध हुई पुस्तकों की जांच करेगा.

56 प्रकाशकों को किताबें छापने की जिम्मेदारी : गौरतलब है कि, शिक्षा विभाग ने 56 प्रकाशकों को किताबें छापने की जिम्मेदारी दी है. यह प्रकाशक बिहार और दूसरे प्रदेशों के भी हैं. आगामी 15 अप्रैल से सरकारी विद्यालयों में ग्रीष्मावकाश हो रहा है लेकिन 13 अप्रैल से यह अभियान शुरू होगा. शिक्षा विभाग की कोशिश है कि ग्रीष्म अवकाश से पहले बच्चों को किताबें उपलब्ध हो जाए ताकि छुट्टी के दौरान बच्चे किताबें पढ़ सके और किताब की कमी के वजह से पढ़ाई बाधित न हो.

सवा करोड़ बच्चों के लिए किताब : शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2024-25 से संबंधित किताबें सभी प्रखंडों में मार्च के अंत तक पहुंचा दिया था. प्रखंड स्तर से विद्यालयों में पुस्तकें भेजी जानी थी. बता दें कि प्रदेश में पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को निशुल्क किताबें दी जानी है. ऐसे में बिहार राज्य पाठ्यपुस्तक निगम ने लगभग सवा करोड़ बच्चों के लिए किताबें छपवाई है.

अधिकारी इकट्ठा करेंगे जानकारी : शिक्षा विभाग ने प्रखंड स्तर पर सभी वर्ग के बच्चों के लिए कक्षा वार तरीके से किताबों का अलग-अलग सेट बनाकर भेजा है. शिक्षा विभाग के अधिकारी विद्यालयों में पुस्तकों की जांच के क्रम में सभी जानकारी इकट्ठा करेंगे और विभाग के तय प्रारूप के अनुसार जानकारी विभाग को उपलब्ध कराएंगे.

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