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Income Tax की नजरों से बच कर लें दिवाली पर गिफ्ट, वरना...

क्या आप जानते हैं कि ये उपहार और बोनस टैक्स योग्य हो सकते हैं? यानी आपको नियमों के तहत टैक्स देना पड़ सकता है.

Income Tax Rules
प्रतीकात्मक फोटो (Getty Image)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 3 hours ago

नई दिल्ली: दिवाली आने में बस कुछ ही दिन बचे हैं. इस त्योहार पर लोग एक-दूसरे को तोहफे देते हैं. तोहफे की कीमत इस बात पर भी निर्भर करती है कि आपका रिश्ता किसके साथ कितना गहरा है. इस त्योहार पर कर्मचारी भी अपनी कंपनी से तोहफे (Diwali Gift) और बोनस (Diwali Bonus) पाने के लिए उत्साहित रहते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये तोहफे और बोनस टैक्सेबल (Tax on Diwali gift) हो सकते हैं? यानी इनकम टैक्स नियमों के तहत आपको इन पर टैक्स देना पड़ सकता है. आज हम आपको दिवाली और बोनस पर लगने वाले टैक्स और इन टैक्स से बचने के तरीकों (Tax Saving Tips) के बारे में बताएंगे.

दिवाली गिफ्ट और बोनस पर टैक्स आयकर अधिनियम के तहत कंपनी से मिलने वाला कोई भी तोहफा या बोनस एक पर्क माना जाता है और आपकी सैलरी का हिस्सा होने की वजह से यह टैक्स के दायरे में आता है. इसलिए बोनस से होने वाली आय पर लगने वाला टैक्स आपके ओवरऑल टैक्स स्लैब के हिसाब से तय होगा. हालांकि, कुछ दिवाली गिफ्ट और बोनस टैक्सेबल नहीं होते हैं.

  • 5,000 रुपये तक के उपहार- कंपनी से प्राप्त 5,000 रुपये तक के उपहार टैक्स योग्य नहीं हैं.
  • दूसरों से मिले गिफ्ट- गैर-रिश्तेदारों, जैसे कि ग्राहक से मिले उपहार आम तौर पर कर योग्य नहीं होते हैं, चाहे उनका मूल्य कुछ भी हो.

दिवाली उपहार और बोनस पर टैक्स बचाने के लिए सुझाव
अगर आप अपने दिवाली उपहार और बोनस पर कर का भुगतान करने से बचना चाहते हैं, तो आपको कर से बचने के इन तरीकों पर विचार करना होगा.

  • छूट का दावा करें- यदि आपके दिवाली उपहार का मूल्य 5,000 रुपये तक है, तो आप उपहार से संबंधित दस्तावेज दिखाकर छूट का दावा कर सकते हैं.
  • महंगे गिफ्ट पर इस तरह बचाएं टैक्स- अगर आपकी कंपनी आपको 5,000 रुपये से ज्यादा का गिफ्ट देने जा रही है, तो आप उनसे गिफ्ट को इस तरह से स्ट्रक्चर करने का अनुरोध कर सकते हैं कि आपको उस पर टैक्स न देना पड़े. उदाहरण के लिए, वे आपको 5,000 रुपये तक का गिफ्ट वाउचर दे सकते हैं और बाकी रकम बोनस के तौर पर दे सकते हैं.
  • कैश की जगह ये विकल्प चुनें- कैश की जगह गिफ्ट वाउचर, सोने के सिक्के या कोई भी अप्लायंस देने का विकल्प बेहतर रहेगा. क्योंकि आम तौर पर कैश बोनस की तुलना में इन पर टैक्स लगने की संभावना कम होती है.
  • दान करें- अगर आपकी कंपनी आपको अपने दिवाली बोनस का कुछ हिस्सा किसी मान्यता प्राप्त चैरिटी को दान करने की अनुमति देती है, तो आप दान की गई राशि पर टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं.

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नई दिल्ली: दिवाली आने में बस कुछ ही दिन बचे हैं. इस त्योहार पर लोग एक-दूसरे को तोहफे देते हैं. तोहफे की कीमत इस बात पर भी निर्भर करती है कि आपका रिश्ता किसके साथ कितना गहरा है. इस त्योहार पर कर्मचारी भी अपनी कंपनी से तोहफे (Diwali Gift) और बोनस (Diwali Bonus) पाने के लिए उत्साहित रहते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये तोहफे और बोनस टैक्सेबल (Tax on Diwali gift) हो सकते हैं? यानी इनकम टैक्स नियमों के तहत आपको इन पर टैक्स देना पड़ सकता है. आज हम आपको दिवाली और बोनस पर लगने वाले टैक्स और इन टैक्स से बचने के तरीकों (Tax Saving Tips) के बारे में बताएंगे.

दिवाली गिफ्ट और बोनस पर टैक्स आयकर अधिनियम के तहत कंपनी से मिलने वाला कोई भी तोहफा या बोनस एक पर्क माना जाता है और आपकी सैलरी का हिस्सा होने की वजह से यह टैक्स के दायरे में आता है. इसलिए बोनस से होने वाली आय पर लगने वाला टैक्स आपके ओवरऑल टैक्स स्लैब के हिसाब से तय होगा. हालांकि, कुछ दिवाली गिफ्ट और बोनस टैक्सेबल नहीं होते हैं.

  • 5,000 रुपये तक के उपहार- कंपनी से प्राप्त 5,000 रुपये तक के उपहार टैक्स योग्य नहीं हैं.
  • दूसरों से मिले गिफ्ट- गैर-रिश्तेदारों, जैसे कि ग्राहक से मिले उपहार आम तौर पर कर योग्य नहीं होते हैं, चाहे उनका मूल्य कुछ भी हो.

दिवाली उपहार और बोनस पर टैक्स बचाने के लिए सुझाव
अगर आप अपने दिवाली उपहार और बोनस पर कर का भुगतान करने से बचना चाहते हैं, तो आपको कर से बचने के इन तरीकों पर विचार करना होगा.

  • छूट का दावा करें- यदि आपके दिवाली उपहार का मूल्य 5,000 रुपये तक है, तो आप उपहार से संबंधित दस्तावेज दिखाकर छूट का दावा कर सकते हैं.
  • महंगे गिफ्ट पर इस तरह बचाएं टैक्स- अगर आपकी कंपनी आपको 5,000 रुपये से ज्यादा का गिफ्ट देने जा रही है, तो आप उनसे गिफ्ट को इस तरह से स्ट्रक्चर करने का अनुरोध कर सकते हैं कि आपको उस पर टैक्स न देना पड़े. उदाहरण के लिए, वे आपको 5,000 रुपये तक का गिफ्ट वाउचर दे सकते हैं और बाकी रकम बोनस के तौर पर दे सकते हैं.
  • कैश की जगह ये विकल्प चुनें- कैश की जगह गिफ्ट वाउचर, सोने के सिक्के या कोई भी अप्लायंस देने का विकल्प बेहतर रहेगा. क्योंकि आम तौर पर कैश बोनस की तुलना में इन पर टैक्स लगने की संभावना कम होती है.
  • दान करें- अगर आपकी कंपनी आपको अपने दिवाली बोनस का कुछ हिस्सा किसी मान्यता प्राप्त चैरिटी को दान करने की अनुमति देती है, तो आप दान की गई राशि पर टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं.

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