नई दिल्ली: भारत की एनर्जी एफिशिएंसी एंड कंजर्वेशन एजेंसी के उठाए गए एक नए कदम के कारण भारत में कारें बहुत महंगी हो सकती हैं. चूंकि भारत में वाहन निर्माताओं को अगले तीन सालों में कार्बन इमिशन में एक तिहाई की कटौती करनी है या फिर एनर्जी एफिशिएंसी ब्यूरो (बीईई) ने कॉर्पोरेट औसत फ्यूल एफिशिएंसी फॉर्म (सीएएफई) के तीसरे संस्करण के तहत दंड का सामना करना होगा. इसलिए इससे आपकी कारें महंगी हो सकती हैं.
एक उद्योग अधिकारी ने मीडिया को बताया कि चुनौती केवल एक ऐसा वाहन विकसित करना ही नहीं है जो सख्त सीएएफई 3 और सीएएफई 4 मानदंडों को पूरा करता हो, बल्कि इसकी कीमत भी ऐसी हो कि खरीदार हों. आप कम इमिशन वाला वाहन बना सकते हैं, लेकिन अगर इसकी कीमत अफोर्डेबल नहीं होगी, तो कोई खरीदार नहीं होगा और कोई लाभ नहीं होगा. इससे कंपनी के सीएएफई स्कोर पर असर पड़ेगा.
CAFE 3 मानदंड अप्रैल 2027 से लागू होंगे और एनर्जी एफिशिएंसी ब्यूरो ने CAFE 3 और CAFE 4 में 91.7 ग्राम CO2/किमी और 70 ग्राम CO2/किमी का प्रस्ताव दिया है.
प्रस्ताव के अनुसार, अगर कारों की औसत फ्यूल एफिशिएंसी प्रति 100 किमी 0.2 लीटर से अधिक है, तो जुर्माना प्रति वाहन 25,000 रुपये है. अगर यह इससे अधिक है, तो जुर्माना प्रति वाहन 50,000 रुपये है.