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प्राइवेट कर्मचारियों को मिलेगी 7,500 रुपये मासिक पेंशन ? 8 करोड़ लोगों को हो सकता है फायदा - EPS Pension

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 3, 2024, 3:47 PM IST

EPFO EPS Pension: सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की मंजूरी के बाद निजी क्षेत्र के लिए भी पेंशन सुधार की मांग ने जोर पकड़ लिया है. EPS-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति ने प्राइवेट सेक्टर के लिए न्यूनतम मासिक पेंशन 7,500 रुपये करने की मांग कर रही है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया है.

EPFO EPS Pension
प्रतीकात्मक तस्वीर (Getty Images)

हैदराबाद: केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की घोषणा के बाद निजी क्षेत्र की कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए पेंशन में सुधार की मांग जोर पकड़ रही है. यूपीएस के तहत सरकारी कर्मचारियों को न्यूनतम 10,000 रुपये प्रतिमाह पेंशन का प्रावधान किया गया है और अगर वे 25 साल की सर्विस पूरी करने के बाद रिटायर्ड होते हैं तो उन्हें मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलेगा.

वहीं,, प्राइवेट सेक्टर में नौकरी कर रहे कर्मचारियों को कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (ईपीएस-95) के तहत वर्तमान में केवल 1,450 रुपये औसत मासिक पेंशन मिलती है, लेकिन यूपीएस की घोषणा के बाद निजी क्षेत्र के कर्मचारी इसे बढ़ाकर 7,500 रुपये मासिक पेंशन की मांग कर रहे हैं.

हाल ही में पेंशनभोगियों के संगठन ईपीएस-95 राष्ट्रीय आंदोलन समिति के प्रतिनिधिमंडल ने नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर 7,500 रुपये प्रति माह किए जाने की मांग की थी. सीतारमण ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को आश्वासन दिया कि सरकार उनकी मांगों को लेकर गंभीर है और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के हितों के लिए उचित कदम उठाएगी. सीतारमण ने ईपीएफओ के प्रस्तावों पर भी गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया है.

सरकार वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध
ईपीएस-95 राष्ट्रीय आंदोलन समिति (एनएसी) में करीब 78 लाख सेवानिवृत्त पेंशनर्स और औद्योगिक क्षेत्रों के 7.5 करोड़ कर्मचारी शामिल हैं. एनएसी ने एक बयान में कहा है कि प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त करते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि सरकार ईपीएफओ द्वारा सुझाए गए प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार कर रही है. उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार पेंशनर्स के लिए वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसका समाधान निकाला जाएगा.

करोड़ों लोगों को होगा फायदा
बता दें, बीते अगस्त महीने की शुरुआत में ईपीएस-95 एनएसी के प्रतिनिधियों ने केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया से भी मुलाकात की थी. मंडाविया ने आश्वासन दिया था कि सरकार उनकी मांग को पूरा करने के लिए जरूरी कदम उठाएगी. अगर सरकार समिति का मांगों को पूरा करती है कि ईपीएफओ से जुड़े करोड़ों लोगों को फायदा होगा.

ईपीएस पेंशनर्स के लिए पूर्ण चिकित्सा कवरेज की भी मांग
ईपीएस-95 राष्ट्रीय आंदोलन समिति लंबे समय से निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए पेंशन में सुधार की मांग कर ही है. समिति के सदस्य इसको लेकर विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं. पेंशन सुधार के अलावा समिति की मांग है कि ईपीएस सदस्यों और उनके पत्नी को पूर्ण चिकित्सा कवरेज भी प्रदान किया जाए. समिति के अध्यक्ष अशोक राउत का कहना है कि पेंशनभोगी पिछले आठ वर्षों से न्यूनतम पेंशन में वृद्धि की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है.

यह भी पढ़ें- PF कटने से कितनी मिलती है पेंशन? प्राइवेट कर्मी को कितने साल करनी होती है नौकरी? जानें

हैदराबाद: केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की घोषणा के बाद निजी क्षेत्र की कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए पेंशन में सुधार की मांग जोर पकड़ रही है. यूपीएस के तहत सरकारी कर्मचारियों को न्यूनतम 10,000 रुपये प्रतिमाह पेंशन का प्रावधान किया गया है और अगर वे 25 साल की सर्विस पूरी करने के बाद रिटायर्ड होते हैं तो उन्हें मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलेगा.

वहीं,, प्राइवेट सेक्टर में नौकरी कर रहे कर्मचारियों को कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (ईपीएस-95) के तहत वर्तमान में केवल 1,450 रुपये औसत मासिक पेंशन मिलती है, लेकिन यूपीएस की घोषणा के बाद निजी क्षेत्र के कर्मचारी इसे बढ़ाकर 7,500 रुपये मासिक पेंशन की मांग कर रहे हैं.

हाल ही में पेंशनभोगियों के संगठन ईपीएस-95 राष्ट्रीय आंदोलन समिति के प्रतिनिधिमंडल ने नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर 7,500 रुपये प्रति माह किए जाने की मांग की थी. सीतारमण ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को आश्वासन दिया कि सरकार उनकी मांगों को लेकर गंभीर है और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के हितों के लिए उचित कदम उठाएगी. सीतारमण ने ईपीएफओ के प्रस्तावों पर भी गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया है.

सरकार वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध
ईपीएस-95 राष्ट्रीय आंदोलन समिति (एनएसी) में करीब 78 लाख सेवानिवृत्त पेंशनर्स और औद्योगिक क्षेत्रों के 7.5 करोड़ कर्मचारी शामिल हैं. एनएसी ने एक बयान में कहा है कि प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त करते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि सरकार ईपीएफओ द्वारा सुझाए गए प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार कर रही है. उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार पेंशनर्स के लिए वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसका समाधान निकाला जाएगा.

करोड़ों लोगों को होगा फायदा
बता दें, बीते अगस्त महीने की शुरुआत में ईपीएस-95 एनएसी के प्रतिनिधियों ने केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया से भी मुलाकात की थी. मंडाविया ने आश्वासन दिया था कि सरकार उनकी मांग को पूरा करने के लिए जरूरी कदम उठाएगी. अगर सरकार समिति का मांगों को पूरा करती है कि ईपीएफओ से जुड़े करोड़ों लोगों को फायदा होगा.

ईपीएस पेंशनर्स के लिए पूर्ण चिकित्सा कवरेज की भी मांग
ईपीएस-95 राष्ट्रीय आंदोलन समिति लंबे समय से निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए पेंशन में सुधार की मांग कर ही है. समिति के सदस्य इसको लेकर विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं. पेंशन सुधार के अलावा समिति की मांग है कि ईपीएस सदस्यों और उनके पत्नी को पूर्ण चिकित्सा कवरेज भी प्रदान किया जाए. समिति के अध्यक्ष अशोक राउत का कहना है कि पेंशनभोगी पिछले आठ वर्षों से न्यूनतम पेंशन में वृद्धि की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है.

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