हैदराबाद: कोई भी खरीददारी बिना रुपयों के संभव नहीं है. कोई भी चीज जो आप खरीदते हैं, उसका मूल्य आपको रुपये देकर चुकाना होता है. इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी मुद्राएं प्रचलन में लाई गई हैं. इन मुद्राओं में सिक्के और नोट दोनों ही शामिल हैं, जो बाजार में लेन-देन में काम आती है. लेकिन जब आप कोई ऐसा उत्पाद खरीदते हैं, जिसकी MRP यानी अधिकतम खुदरा मूल्य रुपये के साथ-साथ पैसे में भी होता है, तो यहां पर आपको उसकी उत्पाद की ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है.
लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि ऐसे उत्पादों की कीमत पैसों में लिखी होती है, जबकि बाजार में पैसों की प्रचलन काफी समय पहले ही बंद कर दिया गया है. क्या इनके मूल्य निर्धारित करते समय इसका ध्यान नहीं दिया जाता है कि बाजार में पैसों को प्रचलन खत्म हो चुका है और पैसों के प्रचलन में न होने के बाद भी पैसों में कीमत लिख कर क्यों आती है. यहां हम आपको इसी के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं.
कैसे होता है मूल्य निर्धारण: दवाओं के मूल्य निर्धारण का काम 'राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण' के अंतर्गत आता है. फार्मा कंपनियां जो दवाएं बनाती हैं, उन्हें बनाने के लिए इस्तेमाल की गई लागत, दवा बनाने के लिए किए गए शोध और अन्य सारे सरकारी टैक्स को लगाने के बाद कंपनी के मुनाफे के साथ दवाओं की कीमत का निर्धारण होता है. इसी के चलते दवाओं की कीमत सिर्फ रुपये में न होकर पैसों में भी होती है.
थोक खरीददारी में अहम है पैसों में लेन-देन: दवाओं की कम मात्रा खरीदने पर पैसों की यह कीमत ज्यादा अहम नहीं होती है, लेकिन जब आप इन्हें ज्यादा संख्या में खरीदते हैं, तब यह आपकी जेब पर बड़ा असर डाल सकती हैं. उदाहरण के तौर पर अगर किसी दवा की कीमत 20.10 रुपये है, तो जब आप इसका एक पैकेट खरीदते हैं, तो आपको 21 रुपये देने होंगे. लेकिन जब आप उसी दवा के 10 पैकेट खरीदते हैं, तब आपको इसकी असल कीमत के हिसाब से 201 रुपये देने होंगे, न कि 210 रुपये.
कैसे कर सकते हैं MRP पर भुगतान: अब बात आती है कि जब पैसे प्रचलन में नहीं हैं, तो इनकी कीमत पैसों में क्यों होती है. दरअसल आप इन दवाओं की खरीदारी पैसों में भी कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको चेक, क्रेडिट कार्ड या नेट बैकिंग का इस्तेमाल करना होगा. इन माध्यमों का इस्तेमाल कर आप दवाओं की निश्चित MRP पर ही भुगतान कर सकते हैं. लेकिन अगर आप करेंसी से दवाएं खरीदना चाहते हैं, तो आपको अधिक मूल्य चुकाना पड़ेगा.
देश में कितने पैसों तक की करेंसी है प्रचलन में: अब सवाल आता है कि देश में कितने रुपये और कितने पैसों तक की करेंसी प्रचलन में है. तो आरबीआई की वेबसाइट के अनुसार भारत में वर्तमान में 10 रुपये, 20 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये, 200 रुपये और 500 रुपये मूल्यवर्ग के बैंकनोट प्रचलन में हैं. वहीं सिक्कों की बात करें तो मौजूदा समय में 50 पैसे, एक रुपया, दो रुपये, पांच रुपये, दस रुपये तथा बीस रुपये के मूल्यवर्ग के सिक्के जारी किए जा रहे हैं.