ETV Bharat / business

कौन है वो वित्त मंत्री जिसने पेश नहीं किया एक भी बजट? हैरान कर देगी बजट जुड़े ये दिलचस्प बातें - Union Budget 2024

author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 19, 2024, 6:01 AM IST

2024-25 का बजट 23 जुलाई को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया जाएगा. दिलचस्प बात यह है कि यह भाजपा के नेतृत्व वाली नई एनडीए सरकार का पहला बजट होगा. आज हम जानेंगे बजट से जुड़ें कुछ दिलचस्प बातों को. पढ़ें पूरी खबर...

Union Budget 2024
बजट 2024 (ETV Bharat)

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को केंद्रीय बजट 2024 पेश करेंगी. केंद्रीय बजट की प्रस्तुति हर साल आर्थिक महत्व का क्षण माना जाता है. क्योंकि वित्त मंत्री नए वित्तीय वर्ष के लिए राजकोषीय रोडमैप का अनावरण करते हैं. जब भी वित्त मंत्री संसद में केंद्रीय बजट पेश करते हैं, तो नागरिक घोषणा का बेसब्री से इंतजार करते हैं. चूंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024 के लोकसभा चुनावों के कारण इस साल 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया था. इसलिए अब वह वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट पेश करेंगी. आज हम इस खबर के माध्यम से भारत के बजट के बारे में कुछ इंटरेस्टिंग बातें जानते है.

  1. बजट शब्द की उत्पत्ति- 'बजट' शब्द फ्रेंच शब्द 'बौगेट' से लिया गया है. इस शब्द का अर्थ है चमड़े का ब्रीफकेस. यही कारण है कि हमने भारत के सभी वित्त मंत्रियों को बजट की घोषणा के दिन अपने दस्तावेज चमड़े के ब्रीफकेस में ले जाते देखा गया है. भारतीयों को यह ब्रीफकेस अंग्रेजों से विरासत में मिला था.
  2. पहला बजट- स्वतंत्रता के बाद पहला भारतीय बजट 26 नवंबर 1947 को तत्कालीन वित्त मंत्री श्री आरके शानमुखम चेट्टी द्वारा पेश किया गया था. बजट में भारत की अर्थव्यवस्था का एक बुनियादी अवलोकन था और इसमें कोई बदलाव या प्रस्ताव नहीं था. पहले बजट में 171.15 करोड़ रुपये के बजट राजस्व का लक्ष्य रखा गया था और उस वर्ष के लिए कुल व्यय 197.29 करोड़ रुपये अनुमानित था.
  3. स्वतंत्रता से पहले- भारत में भारत का पहला बजट 7 अप्रैल, 1860 को स्वतंत्रता-पूर्व भारत में पेश किया गया था. जब ईस्ट इंडिया कंपनी के जेम्स विल्सन ने इसे ब्रिटिश क्राउन के सामने पेश किया था.
  4. किसी मंत्री द्वारा अधिकतम केंद्रीय बजट- वित्त मंत्री मोरारजी देसाई ने रिकॉर्ड 10 बार केंद्रीय बजट पेश किया, उसके बाद पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम (9), पूर्व वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी (8), पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा (8) और पूर्व वित्त मंत्री मनमोहन सिंह (6) का स्थान रहा.
  5. केंद्रीय बजट का विलय- 92 वर्षों तक अलग-अलग पेश किए जाने के बाद, रेल बजट को 2017 में केंद्रीय बजट में मिला दिया गया; रेल बजट को केंद्रीय बजट में मिला दिया गया.
  6. केंद्रीय बजट की अवधारणा के पीछे का आदमी- आप में से बहुत से लोग यह नहीं जानते होंगे, लेकिन प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस केंद्रीय बजट की अवधारणा को तैयार करने के पीछे के व्यक्ति थे. वह एक भारतीय वैज्ञानिक और स्टैटिक्स थे, जो भारत के योजना आयोग के मुख्य सदस्यों में से एक थे.
  7. केंद्रीय बजट पेश करने वाले पहले प्रधानमंत्री- केंद्रीय बजट आमतौर पर वित्त मंत्री द्वारा पेश किया जाता है. पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू वित्त वर्ष 1958-1959 के लिए केंद्रीय बजट पेश करने वाले पहले प्रधानमंत्री थे. इंदिरा गांधी (1970) और राजीव गांधी (1987) ही ऐसे दो प्रधानमंत्री थे जिन्होंने केंद्रीय बजट पेश किया था.
  8. सभी के लिए बजट- वर्ष 1955 में, तत्कालीन वित्त मंत्री सीडी देशमुख ने बजट दस्तावेज को भारत के सभी नागरिकों के लिए सुलभ और समावेशी बनाने की आवश्यकता को पहचाना. उन्होंने बजट को अंग्रेजी और हिंदी दोनों में छपवाया.
  9. केंद्रीय बजट पेश नहीं करने वाले मंत्री- केसी नियोगी और एचएन बहुगुणा केवल दो ऐसे वित्त मंत्री हैं जिन्होंने भारत का केंद्रीय बजट पेश नहीं किया. ऐसा इसलिए था क्योंकि वे दो बजट दिनों के बीच इतने कम समय के लिए पद पर रहे कि उन्हें बजट पेश करने का कोई अवसर नहीं मिला. नियोगी, जो भारत के दूसरे वित्त मंत्री थे, उन्होंने केवल 35 दिनों के लिए पद संभाला.
  10. पेपरलेस बजट- 1 फरवरी, 2021 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहला पेपरलेस बजट पेश किया. भारत में चल रही कोविड-19 महामारी के कारण ऐसा किया गया.
  11. इंफ्रास्ट्रक्चर शब्द- पहले 30 वर्षों तक, बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर शब्द नहीं था. इसे 1900 के दशक में बजट में पेश किया गया था.
  12. बजट प्रकाशन भाषाएं- 1955-56 से, बजट दस्तावेज अंग्रेजी और हिंदी दोनों में पब्लिश किए जाते हैं. इससे पहले, बजट केवल अंग्रेजी में ही छपता था.
  13. केंद्रीय बजट पेश करने वाली पहली महिला- पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी वित्त वर्ष 1970-71 के लिए केंद्रीय बजट पेश करने वाली पहली महिला थीं.
  14. बजट पेश करने वाली दूसरी महिला- 5 जुलाई 2019 को, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के बाद बजट पेश करने वाली दूसरी महिला बनीं. वह भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री हैं.
  15. समय में बदलाव- वर्ष 1999 में वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने केंद्रीय बजट पेश करने का समय शाम 5 बजे से बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया.
  16. गिफ्ट टैक्स- पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कर चोरी को और अधिक कठिन बनाने के लिए वित्त वर्ष 1958-1959 के बजट में उपहार कर की शुरुआत की थी.
  17. वस्तु एवं सेवा कर- 28 फरवरी 2006 को तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बजट में वस्तु एवं सेवा कर की शुरुआत की थी.
  18. ब्रीफकेस की जगह बही खाता- वर्ष 2019 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मानक बजट ब्रीफकेस की जगह राष्ट्रीय प्रतीक के साथ पारंपरिक 'बही खाता' रखा.
  19. हलवा समारोह- परंपराओं के अनुसार, वित्त मंत्री वित्त मंत्रालय (नॉर्थ ब्लॉक) के तहखाने में हलवा समारोह आयोजित करते हैं, जो विशेष रूप से बजट की छपाई के लिए बनाया गया स्थान है. यह समारोह बजट तैयार करने में मदद करने वाले सदस्यों की कड़ी मेहनत का उत्सव है. यह समारोह बजट पेश किए जाने से 9 से 10 दिन पहले होता है, इस प्रकार यह बजट दिवस तक कर्मचारियों और सदस्यों के लिए 'लॉक इन' का प्रतीक है, जो बाकी दुनिया से अलग-थलग रहते हैं. यह सुनिश्चित करना है कि कोई लीक न हो.
  20. सबसे लंबा बजट भाषण- चार बार सीतारमण ने सबसे लंबा भाषण देने का रिकॉर्ड बनाया है, जब उन्होंने 1 फरवरी, 2020 को 2020-21 के केंद्रीय बजट को पेश करते हुए दो घंटे और 42 मिनट तक बात की थी. दो पृष्ठ अभी भी शेष होने के कारण, उन्हें अपना भाषण छोटा करना पड़ा. उन्होंने जुलाई 2019 - अपने पहले बजट - का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा, जब उन्होंने दो घंटे और 17 मिनट तक बात की थी.
  21. सबसे शब्दों वाला बजट भाषण- पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भले ही कम बोलने वाले व्यक्ति रहे हों. लेकिन वित्त मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने 1991 में सबसे अधिक शब्दों - 18,650 - के साथ भाषण दिया था.
  22. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के वित्त मंत्री- मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के वित्त मंत्री अरुण जेटली थे. जेटली ने एक घंटे और 49 मिनट तक भाषण दिया था. 18,604 शब्दों के साथ दूसरे स्थान पर हैं.
  23. सबसे छोटा बजट भाषण- 1977 का बजट भाषण, तत्कालीन वित्त मंत्री हीरूभाई मुलजीभाई पटेल द्वारा दिया गया, जो सिर्फ 800 शब्दों का था.
  24. प्रिंटिंग का स्थान- भारतीय केंद्रीय बजट वर्ष 1950 तक राष्ट्रपति भवन में मुद्रित किया गया था जब यह लीक हो गया और नई दिल्ली के मिंटो रोड स्थित एक प्रेस में ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा. वर्ष 1980 में नॉर्थ ब्लॉक में एक सरकारी प्रेस स्थापित किया गया था अंतरिम बजट को वोट ऑन अकाउंट भी कहा जाता है. अंतरिम बजट सीमित अवधि के लिए खर्च करने की अनुमति लेने के लिए संसद से पेश किया जाता है. चुनावों के बाद, नई सरकार बजट को अंतिम रूप देगी और एक और बजट पेश करने का विकल्प चुन सकती है जो पूर्ण बजट होता है. पूर्ण बजट पूरे वित्तीय वर्ष के लिए तैयार किया जाता है.

ये भी पढ़ें-

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को केंद्रीय बजट 2024 पेश करेंगी. केंद्रीय बजट की प्रस्तुति हर साल आर्थिक महत्व का क्षण माना जाता है. क्योंकि वित्त मंत्री नए वित्तीय वर्ष के लिए राजकोषीय रोडमैप का अनावरण करते हैं. जब भी वित्त मंत्री संसद में केंद्रीय बजट पेश करते हैं, तो नागरिक घोषणा का बेसब्री से इंतजार करते हैं. चूंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024 के लोकसभा चुनावों के कारण इस साल 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया था. इसलिए अब वह वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट पेश करेंगी. आज हम इस खबर के माध्यम से भारत के बजट के बारे में कुछ इंटरेस्टिंग बातें जानते है.

  1. बजट शब्द की उत्पत्ति- 'बजट' शब्द फ्रेंच शब्द 'बौगेट' से लिया गया है. इस शब्द का अर्थ है चमड़े का ब्रीफकेस. यही कारण है कि हमने भारत के सभी वित्त मंत्रियों को बजट की घोषणा के दिन अपने दस्तावेज चमड़े के ब्रीफकेस में ले जाते देखा गया है. भारतीयों को यह ब्रीफकेस अंग्रेजों से विरासत में मिला था.
  2. पहला बजट- स्वतंत्रता के बाद पहला भारतीय बजट 26 नवंबर 1947 को तत्कालीन वित्त मंत्री श्री आरके शानमुखम चेट्टी द्वारा पेश किया गया था. बजट में भारत की अर्थव्यवस्था का एक बुनियादी अवलोकन था और इसमें कोई बदलाव या प्रस्ताव नहीं था. पहले बजट में 171.15 करोड़ रुपये के बजट राजस्व का लक्ष्य रखा गया था और उस वर्ष के लिए कुल व्यय 197.29 करोड़ रुपये अनुमानित था.
  3. स्वतंत्रता से पहले- भारत में भारत का पहला बजट 7 अप्रैल, 1860 को स्वतंत्रता-पूर्व भारत में पेश किया गया था. जब ईस्ट इंडिया कंपनी के जेम्स विल्सन ने इसे ब्रिटिश क्राउन के सामने पेश किया था.
  4. किसी मंत्री द्वारा अधिकतम केंद्रीय बजट- वित्त मंत्री मोरारजी देसाई ने रिकॉर्ड 10 बार केंद्रीय बजट पेश किया, उसके बाद पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम (9), पूर्व वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी (8), पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा (8) और पूर्व वित्त मंत्री मनमोहन सिंह (6) का स्थान रहा.
  5. केंद्रीय बजट का विलय- 92 वर्षों तक अलग-अलग पेश किए जाने के बाद, रेल बजट को 2017 में केंद्रीय बजट में मिला दिया गया; रेल बजट को केंद्रीय बजट में मिला दिया गया.
  6. केंद्रीय बजट की अवधारणा के पीछे का आदमी- आप में से बहुत से लोग यह नहीं जानते होंगे, लेकिन प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस केंद्रीय बजट की अवधारणा को तैयार करने के पीछे के व्यक्ति थे. वह एक भारतीय वैज्ञानिक और स्टैटिक्स थे, जो भारत के योजना आयोग के मुख्य सदस्यों में से एक थे.
  7. केंद्रीय बजट पेश करने वाले पहले प्रधानमंत्री- केंद्रीय बजट आमतौर पर वित्त मंत्री द्वारा पेश किया जाता है. पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू वित्त वर्ष 1958-1959 के लिए केंद्रीय बजट पेश करने वाले पहले प्रधानमंत्री थे. इंदिरा गांधी (1970) और राजीव गांधी (1987) ही ऐसे दो प्रधानमंत्री थे जिन्होंने केंद्रीय बजट पेश किया था.
  8. सभी के लिए बजट- वर्ष 1955 में, तत्कालीन वित्त मंत्री सीडी देशमुख ने बजट दस्तावेज को भारत के सभी नागरिकों के लिए सुलभ और समावेशी बनाने की आवश्यकता को पहचाना. उन्होंने बजट को अंग्रेजी और हिंदी दोनों में छपवाया.
  9. केंद्रीय बजट पेश नहीं करने वाले मंत्री- केसी नियोगी और एचएन बहुगुणा केवल दो ऐसे वित्त मंत्री हैं जिन्होंने भारत का केंद्रीय बजट पेश नहीं किया. ऐसा इसलिए था क्योंकि वे दो बजट दिनों के बीच इतने कम समय के लिए पद पर रहे कि उन्हें बजट पेश करने का कोई अवसर नहीं मिला. नियोगी, जो भारत के दूसरे वित्त मंत्री थे, उन्होंने केवल 35 दिनों के लिए पद संभाला.
  10. पेपरलेस बजट- 1 फरवरी, 2021 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहला पेपरलेस बजट पेश किया. भारत में चल रही कोविड-19 महामारी के कारण ऐसा किया गया.
  11. इंफ्रास्ट्रक्चर शब्द- पहले 30 वर्षों तक, बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर शब्द नहीं था. इसे 1900 के दशक में बजट में पेश किया गया था.
  12. बजट प्रकाशन भाषाएं- 1955-56 से, बजट दस्तावेज अंग्रेजी और हिंदी दोनों में पब्लिश किए जाते हैं. इससे पहले, बजट केवल अंग्रेजी में ही छपता था.
  13. केंद्रीय बजट पेश करने वाली पहली महिला- पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी वित्त वर्ष 1970-71 के लिए केंद्रीय बजट पेश करने वाली पहली महिला थीं.
  14. बजट पेश करने वाली दूसरी महिला- 5 जुलाई 2019 को, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के बाद बजट पेश करने वाली दूसरी महिला बनीं. वह भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री हैं.
  15. समय में बदलाव- वर्ष 1999 में वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने केंद्रीय बजट पेश करने का समय शाम 5 बजे से बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया.
  16. गिफ्ट टैक्स- पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कर चोरी को और अधिक कठिन बनाने के लिए वित्त वर्ष 1958-1959 के बजट में उपहार कर की शुरुआत की थी.
  17. वस्तु एवं सेवा कर- 28 फरवरी 2006 को तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बजट में वस्तु एवं सेवा कर की शुरुआत की थी.
  18. ब्रीफकेस की जगह बही खाता- वर्ष 2019 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मानक बजट ब्रीफकेस की जगह राष्ट्रीय प्रतीक के साथ पारंपरिक 'बही खाता' रखा.
  19. हलवा समारोह- परंपराओं के अनुसार, वित्त मंत्री वित्त मंत्रालय (नॉर्थ ब्लॉक) के तहखाने में हलवा समारोह आयोजित करते हैं, जो विशेष रूप से बजट की छपाई के लिए बनाया गया स्थान है. यह समारोह बजट तैयार करने में मदद करने वाले सदस्यों की कड़ी मेहनत का उत्सव है. यह समारोह बजट पेश किए जाने से 9 से 10 दिन पहले होता है, इस प्रकार यह बजट दिवस तक कर्मचारियों और सदस्यों के लिए 'लॉक इन' का प्रतीक है, जो बाकी दुनिया से अलग-थलग रहते हैं. यह सुनिश्चित करना है कि कोई लीक न हो.
  20. सबसे लंबा बजट भाषण- चार बार सीतारमण ने सबसे लंबा भाषण देने का रिकॉर्ड बनाया है, जब उन्होंने 1 फरवरी, 2020 को 2020-21 के केंद्रीय बजट को पेश करते हुए दो घंटे और 42 मिनट तक बात की थी. दो पृष्ठ अभी भी शेष होने के कारण, उन्हें अपना भाषण छोटा करना पड़ा. उन्होंने जुलाई 2019 - अपने पहले बजट - का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा, जब उन्होंने दो घंटे और 17 मिनट तक बात की थी.
  21. सबसे शब्दों वाला बजट भाषण- पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भले ही कम बोलने वाले व्यक्ति रहे हों. लेकिन वित्त मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने 1991 में सबसे अधिक शब्दों - 18,650 - के साथ भाषण दिया था.
  22. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के वित्त मंत्री- मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के वित्त मंत्री अरुण जेटली थे. जेटली ने एक घंटे और 49 मिनट तक भाषण दिया था. 18,604 शब्दों के साथ दूसरे स्थान पर हैं.
  23. सबसे छोटा बजट भाषण- 1977 का बजट भाषण, तत्कालीन वित्त मंत्री हीरूभाई मुलजीभाई पटेल द्वारा दिया गया, जो सिर्फ 800 शब्दों का था.
  24. प्रिंटिंग का स्थान- भारतीय केंद्रीय बजट वर्ष 1950 तक राष्ट्रपति भवन में मुद्रित किया गया था जब यह लीक हो गया और नई दिल्ली के मिंटो रोड स्थित एक प्रेस में ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा. वर्ष 1980 में नॉर्थ ब्लॉक में एक सरकारी प्रेस स्थापित किया गया था अंतरिम बजट को वोट ऑन अकाउंट भी कहा जाता है. अंतरिम बजट सीमित अवधि के लिए खर्च करने की अनुमति लेने के लिए संसद से पेश किया जाता है. चुनावों के बाद, नई सरकार बजट को अंतिम रूप देगी और एक और बजट पेश करने का विकल्प चुन सकती है जो पूर्ण बजट होता है. पूर्ण बजट पूरे वित्तीय वर्ष के लिए तैयार किया जाता है.

ये भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.