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चरम पर बेरोजगारी, लाखों लोगों का छिना रोजगार, इस क्षेत्र के लोग हुए सबसे ज्यादा प्रभावित - Unemployment rate rises in India

Unemployment rate rises in India- क्या भारत में बेरोजगारी अपने चरम पर पहुंच चुकी है? चुनावी महौल के बीच आखिर क्यों एक बार फिर बेरोजगारी का मुद्दा चर्चा में हैं? सीएमआईई के उपभोक्ता पिरामिड हाउसहोल्ड सर्वे ने डेटा जारी कर बताया है कि भारत में अप्रैल महीने में लाखों लोगों की नौकरी छीनी है. पढ़ें पूरी खबर...

Unemployment in India
बेरोजगारी (प्रतीकात्मक फोटो) (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 10, 2024, 2:18 PM IST

Updated : May 10, 2024, 5:15 PM IST

नई दिल्ली: देश में 15 साल और उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों के बीच बेरोजगारी दर अप्रैल 2024 में बढ़कर 8.1 फीसदी पर पहुंच गई है. मार्च में यह 7.4 फीसदी रही थी. सीएमआईई के उपभोक्ता पिरामिड हाउसहोल्ड सर्वे के अनुसार, भारत में बेरोजगारी दर मार्च 2024 में 7.4 फीसदी से बढ़कर अप्रैल 2024 में 8.1 फीसदी हो गई. शहरी भारत के साथ-साथ ग्रामीण भारत में भी बेरोजगारी दर बढ़ी है.

CMIE’s Consumer Pyramids Household Survey
सीएमआईई का उपभोक्ता पिरामिड घरेलू सर्वेक्षण (CMIE)

ग्रामीण बेरोजगारी दर मार्च में 7.1 फीसदी से बढ़कर अप्रैल में 7.8 फीसदी हो गई. शहर की बेरोजगारी रेट 8.1 फीसदी से बढ़कर 8.7 फीसदी हो गई है. आकड़ें के मुताबिक अप्रैल महीने में लाखों लोगों की नौकरी गई है. इसमें सबसे अधिक गांव के लोग प्रभावित हुए है.

अप्रैल में श्रम भागीदारी दर (एलपीआर) के साथ-साथ रोजगार दर में गिरावट के साथ बेरोजगारी दर में वृद्धि दर्ज की गई. भारत में एलपीआर अप्रैल में घटकर 40.9 फीसदी हो गया, जो पिछले महीने में 41.1 फीसदी था. रोजगार दर, जो कामकाजी उम्र की आबादी (15 वर्ष और उससे अधिक आयु) में नियोजित व्यक्तियों का अनुपात है, अप्रैल 2024 में 38.1 फीसदी से गिरकर 37.6 फीसदी हो गई.

चुनावी रैली के बीच रोजगार में गिरावट- सीएमआईई के उपभोक्ता पिरामिड हाउसहोल्ड सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के बीच बेरोजगारी दर अप्रैल 2024 में बढ़कर 8.1 फीसदी हो गई. मार्च 2024 में यह 7.4 फीसदी थी. पिछले 12 महीनों में, यह दर 7.3 फीसदी से 9.4 फीसदी के बीच रही, जो औसतन 8.15 फीसदी थी. अप्रैल में दर्ज की गई 8.1 फीसदी की बेरोजगारी दर हाल के दिनों में दर्ज किए गए ऊंचे स्तर के समान है.

2023-24 में व्यापारिक निर्यात में गिरावट- डीजीसीआईएंडएस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 2023-24 में भारत का व्यापारिक निर्यात 3 फीसदी कम हो गया. निर्यात आय 2022-23 में 450.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर से गिरकर 2023-24 में 437.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गई. यह गिरावट 2022-23 में करीब 6.7 फीसदी के विस्तार के बाद आई है. यह संकुचन कई कारकों के संयोजन के कारण था, जिसमें कमजोर विश्व के कारण व्यापार की मात्रा में वृद्धि में मंदी भी शामिल थी.

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नई दिल्ली: देश में 15 साल और उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों के बीच बेरोजगारी दर अप्रैल 2024 में बढ़कर 8.1 फीसदी पर पहुंच गई है. मार्च में यह 7.4 फीसदी रही थी. सीएमआईई के उपभोक्ता पिरामिड हाउसहोल्ड सर्वे के अनुसार, भारत में बेरोजगारी दर मार्च 2024 में 7.4 फीसदी से बढ़कर अप्रैल 2024 में 8.1 फीसदी हो गई. शहरी भारत के साथ-साथ ग्रामीण भारत में भी बेरोजगारी दर बढ़ी है.

CMIE’s Consumer Pyramids Household Survey
सीएमआईई का उपभोक्ता पिरामिड घरेलू सर्वेक्षण (CMIE)

ग्रामीण बेरोजगारी दर मार्च में 7.1 फीसदी से बढ़कर अप्रैल में 7.8 फीसदी हो गई. शहर की बेरोजगारी रेट 8.1 फीसदी से बढ़कर 8.7 फीसदी हो गई है. आकड़ें के मुताबिक अप्रैल महीने में लाखों लोगों की नौकरी गई है. इसमें सबसे अधिक गांव के लोग प्रभावित हुए है.

अप्रैल में श्रम भागीदारी दर (एलपीआर) के साथ-साथ रोजगार दर में गिरावट के साथ बेरोजगारी दर में वृद्धि दर्ज की गई. भारत में एलपीआर अप्रैल में घटकर 40.9 फीसदी हो गया, जो पिछले महीने में 41.1 फीसदी था. रोजगार दर, जो कामकाजी उम्र की आबादी (15 वर्ष और उससे अधिक आयु) में नियोजित व्यक्तियों का अनुपात है, अप्रैल 2024 में 38.1 फीसदी से गिरकर 37.6 फीसदी हो गई.

चुनावी रैली के बीच रोजगार में गिरावट- सीएमआईई के उपभोक्ता पिरामिड हाउसहोल्ड सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के बीच बेरोजगारी दर अप्रैल 2024 में बढ़कर 8.1 फीसदी हो गई. मार्च 2024 में यह 7.4 फीसदी थी. पिछले 12 महीनों में, यह दर 7.3 फीसदी से 9.4 फीसदी के बीच रही, जो औसतन 8.15 फीसदी थी. अप्रैल में दर्ज की गई 8.1 फीसदी की बेरोजगारी दर हाल के दिनों में दर्ज किए गए ऊंचे स्तर के समान है.

2023-24 में व्यापारिक निर्यात में गिरावट- डीजीसीआईएंडएस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 2023-24 में भारत का व्यापारिक निर्यात 3 फीसदी कम हो गया. निर्यात आय 2022-23 में 450.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर से गिरकर 2023-24 में 437.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गई. यह गिरावट 2022-23 में करीब 6.7 फीसदी के विस्तार के बाद आई है. यह संकुचन कई कारकों के संयोजन के कारण था, जिसमें कमजोर विश्व के कारण व्यापार की मात्रा में वृद्धि में मंदी भी शामिल थी.

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Last Updated : May 10, 2024, 5:15 PM IST
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