नई दिल्ली: गरीबी बेरोजगारी और कंगाली की कगार पर खड़े पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था वर्तमान में भारत के दसवें हिस्से के बराबर भी नहीं है. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की हालत इतनी खराब है कि उससे ज्यादा मार्केट कैप भारतीय कारोबारी टाटा समूह की है. जी हां, यह सच है. टाटा समूह की कंपनियों ने पिछले एक साल में शानदार रिटर्न दिया है, जिससे समूह का संयुक्त मार्केट कैप पड़ोसी देश पाकिस्तान की पूरी अर्थव्यवस्था से भी अधिक हो गया है. एक मीडिया रिपोर्ट के के मुताबिक ये बात कही गई है.
बता दे, भारत के सबसे बड़े व्यापारिक समूह का मार्केट कैप 365 बिलियन डॉलर यानी कि लगभग 30.3 लाख करोड़ रुपये है, जो अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पाकिस्तान के GDP के अनुमान से काफी ज्यादा है. दरअसल, पाकिस्तान का टोटल GDP 341 बिलियन डॉलर है यानी कि लगभग 20 लाख करोड़ रुपये. मतलब, पाकिस्तान की कुल अर्थव्यवस्था और टाटा समूह के मार्केट कैप में 2 लाख करोड़ रुपये का फर्क है. टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), जिसका प्राइस लगभग 15 लाख करोड़ रुपये यानी कि170 बिलियन डॉलर है, वह ना केवल भारत की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है, बल्कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का लगभग आधा साइज है.
इस रिटर्न के बदौलत टाटा ग्रूप का कंबाइंड कीमत अब संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की पूरी अर्थव्यवस्था से काफी ज्यादा हो गया है. पाकिस्तान फिलहाल राजनीतिक अस्थिरता, लोन संकट और इंफ्लेशन से जूझ रहा है. पाकिस्तान की अगर बात करें, तो यह भारत की जनसंख्या के मुकाबले पांच गुना कम है, वहीं अगर अर्थव्यवस्था की तुलना की जाए तो वह भारत के मुकाबले कई गुना कम है. भारत की अर्थव्यवस्था IMF के मुताबिक, 4.11 ट्रिलियन डॉलर है. भारत विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.