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स्विटजरलैंड से भारतीय कंपनियों को झटका, GTRI ने किया इशारा...निवेशकों पर पड़ेगा असर! - SWITZERLAND MFN IMPACT ON MARKET

स्विट्जरलैंड ने एमएफएन को समाप्त कर दिया है. GTRI के मुताबिक इसका असर भारतीय निवेशकों पर देखने को मिल सकता है.

Switzerland MFN impact on Market
प्रतीकात्मक फोटो (Getty Image)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 3 hours ago

नई दिल्ली: भारत के लिए सबसे पसंदीदा राष्ट्र (MFN) का दर्जा निलंबित करने के स्विटजरलैंड के हालिया फैसले से आईटी, फार्मा और वित्तीय सेवाओं में भारतीय निवेशकों पर असर पड़ सकता है. यह कदम ट्रेड फ्रेमवर्क को बाधित करता है जिसका भारत को पहले विश्व व्यापार संगठन (WTO) के MFN के तहत लाभ मिला था. भारतीय निवेशकों पर क्या पड़ेगा असर?

क्या है मामला?
स्विट्जरलैंड सरकार ने भारत और स्विटजरलैंड के बीच डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट (DTAA) में सबसे पसंदीदा राष्ट्र का दर्जा (MFN) सेक्शन निलंबित कर दिया है. इससे भारत में स्विस निवेश पर संभावित रूप से असर पड़ सकता है और यूरोपीय राष्ट्र में काम करने वाली भारतीय कंपनियों पर अधिक टैक्स लग सकता है. कंपनियों को अब लाभांश और अन्य इनकम पर 10 फीसदी कर देना होगा, जो पहले 5 फीसदी था. ये 1 जनवरी, 2025 से प्रभावी होगा.

स्विस सरकार ने यह कदम पिछले साल भारत के सर्वोच्च न्यायालय के उस फैसले के बाद उठाया गया है. इसमें कहा गया था कि अगर कोई देश OECD में शामिल होने से पहले भारत सरकार ने उस देश के साथ टैक्स ट्रीटी पर साइन किए हैं, तो MFN सेक्शन ऑटोमेटिक लागू नहीं होता है.

  • भारत-स्विट्जरलैंड डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट पर 2 नवंबर, 1994 को हस्ताक्षर किए गए थे और बाद में 2000 और 2010 में इसमें संशोधन किया गया था.

MFN दर्जा क्या है?
WTO नियमों के तहत MFN दर्जा वैश्विक व्यापार की आधारशिला है. यह अनिवार्य करता है कि देश सभी व्यापारिक साझेदारों के साथ समान व्यवहार करें, यह सुनिश्चित करें कि सबसे पसंदीदा साझेदार पर समान व्यापार शुल्क, कोटा और विनियमन लागू हों.

स्विटजरलैंड द्वारा इस दर्जे को निलंबित करने का मतलब है कि भारतीय वस्तुओं और सेवाओं को अब उच्च शुल्क, अतिरिक्त व्यापार बाधाओं और स्विस बाजार तक कम पहुंच का सामना करना पड़ सकता है.

इसका निवेशकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
GTRI के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि MFN क्लॉज का निलंबन स्विटजरलैंड में काम करने वाली भारतीय फर्मों के लिए एक झटका है. थिंक-टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के अनुसार यह निलंबन स्विटजरलैंड में काम करने वाली भारतीय फर्मों, विशेष रूप से वित्तीय सेवाओं, फार्मास्यूटिकल्स और आईटी जैसे क्षेत्रों के लिए टैक्स चुनौती ला सकता है.

भारत-स्विट्जरलैंड व्यापार साझेदारी
वित्त वर्ष 2023-24 में, भारत और स्विट्जरलैंड के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 23.76 बिलियन डॉलर था. इसमें से अधिकांश हिस्सा स्विट्जरलैंड से लगभग 21.24 बिलियन डॉलर का आयात था.

  • स्विटजरलैंड सोने और चांदी का आयात करता है, जिसका यूज मुख्य रूप से आभूषण क्षेत्र, फार्मास्युटिकल इंटरमीडिएट और मशीनरी में किया जाता है.
  • प्रमुख निर्यात में फार्मास्युटिकल उत्पाद, रत्न और आभूषण, कार्बनिक रसायन और मशीनरी शामिल हैं.

इस साल मार्च में भारत ने चार यूरोपीय राष्ट्र ब्लॉक EFTA के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए. इसके सदस्य आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड हैं. ब्लॉक में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार स्विट्जरलैंड है, उसके बाद नॉर्वे है.

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क्या है मामला?
स्विट्जरलैंड सरकार ने भारत और स्विटजरलैंड के बीच डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट (DTAA) में सबसे पसंदीदा राष्ट्र का दर्जा (MFN) सेक्शन निलंबित कर दिया है. इससे भारत में स्विस निवेश पर संभावित रूप से असर पड़ सकता है और यूरोपीय राष्ट्र में काम करने वाली भारतीय कंपनियों पर अधिक टैक्स लग सकता है. कंपनियों को अब लाभांश और अन्य इनकम पर 10 फीसदी कर देना होगा, जो पहले 5 फीसदी था. ये 1 जनवरी, 2025 से प्रभावी होगा.

स्विस सरकार ने यह कदम पिछले साल भारत के सर्वोच्च न्यायालय के उस फैसले के बाद उठाया गया है. इसमें कहा गया था कि अगर कोई देश OECD में शामिल होने से पहले भारत सरकार ने उस देश के साथ टैक्स ट्रीटी पर साइन किए हैं, तो MFN सेक्शन ऑटोमेटिक लागू नहीं होता है.

  • भारत-स्विट्जरलैंड डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट पर 2 नवंबर, 1994 को हस्ताक्षर किए गए थे और बाद में 2000 और 2010 में इसमें संशोधन किया गया था.

MFN दर्जा क्या है?
WTO नियमों के तहत MFN दर्जा वैश्विक व्यापार की आधारशिला है. यह अनिवार्य करता है कि देश सभी व्यापारिक साझेदारों के साथ समान व्यवहार करें, यह सुनिश्चित करें कि सबसे पसंदीदा साझेदार पर समान व्यापार शुल्क, कोटा और विनियमन लागू हों.

स्विटजरलैंड द्वारा इस दर्जे को निलंबित करने का मतलब है कि भारतीय वस्तुओं और सेवाओं को अब उच्च शुल्क, अतिरिक्त व्यापार बाधाओं और स्विस बाजार तक कम पहुंच का सामना करना पड़ सकता है.

इसका निवेशकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
GTRI के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि MFN क्लॉज का निलंबन स्विटजरलैंड में काम करने वाली भारतीय फर्मों के लिए एक झटका है. थिंक-टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के अनुसार यह निलंबन स्विटजरलैंड में काम करने वाली भारतीय फर्मों, विशेष रूप से वित्तीय सेवाओं, फार्मास्यूटिकल्स और आईटी जैसे क्षेत्रों के लिए टैक्स चुनौती ला सकता है.

भारत-स्विट्जरलैंड व्यापार साझेदारी
वित्त वर्ष 2023-24 में, भारत और स्विट्जरलैंड के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 23.76 बिलियन डॉलर था. इसमें से अधिकांश हिस्सा स्विट्जरलैंड से लगभग 21.24 बिलियन डॉलर का आयात था.

  • स्विटजरलैंड सोने और चांदी का आयात करता है, जिसका यूज मुख्य रूप से आभूषण क्षेत्र, फार्मास्युटिकल इंटरमीडिएट और मशीनरी में किया जाता है.
  • प्रमुख निर्यात में फार्मास्युटिकल उत्पाद, रत्न और आभूषण, कार्बनिक रसायन और मशीनरी शामिल हैं.

इस साल मार्च में भारत ने चार यूरोपीय राष्ट्र ब्लॉक EFTA के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए. इसके सदस्य आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड हैं. ब्लॉक में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार स्विट्जरलैंड है, उसके बाद नॉर्वे है.

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