मुंबई: भारतीय शेयर बाजार में भारी बिकवाली के कारण निवेशकों को भारी नुकसान हुआ. मंगलवार, 4 जून को कारोबार के दौरान उनकी संपत्ति लगभग 40 लाख रुपये करोड़ कम हो गई. बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण (एमकैप) मंगलवार को लगभग 406 लाख करोड़ रुपये पर आ गया, जबकि पिछले सत्र के बंद होने पर यह लगभग 386 लाख करोड़ रुपये था.
शुरुआती रुझानों से पता चला कि चुनाव परिणाम एग्जिट पोल की भविष्यवाणी से कहीं ज्यादा कड़े हो सकते हैं. इसके बाद भारतीय शेयर बाजार में कुल मिलाकर भारी बिकवाली देखी गई. मंगलवार को शुरुआती कारोबार में बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी 50 में लगभग 4 फीसदी की गिरावट आई, जबकि बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में 5 फीसदी तक की गिरावट आई.
सभी क्षेत्रीय सूचकांक लाल निशान पर कारोबार कर रहे हैं, जिनमें पूंजीगत सामान, तेल एवं गैस, बिजली, पीएसयू बैंक प्रत्येक में 10 फीसदी से अधिक की गिरावट है. बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक प्रत्येक में 6 फीसदी की गिरावट है.
शेयर बाजार में गिरावट का कारण
लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा से पहले निवेशकों द्वारा जोखिम से बचने का रुख अपनाने के कारण रिलायंस इंडस्ट्रीज और वित्तीय शेयरों में भारी गिरावट के कारण आज सेंसेक्स 2,700 अंक गिर गया. सेंसेक्स में रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक ने 565 अंकों की गिरावट में योगदान दिया. इंडेक्स को नीचे खींचने वाले अन्य स्टॉक एलएंडटी, एसबीआई, आईटीसी, एनटीपीसी और पावर ग्रिड है.