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सेंसेक्स 940 अंक टूटा, निफ्टी 24,000 से नीचे, सभी सेक्टर लाल निशान पर बंद

सोमवार को दलाल स्ट्रीट में तेज गिरावट जारी रही तथा प्रमुख सूचकांक निफ्टी 50 और सेंसेक्स में लगभग 2 प्रतिशत की गिरावट आई.

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प्रतीकात्मक तस्वीर. (STOCK MARKET close)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 17 hours ago

Updated : 17 hours ago

मुंबई: कारोबारी सप्ताह के पहले दिन सोमवार को सेंसेक्स 941.88 अंक टूटकर 78,782.24 अंक पर और निफ्टी 309 अंक के नुकसान से 23,995.35 अंक पर बंद हुआ. भारतीय शेयर बाजार में सोमवार, 4 नवंबर को व्यापक स्तर पर बिकवाली देखी गई, जिसमें बेंचमार्क सूचकांक - सेंसेक्स और निफ्टी 50 - में 1 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई और मिड-कैप और स्मॉल-कैप सेगमेंट में 2 प्रतिशत तक की गिरावट आई.

विश्लेषकों ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी अनिश्चितता और चीन में वृद्धि तेज करने के लिए नए प्रोत्साहन उपायों की उम्मीद ने भारतीय बाजारों में बिकवाली बढ़ाने का काम किया. बीएसई का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 941.88 अंक यानी 1.18 प्रतिशत गिरकर 78,782.24 अंक पर बंद हुआ जो छह अगस्त के बाद का सबसे निचला बंद स्तर है. कारोबार के दौरान एक समय यह 1,491.52 अंक गिरकर 78,232.60 अंक पर आ गया था. हालांकि, अंतिम कारोबारी घंटे में निचले स्तर पर खरीदारी आने से इस गिरावट पर थोड़ी लगाम लगी.

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का मानक सूचकांक निफ्टी भी 309 अंक यानी 1.27 प्रतिशत गिरकर 23,995.35 अंक पर बंद हुआ. इस तरह निफ्टी 24,000 अंक से नीचे आ गया. विश्लेषकों ने कहा कि पांच नवंबर को होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले अनिश्चितता और चीन में वृद्धि तेज करने के लिए नया प्रोत्साहन पैकेज आने की उम्मीदों ने भारतीय शेयरों में बिकवाली को गति दी.

इसके अलावा विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली ने भी बाजार में धारणा को कमजोर किया. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 211.93 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की थी. सेंसेक्स की कंपनियों में से अदाणी पोर्ट्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज, सन फार्मा, बजाज फिनसर्व, एनटीपीसी, टाटा मोटर्स, एक्सिस बैंक और टाइटन में प्रमुख रूप से गिरावट दर्ज की गई.

दूसरी तरफ महिंद्रा एंड महिंद्रा, टेक महिंद्रा, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), एचसीएल टेक्नोलॉजीज, इन्फोसिस और इंडसइंड बैंक के शेयर लाभ में रहे. विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर महीने में भारतीय शेयर बाजार से 94,000 करोड़ रुपये (करीब 11.2 अरब डॉलर) की निकासी की जो किसी भी महीने में अबतक का सबसे अधिक निकासी आंकड़ा है.

घरेलू शेयर बाजार के उच्च मूल्यांकन और चीनी शेयरों के आकर्षक मूल्यांकन के कारण ऐसा हुआ. चीन की एक संसदीय समिति की इस सप्ताह एक अहम बैठक होने वाली है. ऐसी अटकलें हैं कि सरकार इस बैठक में अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए बड़े खर्च की पहल को मंजूरी दे सकती है.

एशिया के बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग बढ़त के साथ बंद हुए. यूरोप के अधिकांश बाजार दोपहर के सत्र में बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे. शुक्रवार को अमेरिकी बाजार सकारात्मक दायरे में बंद हुए थे.

इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 2.57 प्रतिशत बढ़कर 74.98 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. बीएसई और एनएसई ने एक नवंबर को दिवाली के अवसर पर एक घंटे का विशेष 'मुहूर्त कारोबार' सत्र आयोजित किया था. इस दौरान सेंसेक्स 335.06 अंक चढ़कर 79,724.12 अंक पर और निफ्टी 99 अंक बढ़कर 24,304.35 अंक पर बंद हुआ था.

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मुंबई: कारोबारी सप्ताह के पहले दिन सोमवार को सेंसेक्स 941.88 अंक टूटकर 78,782.24 अंक पर और निफ्टी 309 अंक के नुकसान से 23,995.35 अंक पर बंद हुआ. भारतीय शेयर बाजार में सोमवार, 4 नवंबर को व्यापक स्तर पर बिकवाली देखी गई, जिसमें बेंचमार्क सूचकांक - सेंसेक्स और निफ्टी 50 - में 1 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई और मिड-कैप और स्मॉल-कैप सेगमेंट में 2 प्रतिशत तक की गिरावट आई.

विश्लेषकों ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी अनिश्चितता और चीन में वृद्धि तेज करने के लिए नए प्रोत्साहन उपायों की उम्मीद ने भारतीय बाजारों में बिकवाली बढ़ाने का काम किया. बीएसई का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 941.88 अंक यानी 1.18 प्रतिशत गिरकर 78,782.24 अंक पर बंद हुआ जो छह अगस्त के बाद का सबसे निचला बंद स्तर है. कारोबार के दौरान एक समय यह 1,491.52 अंक गिरकर 78,232.60 अंक पर आ गया था. हालांकि, अंतिम कारोबारी घंटे में निचले स्तर पर खरीदारी आने से इस गिरावट पर थोड़ी लगाम लगी.

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का मानक सूचकांक निफ्टी भी 309 अंक यानी 1.27 प्रतिशत गिरकर 23,995.35 अंक पर बंद हुआ. इस तरह निफ्टी 24,000 अंक से नीचे आ गया. विश्लेषकों ने कहा कि पांच नवंबर को होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले अनिश्चितता और चीन में वृद्धि तेज करने के लिए नया प्रोत्साहन पैकेज आने की उम्मीदों ने भारतीय शेयरों में बिकवाली को गति दी.

इसके अलावा विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली ने भी बाजार में धारणा को कमजोर किया. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 211.93 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की थी. सेंसेक्स की कंपनियों में से अदाणी पोर्ट्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज, सन फार्मा, बजाज फिनसर्व, एनटीपीसी, टाटा मोटर्स, एक्सिस बैंक और टाइटन में प्रमुख रूप से गिरावट दर्ज की गई.

दूसरी तरफ महिंद्रा एंड महिंद्रा, टेक महिंद्रा, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), एचसीएल टेक्नोलॉजीज, इन्फोसिस और इंडसइंड बैंक के शेयर लाभ में रहे. विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर महीने में भारतीय शेयर बाजार से 94,000 करोड़ रुपये (करीब 11.2 अरब डॉलर) की निकासी की जो किसी भी महीने में अबतक का सबसे अधिक निकासी आंकड़ा है.

घरेलू शेयर बाजार के उच्च मूल्यांकन और चीनी शेयरों के आकर्षक मूल्यांकन के कारण ऐसा हुआ. चीन की एक संसदीय समिति की इस सप्ताह एक अहम बैठक होने वाली है. ऐसी अटकलें हैं कि सरकार इस बैठक में अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए बड़े खर्च की पहल को मंजूरी दे सकती है.

एशिया के बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग बढ़त के साथ बंद हुए. यूरोप के अधिकांश बाजार दोपहर के सत्र में बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे. शुक्रवार को अमेरिकी बाजार सकारात्मक दायरे में बंद हुए थे.

इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 2.57 प्रतिशत बढ़कर 74.98 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. बीएसई और एनएसई ने एक नवंबर को दिवाली के अवसर पर एक घंटे का विशेष 'मुहूर्त कारोबार' सत्र आयोजित किया था. इस दौरान सेंसेक्स 335.06 अंक चढ़कर 79,724.12 अंक पर और निफ्टी 99 अंक बढ़कर 24,304.35 अंक पर बंद हुआ था.

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