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REIT क्या है और हिंडेनबर्ग रिपोर्ट में क्यों जोड़ा जा रहा है धवल बुच, सेबी और ब्लैकस्टोन का नाम? - SEBI Madhabi Puri Buch - SEBI MADHABI PURI BUCH

SEBI Madhabi Puri Buch- हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि भारतीय बाजार नियामक जनवरी 2023 में प्रकाशित अपनी पिछली अडाणी रिपोर्ट पर कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं है, क्योंकि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने ऑफशोर फंडों में निवेश किया था, जिनका अडाणी समूह से संबंध था. इस खबर के माध्यम से जानते है कि आरईआईटी के साथ माधबी पुरी बुच की भागीदारी और एसएमई आईपीओ पर उनके रुख के बारे में. पढ़ें पूरी खबर...

Madhabi Puri Buch
सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 11, 2024, 10:54 AM IST

Updated : Aug 11, 2024, 11:40 AM IST

नई दिल्ली: अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है. हिंडनबर्ग ने अपने ताजा रिपोर्ट में दावा किया है कि व्हिसलब्लोअर डॉक्यूमेंट से पता चलता है कि सेबी चेयरमैन की अडाणी मनी साइफनिंग धोटाले में यूज की गई अस्पष्ट ऑफशोर संस्थाओं में हिस्सेदारी थी. हिंडनबर्ग ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट कर दावा किया है कि सेबी चीफ का अडाणी ग्रुप से लिंक है.

सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए उन्हें निराधार और कैरेक्टर एसिनेशन का प्रयास करार दिया है.

हिंडनबर्ग का आरोप
अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया है कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति की अडाणी मनी साइफनिंग घोटाले में इस्तेमाल की गई उन्हीं अज्ञात ऑफशोर संस्थाओं में हिस्सेदारी है. दंपति ने एक संयुक्त बयान जारी कर इन दावों को खारिज कर दिया.

REIT क्या हैं?
रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट, जिन्हें आमतौर पर REIT के रूप में जाना जाता है. वे कंपनियां हैं जो आय-उत्पादक रियल एस्टेट का स्वामित्व, संचालन या वित्तपोषण करती हैं. ये कंपनियां निवेशकों को (चाहे वे व्यक्ति हों या संस्थान) रियल एस्टेट निवेश से लाभांश अर्जित करने का एक अनूठा अवसर देती हैं, जिसमें सीधे संपत्ति खरीदने या प्रबंधित करने की आवश्यकता नहीं होती है.

REIT को सभी के लिए रियल एस्टेट निवेश सुलभ बनाने के लिए बनाया गया है. वे ऐसे पोर्टफोलियो का प्रबंधन करते हैं जिनमें वाणिज्यिक भवन, स्वास्थ्य सेवा सुविधाएं, डेटा सेंटर और बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शामिल हो सकती हैं. किसी अन्य व्यवसाय में स्टॉक खरीदने के समान ही एक निवेशक अनिवार्य रूप से REIT में कारोबार कर सकता है. बदले में, निवेशकों को लाभांश के रूप में संपत्तियों की ओर से उत्पन्न आय का एक हिस्सा प्राप्त होता है.

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में क्या दावा किया गया है?: धवल बुच, सेबी की गतिविधि और ब्लैकस्टोन की REITs में हिस्सेदारी के बीच संबंधों का आरोप लगाने वाली हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ब्लैकस्टोन REITs के सबसे बड़े निवेशकों और प्रायोजकों में से एक रहा है, जो भारत में एक नया परिसंपत्ति वर्ग है.

हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जब धवल बुच वरिष्ठ सलाहकार थे, और उनकी पत्नी सेबी की अधिकारी थीं, तब ब्लैकस्टोन ने माइंडस्पेस और नेक्सस सेलेक्ट ट्रस्ट को प्रायोजित किया था, जो भारत का दूसरा और चौथा REIT था जिसे सार्वजनिक रूप से IPO के लिए SEBI की मंजूरी मिली थी.

ब्लैकस्टोन REITs के सबसे बड़े निवेशकों और प्रायोजकों में से एक रहा है, जो भारत में एक नया परिसंपत्ति वर्ग है. भारत के पहले REIT, एम्बेसी ने सेबी की मंजूरी प्राप्त की और 1 अप्रैल, 2019 को IPO किया, जिसे ब्लैकस्टोन की ओर से स्पांसर किया गया था. यह मंजूरी जुलाई 2019 में धवल बुच के ब्लैकस्टोन में शामिल होने की सूचना देने से ठीक 3 महीने पहले दी गई थी.

और इसके 13 महीने बाद, अगस्त 2020 में, ब्लैकस्टोन की ओर से समर्थित माइंडस्पेस REIT, SEBI की मंजूरी के बाद IPO करने वाला भारत का दूसरा REIT बन गया.

आरईआईटी के साथ माधबी पुरी बुच की भागीदारी
इस खबर के माध्यम से जानते हैं कि रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (आरईआईटी) के साथ माधबी पुरी बुच की भागीदारी और एसएमई आईपीओ पर उनके रुख के बारे में.

  • 27 मार्च, 2013- अगोरा पार्टनर्स पीटीई लिमिटेड सिंगापुर में रजिस्टर हुआ, जहां माधबी बुच 16 मार्च, 2022 तक 100 फीसदी शेयरधारक थीं.
  • 5 जून, 2015- माधबी और धवल बुच ने सिंगापुर में आईपीई प्लस फंड 1 के साथ एक खाता खोला.
  • अप्रैल 2017- माधबी बुच पूर्णकालिक सदस्य के रूप में सेबी में शामिल हुईं.
  • 1 मार्च, 2022- माधबी बुच सेबी अध्यक्ष बनीं.
  • 16 मार्च, 2022- माधबी बुच ने अगोरा पार्टनर्स में अपनी हिस्सेदारी अपने पति धवल बुच को ट्रांसफर कर दी.
  • जुलाई 2019- धवल बुच वरिष्ठ सलाहकार के रूप में ब्लैकस्टोन में शामिल हुईं.
  • अगस्त 2020- ब्लैकस्टोन द्वारा समर्थित माइंडस्पेस आरईआईटी, सेबी की मंजूरी के बाद आईपीओ के लिए भारत का दूसरा रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (आरईआईटी) बन गया.
  • दिसंबर 2023- ब्लैकस्टोन ने एम्बेसी आरईआईटी में अपनी पूरी हिस्सेदारी लगभग 71 बिलियन रुपये (853 मिलियन अमरीकी डॉलर) में बेच दी.
  • 2 अप्रैल, 2024- CII कॉरपोरेट गवर्नेंस समिट में, माधबी बुच ने REITs में भारी बढ़ोतरी की भविष्यवाणी की, यह सुझाव देते हुए कि यह भारत के सकल घरेलू उत्पाद जितना बड़ा हो जाएगा.

वित्तीय आंकड़े

  • 10 मिलियन डॉलर- IPE प्लस फंड 1 के साथ अपना खाता खोलने के समय माधबी और धवल बुच की अनुमानित कुल संपत्ति.
  • 872,762.25 डॉलर- 26 फरवरी, 2018 तक मॉरीशस में पंजीकृत "GDOF सेल 90 (IPE प्लस फंड 1)" में बुच की हिस्सेदारी का टोटल प्राइस.
  • INR 19.8 मिलियन (USD 261,000)- 2022 में अगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा उत्पन्न राजस्व, जो माधबी बुच के घोषित वेतन का 4.4 गुना था.
  • INR 71 बिलियन (USD 853 मिलियन)- दिसंबर 2023 में एम्बेसी REIT से ब्लैकस्टोन के बाहर निकलने का प्राइस.

धवल बुच का पद

  • जुलाई 2019- फंड, रियल एस्टेट या पूंजी बाजार में पूर्व अनुभव की कमी के बावजूद, धवल बुच को ब्लैकस्टोन के वरिष्ठ सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया. अपने कार्यकाल के दौरान, ब्लैकस्टोन ने भारत में माइंडस्पेस और नेक्सस सेलेक्ट ट्रस्ट सहित प्रमुख REIT को स्पॉन्सरशिप किया, जिसे IPO के लिए SEBI की मंजूरी मिली.

अडाणी ग्रुप पर क्या लगे आरोप?
जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी की जिसमें अडाणी समूह पर टैक्स हेवन का यूज करने और शेयरों में हेरफेर करने का आरोप लगाया गया, जिसके कारण कंपनी के शेयर मूल्य में 150 बिलियन डॉलर की गिरावट आई. हालांकि अडाणी ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया. तब से शेयरों में आंशिक रूप से उछाल आया है.

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सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए उन्हें निराधार और कैरेक्टर एसिनेशन का प्रयास करार दिया है.

हिंडनबर्ग का आरोप
अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया है कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति की अडाणी मनी साइफनिंग घोटाले में इस्तेमाल की गई उन्हीं अज्ञात ऑफशोर संस्थाओं में हिस्सेदारी है. दंपति ने एक संयुक्त बयान जारी कर इन दावों को खारिज कर दिया.

REIT क्या हैं?
रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट, जिन्हें आमतौर पर REIT के रूप में जाना जाता है. वे कंपनियां हैं जो आय-उत्पादक रियल एस्टेट का स्वामित्व, संचालन या वित्तपोषण करती हैं. ये कंपनियां निवेशकों को (चाहे वे व्यक्ति हों या संस्थान) रियल एस्टेट निवेश से लाभांश अर्जित करने का एक अनूठा अवसर देती हैं, जिसमें सीधे संपत्ति खरीदने या प्रबंधित करने की आवश्यकता नहीं होती है.

REIT को सभी के लिए रियल एस्टेट निवेश सुलभ बनाने के लिए बनाया गया है. वे ऐसे पोर्टफोलियो का प्रबंधन करते हैं जिनमें वाणिज्यिक भवन, स्वास्थ्य सेवा सुविधाएं, डेटा सेंटर और बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शामिल हो सकती हैं. किसी अन्य व्यवसाय में स्टॉक खरीदने के समान ही एक निवेशक अनिवार्य रूप से REIT में कारोबार कर सकता है. बदले में, निवेशकों को लाभांश के रूप में संपत्तियों की ओर से उत्पन्न आय का एक हिस्सा प्राप्त होता है.

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में क्या दावा किया गया है?: धवल बुच, सेबी की गतिविधि और ब्लैकस्टोन की REITs में हिस्सेदारी के बीच संबंधों का आरोप लगाने वाली हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ब्लैकस्टोन REITs के सबसे बड़े निवेशकों और प्रायोजकों में से एक रहा है, जो भारत में एक नया परिसंपत्ति वर्ग है.

हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जब धवल बुच वरिष्ठ सलाहकार थे, और उनकी पत्नी सेबी की अधिकारी थीं, तब ब्लैकस्टोन ने माइंडस्पेस और नेक्सस सेलेक्ट ट्रस्ट को प्रायोजित किया था, जो भारत का दूसरा और चौथा REIT था जिसे सार्वजनिक रूप से IPO के लिए SEBI की मंजूरी मिली थी.

ब्लैकस्टोन REITs के सबसे बड़े निवेशकों और प्रायोजकों में से एक रहा है, जो भारत में एक नया परिसंपत्ति वर्ग है. भारत के पहले REIT, एम्बेसी ने सेबी की मंजूरी प्राप्त की और 1 अप्रैल, 2019 को IPO किया, जिसे ब्लैकस्टोन की ओर से स्पांसर किया गया था. यह मंजूरी जुलाई 2019 में धवल बुच के ब्लैकस्टोन में शामिल होने की सूचना देने से ठीक 3 महीने पहले दी गई थी.

और इसके 13 महीने बाद, अगस्त 2020 में, ब्लैकस्टोन की ओर से समर्थित माइंडस्पेस REIT, SEBI की मंजूरी के बाद IPO करने वाला भारत का दूसरा REIT बन गया.

आरईआईटी के साथ माधबी पुरी बुच की भागीदारी
इस खबर के माध्यम से जानते हैं कि रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (आरईआईटी) के साथ माधबी पुरी बुच की भागीदारी और एसएमई आईपीओ पर उनके रुख के बारे में.

  • 27 मार्च, 2013- अगोरा पार्टनर्स पीटीई लिमिटेड सिंगापुर में रजिस्टर हुआ, जहां माधबी बुच 16 मार्च, 2022 तक 100 फीसदी शेयरधारक थीं.
  • 5 जून, 2015- माधबी और धवल बुच ने सिंगापुर में आईपीई प्लस फंड 1 के साथ एक खाता खोला.
  • अप्रैल 2017- माधबी बुच पूर्णकालिक सदस्य के रूप में सेबी में शामिल हुईं.
  • 1 मार्च, 2022- माधबी बुच सेबी अध्यक्ष बनीं.
  • 16 मार्च, 2022- माधबी बुच ने अगोरा पार्टनर्स में अपनी हिस्सेदारी अपने पति धवल बुच को ट्रांसफर कर दी.
  • जुलाई 2019- धवल बुच वरिष्ठ सलाहकार के रूप में ब्लैकस्टोन में शामिल हुईं.
  • अगस्त 2020- ब्लैकस्टोन द्वारा समर्थित माइंडस्पेस आरईआईटी, सेबी की मंजूरी के बाद आईपीओ के लिए भारत का दूसरा रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (आरईआईटी) बन गया.
  • दिसंबर 2023- ब्लैकस्टोन ने एम्बेसी आरईआईटी में अपनी पूरी हिस्सेदारी लगभग 71 बिलियन रुपये (853 मिलियन अमरीकी डॉलर) में बेच दी.
  • 2 अप्रैल, 2024- CII कॉरपोरेट गवर्नेंस समिट में, माधबी बुच ने REITs में भारी बढ़ोतरी की भविष्यवाणी की, यह सुझाव देते हुए कि यह भारत के सकल घरेलू उत्पाद जितना बड़ा हो जाएगा.

वित्तीय आंकड़े

  • 10 मिलियन डॉलर- IPE प्लस फंड 1 के साथ अपना खाता खोलने के समय माधबी और धवल बुच की अनुमानित कुल संपत्ति.
  • 872,762.25 डॉलर- 26 फरवरी, 2018 तक मॉरीशस में पंजीकृत "GDOF सेल 90 (IPE प्लस फंड 1)" में बुच की हिस्सेदारी का टोटल प्राइस.
  • INR 19.8 मिलियन (USD 261,000)- 2022 में अगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा उत्पन्न राजस्व, जो माधबी बुच के घोषित वेतन का 4.4 गुना था.
  • INR 71 बिलियन (USD 853 मिलियन)- दिसंबर 2023 में एम्बेसी REIT से ब्लैकस्टोन के बाहर निकलने का प्राइस.

धवल बुच का पद

  • जुलाई 2019- फंड, रियल एस्टेट या पूंजी बाजार में पूर्व अनुभव की कमी के बावजूद, धवल बुच को ब्लैकस्टोन के वरिष्ठ सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया. अपने कार्यकाल के दौरान, ब्लैकस्टोन ने भारत में माइंडस्पेस और नेक्सस सेलेक्ट ट्रस्ट सहित प्रमुख REIT को स्पॉन्सरशिप किया, जिसे IPO के लिए SEBI की मंजूरी मिली.

अडाणी ग्रुप पर क्या लगे आरोप?
जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी की जिसमें अडाणी समूह पर टैक्स हेवन का यूज करने और शेयरों में हेरफेर करने का आरोप लगाया गया, जिसके कारण कंपनी के शेयर मूल्य में 150 बिलियन डॉलर की गिरावट आई. हालांकि अडाणी ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया. तब से शेयरों में आंशिक रूप से उछाल आया है.

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Last Updated : Aug 11, 2024, 11:40 AM IST
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