नई दिल्ली: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने डिजिटल बिजनेस लोन की शुरुआत की है. इसके जरिए यह स्पष्ट किया गया है कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को सिर्फ 45 मिनट में लोन दिया जाएगा. ये भी कहा गया है कि अगले 5 सालों में यह एमएसएमई सेक्टर खूब विकसित होगा. इसलिए मुनाफा भी बड़े पैमाने पर आएगा.
पिछले वित्त वर्ष में एसबीआई ने लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसई) को 4.33 लाख करोड़ रुपये तक के लोन मंजूर किए हैं. यह वित्त वर्ष 2022-23 में मंजूर की गई राशि से करीब 20 फीसदी ज्यादा है. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि इस एमएसई सेगमेंट में सकल नॉन-परफॉर्मिंग एसेट 2019-20 में 9.43 फीसदी थीं, लेकिन एसबीआई के मुताबिक 2023-24 तक यह घटकर 3.75 फीसदी रह गई हैं.
क्या तेजी से लोन दे रहे हैं?
एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा कि हम सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को ज्यादा लोन देकर इस सेक्टर में अपनी स्थिति मजबूत करेंगे. उन्होंने कहा कि उनके पास एमएसएमई उद्योगों से जुड़ी जानकारी है और वे इसका विश्लेषण कर लोन प्रक्रिया को और तेजी से पूरा करेंगे.
यह नई शुरू की गई डिजिटल बिजनेस लोन सिस्टम क्रेडिट अंडरराइटिंग, लंबी जांच आदि की पारंपरिक समस्याओं को कम करेगी. इससे लोन प्रॉसेस बहुत सरल हो जाती है. नतीजतन, छोटे बिजनेस को तेजी से लोन दिया जा सकता है.
क्या सिर्फ 10 सेकंड में मिलेगा लोन?
एसबीआई का कहना है कि उसने डेटा-संचालित लोन स्वीकृति तकनीक विकसित की है. इसके जरिए सिर्फ 10 सेकंड में लोन स्वीकृत किया जा सकता है. जैसे, आईटीआर, जीएसटी रिटर्न, बैंक स्टेटमेंट आदि जैसे आवश्यक डिटेल्स जमा करें. सिर्फ 10 सेकंड में लोन स्वीकृत हो जाएगा? सिस्टम द्वारा निर्धारित नहीं किया जाता है. इस तरह, लोन तेजी से दिया जा सकता है.
फिलहाल, एसबीआई ने स्पष्ट किया है कि 50 लाख रुपये से कम के लोन के लिए किसी वित्तीय विवरण की आवश्यकता नहीं है, केवल जीएसटी रिटर्न ही पर्याप्त है.
एसबीआई के रिटेल बैंकिंग, संचालन के प्रबंध निदेशक विनय टोंस ने कहा कि डिजिटल बिजनेस लोन विभाग एसबीआई से जुड़े और नए लोगों को 45 मिनट के भीतर थियोरिटिकल रूप से लोन स्वीकृति प्राप्त करने में मदद करेगा.
25 हजार करोड़ रुपये जुटाएगा बैंक
एसबीआई ने चालू वित्त वर्ष में करीब 25,000 करोड़ रुपये (3 अरब डॉलर) जुटाने का फैसला किया है. मंगलवार को स्टॉक एक्सचेंजों को दी गई रिपोर्ट में कहा गया कि बोर्ड ने इस प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी है. यह रकम पब्लिक ऑफर और अनसिक्योर्ड डिबेंचर जारी करके जुटाई जाएगी. एसबीआई ने साफ किया है कि ये लोन दस्तावेज अमेरिकी डॉलर या दूसरे देशों की करेंसी के रूप में होंगे.