नई दिल्ली: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अनुमान लगाया है कि चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 25) के दौरान भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 6.3 फीसदी की दर से बढ़ेगा, जो भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 6.6 फीसदी के अनुमान से कम है. इसे पहले 7.2 फीसदी से संशोधित किया गया था.
एसबीआई ने कहा कि हमारा मानना है कि वित्त वर्ष 25 के लिए जीडीपी बढ़ोतरी आरबीआई के अनुमान से कम होगी और हम इसे 6.3 फीसदी पर आंक रहे हैं.
जीडीपी पर आरबीआई
बता दें कि शुक्रवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने जीडीपी बढ़ोतरी के लिए केंद्रीय बैंक के संशोधित अनुमान की घोषणा की. यह वित्त वर्ष 25 की जुलाई-सितंबर तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था के 5.4 फीसदी की दर से बढ़ने के बाद आया, जो सात तिमाहियों में सबसे कम बढ़ोतरी थी. यह पांच वर्षों में पहली बार था जब आरबीआई ने अपने विकास अनुमान को शुरू में ऊपर की ओर संशोधित किया. इस मामले में 7 फीसदी से 7.2 फीसदी तक लेकिन बाद में इसे कम कर दिया. हालांकि पहले के वर्षों में इस तरह के समायोजन आम थे, लेकिन इनमें नीचे की ओर संशोधनों का एक सुसंगत पैटर्न था.
जीडीपी पर एसबीआई
हालांकि, एसबीआई ने कहा कि नीचे की ओर अनुमान लगाना कोई नई बात नहीं है. इसके विश्लेषण में कहा गया है कि इस तरह का नीचे की ओर संशोधन कोई नई बात नहीं है क्योंकि वित्त वर्ष 22 और 23 में पूर्वानुमानों को औसतन 90 आधार अंकों (बीपीएस) से घटा दिया गया था. इस बीच आरबीआई के कैश रेशियो अनुपात (सीआरआर) में 50 बीपीएस की कटौती करके इसे 4 फीसदी करने के कदम पर एसबीआई ने कहा कि उसे बैंकों के नेट इंटरेस्ट मार्जिन पर सकारात्मक लेकिन मामूली प्रभाव की उम्मीद है.