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RBI का फैसला...अब आपको लोन बंद करने पर नहीं देने होंगे ये शुल्क - CHARGES ON CLOSING THE LOAN

Charges on closing the loan- बैंक या NBFC फ्लोटिंग रेट टर्म लोन को बंद करने पर फोरक्लोजर शुल्क या पूर्व-भुगतान जुर्माना नहीं लगा सकेंगे.

Charges on closing the loan
लोन (प्रतीकात्मक फोटो) (Getty Image)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 9, 2024, 4:09 PM IST

नई दिल्ली: बैंकिंग सेक्टर के नियामक RBI ने त्योहारी सीजन पर बैंकों, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों और NBFC से लोन लेने वालों को बड़ा तोहफा दिया है. लोन लेने वाले ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखते हुए RBI ने फ्लोटिंग रेट टर्म लोन को बंद करने पर लगने वाले फोरक्लोजर चार्ज या प्री-पेमेंट पेनाल्टी को खत्म कर दिया है. फ्लोटिंग रेट लोन को बंद करने पर बैंक या NBFC लोन लेने वाले ग्राहकों से पेनाल्टी या क्लोजर चार्ज नहीं वसूल सकेंगे.

बैंकों और एनबीएफसी द्वारा फोरक्लोजर चार्ज वसूलने पर रोक
आरबीआई की मौद्रिक नीति बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि पिछले कई वर्षों में रिजर्व बैंक ने ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं. इसके तहत बैंकों या एनबीएफसी को फ्लोटिंग रेट टर्म लोन लेने वाले व्यक्तियों (व्यवसायों को छोड़कर) द्वारा टर्म लोन बंद करने पर फोरक्लोजर चार्ज या प्री-पेमेंट पेनाल्टी वसूलने की अनुमति नहीं है.

माइक्रो और स्मॉल उद्यमों को राहत आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अब इस ग्रिडलाइन को और आगे बढ़ाने का फैसला किया गया है. ये ग्रिडलाइन माइक्रो और स्मॉल उद्यमों को दिए जाने वाले लोन पर भी प्रभावी होंगी. यानी आने वाले दिनों में बैंक और एनबीएफसी माइक्रो और स्मॉल उद्यमों को दिए जाने वाले फ्लोटिंग रेट टर्म लोन पर भी फोरक्लोजर चार्ज या प्री-पेमेंट पेनाल्टी नहीं वसूल पाएंगे.

शक्तिकांत दास ने कहा कि जल्द ही इस दिशा में सार्वजनिक परामर्श के लिए एक ड्राफ्ट सर्कुलर जारी किया जाएगा.

फ्लोटिंग रेट लोन क्या होता है?
बैंक दो तरह से लोन की ब्याज दरें तय करते हैं. एक फ्लोटिंग रेट लोन और दूसरा फिक्स्ड रेट लोन. फ्लोटिंग रेट लोन बेंचमार्क दरों पर आधारित होते हैं. उदाहरण के लिए, जब भी RBI अपनी नीतिगत दरों यानी रेपो रेट में बदलाव करता है, तो बैंक भी फ्लोटिंग रेट लोन पर ब्याज दरें बढ़ा देते हैं. और अगर RBI कटौती करता है, तो बैंक लोन पर ब्याज दरें कम कर देते हैं.

लेकिन फिक्स्ड रेट लोन की ब्याज दरें स्थिर होती हैं. लोन लेने के समय तय की गई ब्याज दर लोन खत्म होने तक एक जैसी ही रहती है.

बैंक या NBFC फ्लोटिंग रेट पर होम लोन देते हैं. जबकि गोल्ड लोन, कार लोन और एजुकेशन लोन पर फिक्स्ड ब्याज दरें होती हैं. अब RBI ने फैसला किया है कि बैंक और NBFC माइक्रो और स्मॉल उद्यमों को दिए जाने वाले फ्लोटिंग रेट टर्म लोन की समय से पहले समाप्ति पर फोरक्लोजर चार्ज या प्री-पेमेंट पेनाल्टी नहीं लगा सकेंगे.

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नई दिल्ली: बैंकिंग सेक्टर के नियामक RBI ने त्योहारी सीजन पर बैंकों, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों और NBFC से लोन लेने वालों को बड़ा तोहफा दिया है. लोन लेने वाले ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखते हुए RBI ने फ्लोटिंग रेट टर्म लोन को बंद करने पर लगने वाले फोरक्लोजर चार्ज या प्री-पेमेंट पेनाल्टी को खत्म कर दिया है. फ्लोटिंग रेट लोन को बंद करने पर बैंक या NBFC लोन लेने वाले ग्राहकों से पेनाल्टी या क्लोजर चार्ज नहीं वसूल सकेंगे.

बैंकों और एनबीएफसी द्वारा फोरक्लोजर चार्ज वसूलने पर रोक
आरबीआई की मौद्रिक नीति बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि पिछले कई वर्षों में रिजर्व बैंक ने ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं. इसके तहत बैंकों या एनबीएफसी को फ्लोटिंग रेट टर्म लोन लेने वाले व्यक्तियों (व्यवसायों को छोड़कर) द्वारा टर्म लोन बंद करने पर फोरक्लोजर चार्ज या प्री-पेमेंट पेनाल्टी वसूलने की अनुमति नहीं है.

माइक्रो और स्मॉल उद्यमों को राहत आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अब इस ग्रिडलाइन को और आगे बढ़ाने का फैसला किया गया है. ये ग्रिडलाइन माइक्रो और स्मॉल उद्यमों को दिए जाने वाले लोन पर भी प्रभावी होंगी. यानी आने वाले दिनों में बैंक और एनबीएफसी माइक्रो और स्मॉल उद्यमों को दिए जाने वाले फ्लोटिंग रेट टर्म लोन पर भी फोरक्लोजर चार्ज या प्री-पेमेंट पेनाल्टी नहीं वसूल पाएंगे.

शक्तिकांत दास ने कहा कि जल्द ही इस दिशा में सार्वजनिक परामर्श के लिए एक ड्राफ्ट सर्कुलर जारी किया जाएगा.

फ्लोटिंग रेट लोन क्या होता है?
बैंक दो तरह से लोन की ब्याज दरें तय करते हैं. एक फ्लोटिंग रेट लोन और दूसरा फिक्स्ड रेट लोन. फ्लोटिंग रेट लोन बेंचमार्क दरों पर आधारित होते हैं. उदाहरण के लिए, जब भी RBI अपनी नीतिगत दरों यानी रेपो रेट में बदलाव करता है, तो बैंक भी फ्लोटिंग रेट लोन पर ब्याज दरें बढ़ा देते हैं. और अगर RBI कटौती करता है, तो बैंक लोन पर ब्याज दरें कम कर देते हैं.

लेकिन फिक्स्ड रेट लोन की ब्याज दरें स्थिर होती हैं. लोन लेने के समय तय की गई ब्याज दर लोन खत्म होने तक एक जैसी ही रहती है.

बैंक या NBFC फ्लोटिंग रेट पर होम लोन देते हैं. जबकि गोल्ड लोन, कार लोन और एजुकेशन लोन पर फिक्स्ड ब्याज दरें होती हैं. अब RBI ने फैसला किया है कि बैंक और NBFC माइक्रो और स्मॉल उद्यमों को दिए जाने वाले फ्लोटिंग रेट टर्म लोन की समय से पहले समाप्ति पर फोरक्लोजर चार्ज या प्री-पेमेंट पेनाल्टी नहीं लगा सकेंगे.

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