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Paytm: जानिए अर्श से फर्श पर पहुंचने की कहानी - Paytm Payment Bank

पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन97 कम्यूनिकेशन यानी OCL ने कहा है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक आरबीआई के दिए सभी निर्देशों का पालन करने के लिए काम कर रही है. अब ये काम और तेजी से किए जाएंगे.

Paytm Payment Bank
जानिए अर्श से फर्श पर पहुंचने की कहानी
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 17, 2024, 3:17 PM IST

Updated : Feb 17, 2024, 4:02 PM IST

नई दिल्ली: पेटीएम इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. इतना चर्चित तो उस समय भी नहीं हुआ था जब इसको लॉन्च किया गया था. वैसे इन चर्चा में बने रहने की वजह तो सब लोग जानते हैं, लेकिन बताना जरूरी है. भारतीय रिजर्व बैंक ने कुछ दिनों पहले पेटीएम पेमेंट बैंक को 29 फरवरी तक अपना परिचालन बंद करने को कहा गया है. इससे इतर शुक्रवार को केंद्रीय बैंक ने 15 दिनों की फौरी राहत दी है.

क्या है पेटीएम?
बता दें, पेटीएम एक डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म है जो आपको ऑनलाइन बैंकिंग, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड के माध्यम से एकीकृत वॉलेट में नकदी स्थानांतरित करने या यहां तक कि चुनिंदा बैंकों और भागीदारों के माध्यम से कैश जमा करने की अनुमति देता है. पेटीएम वॉलेट में पैसे का उपयोग करके, आप कैश का यूज किए बिना कई चीजों के लिए पेमेंट कर सकते हैं. Paytm पेमेंट बैंक में केवल पैसे जमा किए जा सकते हैं, उनके पास लेनदेन करने का हक नहीं है. ये डेबिट कार्ड तो जारी कर सकते हैं लेकिन क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए उन्हें किसी लेंडर रेगुलेटर के साथ समझौता करनी पड़ेगी. मतलब पेटीएम एक ऐसा बैंक खाता है जिसमें ऐसे पैसे रखे जा सकते हैं जो आम तौर पर मर्चेंट्स को जो भुगतान मिलता है, वो उनके पेटीएम पेमेंट खाता में जाता है और फिर उनके बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर होते हैं. उसके बदले में कंपनी अपने ग्राहकों को क्रेडिट संख्या देती है. बता दें, पेटीएम की पेरेंट कंपनी का नाम वन97 कंम्युनिकेशंस है. इसी कंपनी के पास प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट यानी पीपीआई लाइसेंस है जिसे साल 2017 में पेटीएम पेमेंट बैंक शुरू करने के लिए इस्तेमाल किया गया.

कैसे हुई पेटीएम की शुरुआत
भारत में पेटीएम की स्थापना विजय शेखर शर्मा ने साल 2010 के अगस्त में की थी. जानकारी के मुताबिक विजय शेखर ने इसमें करीब 2 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया था. इस कंपनी की शुरुआत prepaid मोबाइल और DTH रिचार्ज प्लेटफॉर्म के रूप में हुई थी. बाद में साल 2013 में डेबिट कार्ड, Postpaid मोबाइल और लैंडलाइन बिल पेमेंट को जोड़ा गया. साल 2017 में Paytm 10 करोड़ से ज्यादा ऐप डाउनलोड को पार करने वाला देश का पहला पेमेंट ऐप बन गया. उसी साल, इसने पेटीएम गोल्ड लॉन्च किया, एक ऐसा उत्पाद जिसने उपयोगकर्ताओं को कम से कम 1 रुपये शुद्ध सोना ऑनलाइन खरीदने की अनुमति दी. इसने पेटीएम पेमेंट्स बैंक और इन-चैट भुगतान वाला एक मैसेजिंग प्लेटफॉर्म 'इनबॉक्स' भी लॉन्च किया.

पेटीएम कैसे काम करता है?
Paytm दो अलग-अलग तरीकों से काम करता है. एक है पेटीएम वॉलेट और दूसरा है पेटीएम पेमेंट्स बैंक. पेटीएम एक डिजिटल भुगतान प्रणाली है जो आपको क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, ऑनलाइन बैंकिंग और बैंकिंग भागीदारों के माध्यम से धन हस्तांतरित करने की अनुमति देती है. पेटीएम वॉलेट में पैसे रखकर आप कहीं भी लिक्विड कैश खर्च किए बिना सभी बिलों का भुगतान कर सकते हैं. यह आपको कई तरीकों से मदद करता है, जैसे आप डिजिटल रूप से भुगतान करते हैं जैसे मोबाइल रिचार्ज, कैब भुगतान, बिजली बिल, गैस बिल, टिकट बुकिंग, मूवी आदि. इसके लिए आपको अपने बैंक खाते से पेटीएम वॉलेट में पैसे ट्रांसफर करने होंगे. उसके बाद आप इस पैसे प्रक्रिया का उपयोग कर सकते हैं. Paytm का दूसरा विकल्प Paytm payment बैंक के लिए दिया गया है. यह अन्य बैंकों की तरह ही चलेगा. जिन उपयोगकर्ताओं के पास पहले से ही पेटीएम वॉलेट खाता है, वे बैंक खाते से माइग्रेट कर सकते हैं. बाद में वे उन सभी लाभों का आनंद ले सकते हैं जो उन्हें वॉलेट में मिलते थे और बैंकिंग में भी मिलेंगे. यह लोगों द्वारा ई-भुगतान और ई-लेन-देन में पेटीएम की उपयोगिता में बढ़त को दर्शाता है.

पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा कौन है?
पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा का जन्म 8 जुलाई, 1973 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था. उनकी प्रतिभा को ध्यान में रखते हुए एक विशेष अनुमति से 15 साल की उम्र में ही उन्हें दिल्ली इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला मिल गया था. दूसरे सरकारी स्कूल के छात्रों की तरह, विजय शर्मा को भी कॉलेज के प्रोफेसर जो भी इंग्लिश में पढ़ाते थे उसे समझना विजय को मुश्किल लगता था. इस कारण जल्द ही उन्होंने कक्षाओं में रुचि खो दी. वे अपने क्लास की पढ़ाई से ज्यादा सफलता की किताबें पढ़ने लगे.

कैसे शुरु हुआ था सफर
सफलता की इतनी सारी कहानियों को पढ़ने के बाद, वह स्पष्ट रूप से समझ गए थे, कि अगर वह अपने जीवन में कुछ बड़ा करना चाहते हैं, तो उन्हें खुद का मालिक होना पड़ेगा. इसलिए, विजय शर्मा ने अपने कोलेज के क्लासेस से ही कोडिंग सीखना शुरू किया. उसके बाद, 1 साल के लिए विजय ने अपनी खुद की कंपनी शुरू करने के लिए पैसे जुटाने के लिए कई प्रोडक्स पर काम किया. साल 2000 में, उन्होंने अपनी कंपनी वन 97 को शुरू किया.

नहीं दे पाते थे घर का किराया
कुछ समय के बाद ही वन 97कंपनी को चलाने के लिए विजय शेखर शर्मा की बचत कम हो गई, इसलिए अपनी कंपनी को विकसित करने के लिए उन्हें बैंक से लेना पड़ा. अपनी कंपनी को चलाने के लिए, कभी-कभी पेटीएम के CEO विजय शेखर शर्मा को 24 फीसदी इंटरेस्ट रेट के साथ भी लोन लेना पड़ता था. यहां तक ​​कि एक उनका लाईफ में एक ऐसा भी समय आया था, जब उनके पास अपने घर के किराए का पेमेंट करने के लिए पैसे नहीं थे, तो रात को देर घर वापस आते थे और सुबह जल्दी ही बाहर निकल जाते थे. ताकि मकान मालिक उन्हें देखव ना सके. बीतते समय के साथ-साथ उनकी माली हालत खराब होती जा रही थी. यहां तक ​​कि कभी-कभी विजय शर्मा ने अपने दोस्त के घर में रात का भोजन किया, क्योंकि उनके पास खाना खरीदने के लिए पैसे नहीं हुआ करते थे

2021 में आया था पेटीएम का IPO
भारतीय घरेलू बाजार में पेटीएम ने साल 2021 में अपना IPO लॉन्च किया था. कंपनी का आईपीओ 8 नवंबर से 10 नवंबर 2021 तक सदस्यता के लिए खुला था. शेयर बिक्री का प्राइस बैंड 2,080 रुपये से 2,150 रुपये प्रति शेयर तय किया गया था. हालांकि, पेटीएम का 18,300 करोड़ रुपये का आईपीओ लिस्टिंग के दिन उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका. डिजिटल भुगतान ऐप PayTM की मूल कंपनी One97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड ने अपनी लिस्टिंग के दिन 2,150 रुपये की शेयर कीमत का 27 फीसदी खो दिया.

विवाद में आने का यह है प्रमुख कारण
पेटीएम के संघर्ष के पीछे प्रमुख कारकों में से एक भारत के डिजिटल भुगतान और वित्तीय सेवा बाजार में तीव्र प्रतिस्पर्धा रही है. कंपनी को PhonePe, Google Pay, Amazon Pay के साथ-साथ WhatsApp Pay से टक्कर का सामना करना पड़ा. पेटीएम के लिए एक और चुनौती इसकी लाभप्रदता रही है. कंपनी को अपनी उच्च विपणन और बिक्री लागत के कारण लाभ कमाने के लिए संघर्ष करना पड़ा. मूल्यांकन सीमा से कहीं अधिक बढ़ा दिया गया था.

RBI ने दी राहत
पेटीएम पेमेंट्स बैंक को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा बड़ी राहत दी गई है. कंपनी को अपना परिचालन बंद करने की अवधि बढ़ाने से थोड़ी राहत मिली है. बता दें, आरबीआई ने नियमों का लगातार अनुपालन ना करने और प्लेटफॉर्म पर विदेशी लेनदेन में चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच के बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 29 फरवरी तक अपना परिचालन बंद करने के लिए कहा था. लेकिन अब इसकी समय सीमा 15 मार्च तक बढ़ा दी गई है, RBI के इस फैसले से मुसीबतों से जूझ रही फिनटेक कंपनी पेटीएम को अपने व्यवसाय को सुचारू रूप से चलाने के लिए नई साझेदारी बनाने के लिए ज्यादा वक्त मिल गया है. आरबीआई ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि इस कदम से बैंक के ग्राहकों को भी मदद मिलेगी, जिन्हें 15 मार्च से पहले 'दूसरे बैंक के साथ वैकल्पिक व्यवस्था करने' के लिए कहा गया है.

मूल कंपनी, पेटीएम ने बिना किसी बाधा के व्यापारी निपटान सुनिश्चित करने के लिए अपने खाते को एक नए बैंक में ट्रांसफर करने के साथ-साथ कई उपाय किए हैं. पेटीएम ने ग्राहकों को यह भरोसा दिया है कि पेटीएम क्यूआर कोड, साउंडबॉक्स और कार्ड मशीनें 15 मार्च के बाद भी काम करती रहेंगी.

RBI ने क्या कहा ?
इस मामले में आरबीआई ने पीछले दिनों एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी जिसमें कहा गया था कि 'पेटीएम की ऑडिट रिपोर्ट और बाहरी ऑडिटरों की रिपोर्ट में यह पाया गया है कि पेटीएम ने लगातार नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है. इसलिए, Banking Regulation Act के 35A नियम के तहत 29 फरवरी के बाद Paytm पेमेंट्स बैंक के कस्टमर्स कोई भी क्रेडिट-डिपॉजिट, ट्रांजैक्शन, वॉलेट, फॉस्ट टैग का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. यह भी कहा गया था कि पेटीएम को अपने कस्टमर्स को बैलेंस निकालने और इसका इस्तेमाल करने की पूरी सुविधा देनी होगी. ये सुविधा उन कस्टमर्स के लिए भी होगी जिनके पास PAYTM के जमा खाता और चालू अकाउंट हैं या फास्टटैग का इस्तेमाल करते हो. 29 फरवरी के बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक के ग्राहक इसका इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे और RBI ने 15 मार्च तक पेटीएम को नोडल खाता सेटल करने को कहा है.

PAYTM ने क्या कहा?
पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन97 कम्यूनिकेशन यानी OCL ने कहा है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक आरबीआई के दिए सभी निर्देशों का पालन करने के लिए काम कर रही है. अब ये काम और तेजी से किए जाएंगे. बयान में कहा गया कि एक पेमेंट कंपनी होने के नाते OCL सिर्फ पेटीएम पेमेंट्स बैंक ही नहीं बल्कि कई बैंकों के साथ काम करती है. हम इस प्रोसेस को काफी तेज कर रहे हैं. जब रोक लागू होगी तब हम पूरी तरह से अपने बैंक पार्टनर्स पर निर्भर हो जाएंगे. भविष्य में OCL पेटीएम पेमेंट्स बैंक नहीं बल्कि सिर्फ़ दूसरे बैंकों के साथ काम करेगा.

पेटीएम के स्टॉक होल्डर्स का क्या होगा
जब से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक (RBI) को बैन करने का फैसला लिया है तब से पेटीएम के शेयर में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. पेटीएम के शेयर के दाम लगातार गिरते जा रहे हैं और बाजार के जानकार मानते हैं कि ये दाम और भी ज्यादा गिरेंगे. बाजार जानकार के मुताबिक इसका शेयरधारकों पर ज़रूर असर होगा. बता दें, पेटीएम की 3 एंटीटी है और उसमें से 1 एंटीटी बंद होने वाली है तो इसके मायने तो बड़े होने वाले हैं.

नई दिल्ली: पेटीएम इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. इतना चर्चित तो उस समय भी नहीं हुआ था जब इसको लॉन्च किया गया था. वैसे इन चर्चा में बने रहने की वजह तो सब लोग जानते हैं, लेकिन बताना जरूरी है. भारतीय रिजर्व बैंक ने कुछ दिनों पहले पेटीएम पेमेंट बैंक को 29 फरवरी तक अपना परिचालन बंद करने को कहा गया है. इससे इतर शुक्रवार को केंद्रीय बैंक ने 15 दिनों की फौरी राहत दी है.

क्या है पेटीएम?
बता दें, पेटीएम एक डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म है जो आपको ऑनलाइन बैंकिंग, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड के माध्यम से एकीकृत वॉलेट में नकदी स्थानांतरित करने या यहां तक कि चुनिंदा बैंकों और भागीदारों के माध्यम से कैश जमा करने की अनुमति देता है. पेटीएम वॉलेट में पैसे का उपयोग करके, आप कैश का यूज किए बिना कई चीजों के लिए पेमेंट कर सकते हैं. Paytm पेमेंट बैंक में केवल पैसे जमा किए जा सकते हैं, उनके पास लेनदेन करने का हक नहीं है. ये डेबिट कार्ड तो जारी कर सकते हैं लेकिन क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए उन्हें किसी लेंडर रेगुलेटर के साथ समझौता करनी पड़ेगी. मतलब पेटीएम एक ऐसा बैंक खाता है जिसमें ऐसे पैसे रखे जा सकते हैं जो आम तौर पर मर्चेंट्स को जो भुगतान मिलता है, वो उनके पेटीएम पेमेंट खाता में जाता है और फिर उनके बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर होते हैं. उसके बदले में कंपनी अपने ग्राहकों को क्रेडिट संख्या देती है. बता दें, पेटीएम की पेरेंट कंपनी का नाम वन97 कंम्युनिकेशंस है. इसी कंपनी के पास प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट यानी पीपीआई लाइसेंस है जिसे साल 2017 में पेटीएम पेमेंट बैंक शुरू करने के लिए इस्तेमाल किया गया.

कैसे हुई पेटीएम की शुरुआत
भारत में पेटीएम की स्थापना विजय शेखर शर्मा ने साल 2010 के अगस्त में की थी. जानकारी के मुताबिक विजय शेखर ने इसमें करीब 2 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया था. इस कंपनी की शुरुआत prepaid मोबाइल और DTH रिचार्ज प्लेटफॉर्म के रूप में हुई थी. बाद में साल 2013 में डेबिट कार्ड, Postpaid मोबाइल और लैंडलाइन बिल पेमेंट को जोड़ा गया. साल 2017 में Paytm 10 करोड़ से ज्यादा ऐप डाउनलोड को पार करने वाला देश का पहला पेमेंट ऐप बन गया. उसी साल, इसने पेटीएम गोल्ड लॉन्च किया, एक ऐसा उत्पाद जिसने उपयोगकर्ताओं को कम से कम 1 रुपये शुद्ध सोना ऑनलाइन खरीदने की अनुमति दी. इसने पेटीएम पेमेंट्स बैंक और इन-चैट भुगतान वाला एक मैसेजिंग प्लेटफॉर्म 'इनबॉक्स' भी लॉन्च किया.

पेटीएम कैसे काम करता है?
Paytm दो अलग-अलग तरीकों से काम करता है. एक है पेटीएम वॉलेट और दूसरा है पेटीएम पेमेंट्स बैंक. पेटीएम एक डिजिटल भुगतान प्रणाली है जो आपको क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, ऑनलाइन बैंकिंग और बैंकिंग भागीदारों के माध्यम से धन हस्तांतरित करने की अनुमति देती है. पेटीएम वॉलेट में पैसे रखकर आप कहीं भी लिक्विड कैश खर्च किए बिना सभी बिलों का भुगतान कर सकते हैं. यह आपको कई तरीकों से मदद करता है, जैसे आप डिजिटल रूप से भुगतान करते हैं जैसे मोबाइल रिचार्ज, कैब भुगतान, बिजली बिल, गैस बिल, टिकट बुकिंग, मूवी आदि. इसके लिए आपको अपने बैंक खाते से पेटीएम वॉलेट में पैसे ट्रांसफर करने होंगे. उसके बाद आप इस पैसे प्रक्रिया का उपयोग कर सकते हैं. Paytm का दूसरा विकल्प Paytm payment बैंक के लिए दिया गया है. यह अन्य बैंकों की तरह ही चलेगा. जिन उपयोगकर्ताओं के पास पहले से ही पेटीएम वॉलेट खाता है, वे बैंक खाते से माइग्रेट कर सकते हैं. बाद में वे उन सभी लाभों का आनंद ले सकते हैं जो उन्हें वॉलेट में मिलते थे और बैंकिंग में भी मिलेंगे. यह लोगों द्वारा ई-भुगतान और ई-लेन-देन में पेटीएम की उपयोगिता में बढ़त को दर्शाता है.

पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा कौन है?
पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा का जन्म 8 जुलाई, 1973 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था. उनकी प्रतिभा को ध्यान में रखते हुए एक विशेष अनुमति से 15 साल की उम्र में ही उन्हें दिल्ली इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला मिल गया था. दूसरे सरकारी स्कूल के छात्रों की तरह, विजय शर्मा को भी कॉलेज के प्रोफेसर जो भी इंग्लिश में पढ़ाते थे उसे समझना विजय को मुश्किल लगता था. इस कारण जल्द ही उन्होंने कक्षाओं में रुचि खो दी. वे अपने क्लास की पढ़ाई से ज्यादा सफलता की किताबें पढ़ने लगे.

कैसे शुरु हुआ था सफर
सफलता की इतनी सारी कहानियों को पढ़ने के बाद, वह स्पष्ट रूप से समझ गए थे, कि अगर वह अपने जीवन में कुछ बड़ा करना चाहते हैं, तो उन्हें खुद का मालिक होना पड़ेगा. इसलिए, विजय शर्मा ने अपने कोलेज के क्लासेस से ही कोडिंग सीखना शुरू किया. उसके बाद, 1 साल के लिए विजय ने अपनी खुद की कंपनी शुरू करने के लिए पैसे जुटाने के लिए कई प्रोडक्स पर काम किया. साल 2000 में, उन्होंने अपनी कंपनी वन 97 को शुरू किया.

नहीं दे पाते थे घर का किराया
कुछ समय के बाद ही वन 97कंपनी को चलाने के लिए विजय शेखर शर्मा की बचत कम हो गई, इसलिए अपनी कंपनी को विकसित करने के लिए उन्हें बैंक से लेना पड़ा. अपनी कंपनी को चलाने के लिए, कभी-कभी पेटीएम के CEO विजय शेखर शर्मा को 24 फीसदी इंटरेस्ट रेट के साथ भी लोन लेना पड़ता था. यहां तक ​​कि एक उनका लाईफ में एक ऐसा भी समय आया था, जब उनके पास अपने घर के किराए का पेमेंट करने के लिए पैसे नहीं थे, तो रात को देर घर वापस आते थे और सुबह जल्दी ही बाहर निकल जाते थे. ताकि मकान मालिक उन्हें देखव ना सके. बीतते समय के साथ-साथ उनकी माली हालत खराब होती जा रही थी. यहां तक ​​कि कभी-कभी विजय शर्मा ने अपने दोस्त के घर में रात का भोजन किया, क्योंकि उनके पास खाना खरीदने के लिए पैसे नहीं हुआ करते थे

2021 में आया था पेटीएम का IPO
भारतीय घरेलू बाजार में पेटीएम ने साल 2021 में अपना IPO लॉन्च किया था. कंपनी का आईपीओ 8 नवंबर से 10 नवंबर 2021 तक सदस्यता के लिए खुला था. शेयर बिक्री का प्राइस बैंड 2,080 रुपये से 2,150 रुपये प्रति शेयर तय किया गया था. हालांकि, पेटीएम का 18,300 करोड़ रुपये का आईपीओ लिस्टिंग के दिन उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका. डिजिटल भुगतान ऐप PayTM की मूल कंपनी One97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड ने अपनी लिस्टिंग के दिन 2,150 रुपये की शेयर कीमत का 27 फीसदी खो दिया.

विवाद में आने का यह है प्रमुख कारण
पेटीएम के संघर्ष के पीछे प्रमुख कारकों में से एक भारत के डिजिटल भुगतान और वित्तीय सेवा बाजार में तीव्र प्रतिस्पर्धा रही है. कंपनी को PhonePe, Google Pay, Amazon Pay के साथ-साथ WhatsApp Pay से टक्कर का सामना करना पड़ा. पेटीएम के लिए एक और चुनौती इसकी लाभप्रदता रही है. कंपनी को अपनी उच्च विपणन और बिक्री लागत के कारण लाभ कमाने के लिए संघर्ष करना पड़ा. मूल्यांकन सीमा से कहीं अधिक बढ़ा दिया गया था.

RBI ने दी राहत
पेटीएम पेमेंट्स बैंक को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा बड़ी राहत दी गई है. कंपनी को अपना परिचालन बंद करने की अवधि बढ़ाने से थोड़ी राहत मिली है. बता दें, आरबीआई ने नियमों का लगातार अनुपालन ना करने और प्लेटफॉर्म पर विदेशी लेनदेन में चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच के बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 29 फरवरी तक अपना परिचालन बंद करने के लिए कहा था. लेकिन अब इसकी समय सीमा 15 मार्च तक बढ़ा दी गई है, RBI के इस फैसले से मुसीबतों से जूझ रही फिनटेक कंपनी पेटीएम को अपने व्यवसाय को सुचारू रूप से चलाने के लिए नई साझेदारी बनाने के लिए ज्यादा वक्त मिल गया है. आरबीआई ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि इस कदम से बैंक के ग्राहकों को भी मदद मिलेगी, जिन्हें 15 मार्च से पहले 'दूसरे बैंक के साथ वैकल्पिक व्यवस्था करने' के लिए कहा गया है.

मूल कंपनी, पेटीएम ने बिना किसी बाधा के व्यापारी निपटान सुनिश्चित करने के लिए अपने खाते को एक नए बैंक में ट्रांसफर करने के साथ-साथ कई उपाय किए हैं. पेटीएम ने ग्राहकों को यह भरोसा दिया है कि पेटीएम क्यूआर कोड, साउंडबॉक्स और कार्ड मशीनें 15 मार्च के बाद भी काम करती रहेंगी.

RBI ने क्या कहा ?
इस मामले में आरबीआई ने पीछले दिनों एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी जिसमें कहा गया था कि 'पेटीएम की ऑडिट रिपोर्ट और बाहरी ऑडिटरों की रिपोर्ट में यह पाया गया है कि पेटीएम ने लगातार नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है. इसलिए, Banking Regulation Act के 35A नियम के तहत 29 फरवरी के बाद Paytm पेमेंट्स बैंक के कस्टमर्स कोई भी क्रेडिट-डिपॉजिट, ट्रांजैक्शन, वॉलेट, फॉस्ट टैग का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. यह भी कहा गया था कि पेटीएम को अपने कस्टमर्स को बैलेंस निकालने और इसका इस्तेमाल करने की पूरी सुविधा देनी होगी. ये सुविधा उन कस्टमर्स के लिए भी होगी जिनके पास PAYTM के जमा खाता और चालू अकाउंट हैं या फास्टटैग का इस्तेमाल करते हो. 29 फरवरी के बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक के ग्राहक इसका इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे और RBI ने 15 मार्च तक पेटीएम को नोडल खाता सेटल करने को कहा है.

PAYTM ने क्या कहा?
पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन97 कम्यूनिकेशन यानी OCL ने कहा है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक आरबीआई के दिए सभी निर्देशों का पालन करने के लिए काम कर रही है. अब ये काम और तेजी से किए जाएंगे. बयान में कहा गया कि एक पेमेंट कंपनी होने के नाते OCL सिर्फ पेटीएम पेमेंट्स बैंक ही नहीं बल्कि कई बैंकों के साथ काम करती है. हम इस प्रोसेस को काफी तेज कर रहे हैं. जब रोक लागू होगी तब हम पूरी तरह से अपने बैंक पार्टनर्स पर निर्भर हो जाएंगे. भविष्य में OCL पेटीएम पेमेंट्स बैंक नहीं बल्कि सिर्फ़ दूसरे बैंकों के साथ काम करेगा.

पेटीएम के स्टॉक होल्डर्स का क्या होगा
जब से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक (RBI) को बैन करने का फैसला लिया है तब से पेटीएम के शेयर में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. पेटीएम के शेयर के दाम लगातार गिरते जा रहे हैं और बाजार के जानकार मानते हैं कि ये दाम और भी ज्यादा गिरेंगे. बाजार जानकार के मुताबिक इसका शेयरधारकों पर ज़रूर असर होगा. बता दें, पेटीएम की 3 एंटीटी है और उसमें से 1 एंटीटी बंद होने वाली है तो इसके मायने तो बड़े होने वाले हैं.

Last Updated : Feb 17, 2024, 4:02 PM IST
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