नई दिल्ली: स्टैंडिंग कमेटी ऑन फाइनेंस ने सिफारिश की है कि इंश्योरेंस उत्पादों, विशेष रूप से स्वास्थ्य और टर्म बीमा पर जीएसटी रेट को कम करने की आवश्यकता है. फिलहाल इनश्योरेंस पर 18 फीसदी जीएसटी रेट है. संसद में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में जयंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली समिति ने कहा कि उनका मानना है कि जीएसटी की ऊंची दर के कारण प्रीमियम का बोझ बढ़ जाता है, जो बीमा पॉलिसियां लेने में बाधक बनता है.
समिति ने बीमा को और अधिक किफायती बनाने के लिए सिफारिश की है कि स्वास्थ्य बीमा उत्पादों, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों के लिए खुदरा पॉलिसियों और सूक्ष्म बीमा पॉलिसियों (पीएमजेएवाई के तहत निर्धारित सीमा तक, वर्तमान में 5 लाख रुपये) पर जीएसटी दरें लागू की जाएं और टर्म पॉलिसियों को कम किया जा सकता है.
हालांकि भारत में बीमा उद्योग ने हाल के वर्षों में गतिशील विकास दिखाया है, वर्तमान सरकार द्वारा स्थापित सुधारों के साथ कुल बीमा प्रीमियम में वृद्धि हुई है, भारतीय बीमा उत्पादों की पहुंच और घनत्व अभी भी कम है.
2020 में वैश्विक बीमा बाजार में लगभग 2 फीसदी हिस्सेदारी रखते हुए, भारतीय बीमा क्षेत्र को उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में बीमा क्षेत्रों की तुलना में अभी लंबा सफर तय करना है. स्विस रे डेटा के अनुसार, भारत 2021 में 1.85 फीसदी (2020 में 1.78 फीसदी) की बाजार हिस्सेदारी के साथ वैश्विक बीमा कारोबार में दसवें स्थान पर रहा.