मुंबई: अब आपको म्यूचुअल फंड में SIP बंद करने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. SEBI ने इसमें काफी बदलाव किए हैं. पहले SIP रद्द करने में दस वर्किग डे लगते थे. लेकिन अब आपकी SIP सिर्फ दो कार्यदिवस (T+2) में रद्द हो जाएगी. SEBI ने यह नया नियम सभी म्यूचुअल फंड कंपनियों के लिए अनिवार्य कर दिया है. नया नियम 1 दिसंबर 2024 से लागू हो गया है.
क्या हुआ बदलाव?
SEBI ने SIP रद्द करने की समय सीमा घटाकर दो वर्किग डे (T+2) कर दी है. यह नियम ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह के SIP पर लागू होता है. आआमतौर पर लोग किसी वित्तीय समस्या या किसी अन्य कारण से SIP की किस्त उसकी नियत तिथि के करीब रद्द कर देते हैं. अगर SIP चालू हो जाती है और खाते में पर्याप्त पैसा नहीं होता है तो ग्राहक को ECS रिटर्न या मैंडेट रिटर्न चार्ज देना पड़ता था. अब यह समस्या लगभग हल हो गई है.
क्या थी समस्या?
पहले एसआईपी रद्द करने के लिए 10 दिन पहले आवेदन करने का नियम था. इतने दिन पहले अपने बैंक खाते की स्थिति का अंदाजा लगाना मुश्किल था. ऐसे में किस्त बाउंस होने पर ज्यादातर लोगों को पेनाल्टी देनी पड़ती थी.
फंड हाउस को क्या करना होगा?
सभी एएमसी/आरटीए को एसआईपी पहली बार फेल होने पर निवेशक को मैसेज भेजना होगा. इसमें बताया जाएगा कि अगर लगातार 3 बार डेबिट फेल होता है तो एसआईपी रोक दी जाएगी. एसआईपी रद्द होने के बाद निवेशक को दूसरा मैसेज भेजकर इसकी जानकारी देनी होगी. इसके अलावा फंड हाउस को यह सुनिश्चित करना होगा कि एसआईपी रजिस्टर करने के साथ ही निवेशकों को सक्रिय एसआईपी को रद्द करने का विकल्प भी दिया जाए.
एसआईपी रद्द करने के संभावित कारण?
सभी एएमसी को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि एसआईपी रद्द करने की सुविधा एएमसी की वेबसाइट और उनके संबंधित आरटीए की वेबसाइट पर उपलब्ध हो, भले ही एसआईपी कहीं भी रजिस्टर की गई हो. सभी एएमसी को एसआईपी के समय से पहले रद्द होने पर टिप्पणी करने का विकल्प देना होगा.
कारणों में पैसे की कमी, योजना का अच्छा प्रदर्शन न करना, सेवा संबंधी समस्याएं, लोड में परिवर्तन, किसी अन्य योजना में निवेश की इच्छा, फंड मैनेजर में परिवर्तन, लक्ष्य प्राप्ति और अन्य कारण शामिल हैं