नई दिल्ली: आज हर किसी के पास बैंक अकाउंट है. ज्यादातर बैंकों में अकाउंट में मिनिमम बैलेंस बनाए रखना जरूरी होता है. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो बैंक इसके लिए पेनाल्टी वसूलता है. लेकिन एसबीआई में एक ऐसा अकाउंट है जिसमें जीरो बैलेंस होने पर भी आपसे कोई पेनाल्टी नहीं ली जाती. इस तरह के अकाउंट को बैंकिंग भाषा में बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंट (BSBDA) कहते हैं. जबकि आम भाषा में लोग इसे जीरो बैलेंस अकाउंट कहते हैं.
जीरो बैलेंस अकाउंट के फायदे
- दूसरे बैंक अकाउंट में मिनिमम बैलेंस न रखने पर पेनाल्टी देनी पड़ती है, लेकिन इस अकाउंट में आपको किसी तरह की पेनाल्टी नहीं देनी होगी.
- अकाउंट में आप कितनी भी अधिकतम राशि रख सकते हैं. इसके लिए कोई सीमा नहीं है.
- इसमें अकाउंट होल्डर को बैंक पासबुक, बेसिक रुपे एटीएम-कम-डेबिट कार्ड, मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा दी जाती है. हालांकि, फ्री चेक बुक नहीं दी जाती.
- जीरो बैलेंस अकाउंट खोलने पर आप सामान्य बचत खाते की तरह आधार कार्ड की मदद से पैसे निकाल और ट्रांसफर कर सकते हैं. इसके साथ ही UPI ऐप की मदद से पैसे निकालने या ट्रांसफर करने की सुविधा भी इसमें शामिल है.
- इसमें NEFT/RTGS जैसे इलेक्ट्रॉनिक चैनल के जरिए कैश ट्रांजेक्शन पर कोई चार्ज नहीं लगता है. साथ ही अगर आप बंद पड़े अकाउंट को खोलते हैं तो उसके लिए भी आपको कोई चार्ज नहीं देना पड़ता है. वहीं अगर आप अपना जीरो बैलेंस अकाउंट बंद कर देते हैं तो इसके लिए भी कोई चार्ज नहीं लगता है.
कौन खोल सकता है यह अकाउंट
कोई भी व्यक्ति जो KYC की शर्तें पूरी करता है, वह यह जीरो बैलेंस अकाउंट खोल सकता है. अगर आपके पास आधार कार्ड और पैन कार्ड जैसे दस्तावेज हैं तो आप इसे आसानी से खोल सकते हैं. जीरो बैलेंस अकाउंट में ज्वाइंट अकाउंट खोलने की सुविधा भी दी जाती है. इसमें सभी खाताधारकों को अपने दस्तावेज जमा कराने होते हैं.
यह शर्त जानना भी जरूरी है
आप बैंक में जीरो बैलेंस अकाउंट तभी खोल सकते हैं जब आपका उस बैंक में कोई दूसरा बचत खाता न हो. बैंक की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, अगर आपके पास पहले से बचत खाता है और आपने जीरो बैलेंस बचत खाता भी खुलवा लिया है तो पहले वाले खाते को 30 दिन के अंदर बंद करना होगा. जीरो बैलेंस बचत खाताधारक बैंक या अन्य बैंक के एटीएम या ब्रांच चैनल से महीने में 4 बार मुफ्त निकासी कर सकते हैं.