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देश की सबसे बड़ी शिपिंग कंपनी एससीआई को 63 वर्ष पूरे, कच्चे तेल परिवहन में अहम भूमिका - shipping corporation of India

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By IANS

Published : 2 hours ago

शिपिंग कंपनी एससीआई ने 63 साल पूरे कर लिए हैं. यह एक नवरत्न कंपनी है. विदेशों से कच्चे तेल की आपूर्ति करने में कंपनी की सबसे बड़ी भूमिका है.

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कॉन्सेप्ट फोटो (IANS)

नई दिल्ली : देश की सबसे बड़ी समुद्री जहाज कंपनी शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई) के बुधवार को 63 वर्ष पूरे हो रहे हैं. कंपनी की स्थापना भारत सरकार ने 2 अक्टूबर, 1961 को ईस्टर्न शिपिंग कॉरपोरेशन और वेस्टर्न शिपिंग कॉरपोरेशन का विलय कर की थी. बाद में 1973 में जयंती शिपिंग कंपनी और 1986 में मुगल लाइन कंपनी का इसमें विलय किया गया.

एससीआई की देश के कच्चे तेल के आयात में बड़ी भूमिका मानी जाती है. कंपनी ने अपनी स्थापना के दो साल के बाद 1964 में कच्चे तेल परिवहन में कदम रख दिया था. एससीआई 1975 में बैरी लार्ज क्रूड कैरियर (वीएलसीसी) भारत में लाने वाली पहली शिपिंग कंपनी थी.

कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक, कई बार इमरजेंसी और वैश्विक तनाव जैसी स्थिति में एससीआई ने देश के लिए कच्चे तेल की आपूर्ति सुनिश्चित कर लाइफ लाइन का काम किया और अर्थव्यवस्था को रफ्तार दी.

शुरुआत में कंपनी के पास 19 जहाजों का बेड़ा था, जिसकी संख्या अब बढ़कर 59 हो गई है. कंपनी के पास क्रूड ऑयल, उत्पाद, गैस, बल्क कैरियर्स और लाइनर जैसे जहाज हैं. 1992 में भारत सरकार की ओर से एससीआई को शेयर बाजार में लिस्ट किया गया। इस विनिवेश के दौरान कंपनी की 18.5 हिस्सेदारी की बिक्री की गई थी.

2000 के दौरान कंपनी को 'मिनी रत्न' का स्टेटस दिया गया. 2005 में कंपनी ने अपने इतिहास में पहली बार 1,000 करोड़ रुपये का मुनाफा हासिल किया था। सरकार की ओर से एससीआई को अगस्त 2008 में 'नवरत्न' का दर्जा दिया गया था.

मौजूदा समय में इसके इंडियन ऑयल, बीएचईएल, सेल, ओएनजीसी, भारत फोर्ज, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, भारत पेट्रोलियम, बीपी, कोच, पेट्रोनेट एलएनजी और जियो लॉजिस्टिक्स जैसे बड़े ग्राहक हैं. वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी की बिक्री 5,046 करोड़ रुपये रही थी. इस दौरान कंपनी को 612 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था.

ये भी पढ़ें : बैंक में नहीं सुनी जा रही आपकी परेशानी? घबराएं नहीं...यहां करें शिकायत

नई दिल्ली : देश की सबसे बड़ी समुद्री जहाज कंपनी शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई) के बुधवार को 63 वर्ष पूरे हो रहे हैं. कंपनी की स्थापना भारत सरकार ने 2 अक्टूबर, 1961 को ईस्टर्न शिपिंग कॉरपोरेशन और वेस्टर्न शिपिंग कॉरपोरेशन का विलय कर की थी. बाद में 1973 में जयंती शिपिंग कंपनी और 1986 में मुगल लाइन कंपनी का इसमें विलय किया गया.

एससीआई की देश के कच्चे तेल के आयात में बड़ी भूमिका मानी जाती है. कंपनी ने अपनी स्थापना के दो साल के बाद 1964 में कच्चे तेल परिवहन में कदम रख दिया था. एससीआई 1975 में बैरी लार्ज क्रूड कैरियर (वीएलसीसी) भारत में लाने वाली पहली शिपिंग कंपनी थी.

कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक, कई बार इमरजेंसी और वैश्विक तनाव जैसी स्थिति में एससीआई ने देश के लिए कच्चे तेल की आपूर्ति सुनिश्चित कर लाइफ लाइन का काम किया और अर्थव्यवस्था को रफ्तार दी.

शुरुआत में कंपनी के पास 19 जहाजों का बेड़ा था, जिसकी संख्या अब बढ़कर 59 हो गई है. कंपनी के पास क्रूड ऑयल, उत्पाद, गैस, बल्क कैरियर्स और लाइनर जैसे जहाज हैं. 1992 में भारत सरकार की ओर से एससीआई को शेयर बाजार में लिस्ट किया गया। इस विनिवेश के दौरान कंपनी की 18.5 हिस्सेदारी की बिक्री की गई थी.

2000 के दौरान कंपनी को 'मिनी रत्न' का स्टेटस दिया गया. 2005 में कंपनी ने अपने इतिहास में पहली बार 1,000 करोड़ रुपये का मुनाफा हासिल किया था। सरकार की ओर से एससीआई को अगस्त 2008 में 'नवरत्न' का दर्जा दिया गया था.

मौजूदा समय में इसके इंडियन ऑयल, बीएचईएल, सेल, ओएनजीसी, भारत फोर्ज, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, भारत पेट्रोलियम, बीपी, कोच, पेट्रोनेट एलएनजी और जियो लॉजिस्टिक्स जैसे बड़े ग्राहक हैं. वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी की बिक्री 5,046 करोड़ रुपये रही थी. इस दौरान कंपनी को 612 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था.

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