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फूलप्रूफ प्लान तैयार, साइबर अपराध पर लगाम लगाने को 1.8 मिलियन सिम कार्ड होंगे बैन - Cyber Criminals - CYBER CRIMINALS

Cyber Criminals- साइबर अपराध और ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ रहे है. इसको देखते हुए दूरसंचार ऑपरेटर एक बार में रिकॉर्ड 1.8 मिलियन या उससे अधिक मोबाइल कनेक्शन काटने का विचार कर रही है. पढ़ें पूरी खबर...

Cyber Crime
साइबर अपराध (प्रतीकात्मक फोटो) (Canva)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 20, 2024, 3:01 PM IST

नई दिल्ली: साइबर अपराध और ऑनलाइन धोखाधड़ी पर रोक लगाने के लिए दूरसंचार ऑपरेटर एक बार में रिकॉर्ड 1.8 मिलियन या उससे अधिक मोबाइल कनेक्शन काट सकते हैं. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह साइबर अपराध और फाइनेंशियल धोखाधड़ी करने के लिए मोबाइल कनेक्शन के गलत यूज करके ट्रैक करने के लिए अलग-अलग कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा एक व्यापक जांच का अनुसरण करता है. रिपोर्ट के मुताबिक जांच के दौरान यह पता चला कि कई मामलों में एक ही हैंडसेट का इस्तेमाल हजारों मोबाइल कनेक्शनों के साथ किया गया था.

बता दें कि 9 मई को, दूरसंचार विभाग (DoT) ने दूरसंचार कंपनियों को 28,220 मोबाइल हैंडसेटों को डिस्कनेक्ट करने और इन हैंडसेटों के साथ दुरुपयोग किए गए 20 लाख से अधिक मोबाइल कनेक्शनों को फिर से वैरिफाइ करने के लिए कहा था.

राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) के अनुसार, डिजिटल वित्तीय धोखाधड़ी के पीड़ितों को 2023 में 10,319 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. वित्त पर संसदीय स्थायी समिति की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में 694,000 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुईं.

रिपोर्ट के मुताबिक ओडिशा या असम सर्कल का सिम दिल्ली एनसीआर में इस्तेमाल किया जा सकता है. रडार से बचने के लिए, धोखेबाज केवल कुछ आउटगोइंग कॉल करते हैं और फिर सिम बदल देते हैं क्योंकि एक ही नंबर से बहुत अधिक आउटगोइंग कॉल का टेल्को सिस्टम द्वारा पता लगाया जा सकता है.

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बता दें कि 9 मई को, दूरसंचार विभाग (DoT) ने दूरसंचार कंपनियों को 28,220 मोबाइल हैंडसेटों को डिस्कनेक्ट करने और इन हैंडसेटों के साथ दुरुपयोग किए गए 20 लाख से अधिक मोबाइल कनेक्शनों को फिर से वैरिफाइ करने के लिए कहा था.

राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) के अनुसार, डिजिटल वित्तीय धोखाधड़ी के पीड़ितों को 2023 में 10,319 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. वित्त पर संसदीय स्थायी समिति की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में 694,000 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुईं.

रिपोर्ट के मुताबिक ओडिशा या असम सर्कल का सिम दिल्ली एनसीआर में इस्तेमाल किया जा सकता है. रडार से बचने के लिए, धोखेबाज केवल कुछ आउटगोइंग कॉल करते हैं और फिर सिम बदल देते हैं क्योंकि एक ही नंबर से बहुत अधिक आउटगोइंग कॉल का टेल्को सिस्टम द्वारा पता लगाया जा सकता है.

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