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L&T सेमीकंडक्टर की दौड़ में शामिल, 300 मिलियन डॉलर के निवेश के साथ फैबलेस चिपमेकर बनने की योजना - L and T Invest in semiconductor - L AND T INVEST IN SEMICONDUCTOR

L and T Invest in semiconductor- लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड ने चिप कंपनी बनाने के लिए 300 मिलियन डॉलर से अधिक का निवेश करने की योजना बनाई है. ये देश में सेमीकंडक्टर उद्योग बनाने के लिए अन्य इंडियन ग्रुप की कंपनियों के साथ मिलकर काम करेगी. पढ़ें पूरी खबर...

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 11, 2024, 11:03 AM IST

नई दिल्ली: लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड ने चिप कंपनी बनाने के लिए 300 मिलियन डॉलर से अधिक का निवेश करने की योजना बनाई है, जो दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री बनाने के लिए अन्य भारतीय समूहों के साथ मिलकर काम करेगी.

तकनीक से लेकर निर्माण तक की यह कंपनी तीन साल में एक फैबलेस चिपमेकर स्थापित करने के लिए यह पैसा खर्च करेगी, जो सेमीकंडक्टर डिजाइन और बिक्री करेगी. लेकिन उनका प्रोडक्शन को कॉन्ट्रैक्ट पर देगी.

एलएंडटी सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजीज के चीफ संदीप कुमार ने एक इंटरव्यू में कहा कि कंपनी इस साल के अंत तक 15 प्रोडक्ट डिजाइन करने और 2027 में बिक्री शुरू करने की योजना बना रही है.

इससे कंपनी को कैसे होगा फायदा?
वैश्विक और स्थानीय कंपनियां सेमीकंडक्टर क्षमता निर्माण और महंगे आयात में कटौती के भारत के प्रयासों का लाभ उठाने की कोशिश कर रही हैं. ताकि सरकारी सब्सिडी का लाभ उठाया जा सके. बीजिंग और वाशिंगटन के बीच तनाव के कारण चिप निर्माताओं सहित इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माता चीन और ताइवान से परे विविधता लाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं, जिसमें भारत एक लाभार्थी के रूप में उभर रहा है.

एनवीडिया कॉर्प और एडवांस्ड माइक्रो डिवाइसेज इंक जैसी लीडिंग फैबलेस चिप मेकर के खर्च की तुलना में एलएंडटी का निवेश मामूली है. भारतीय कंपनी एआई-सक्षम ग्राफिक्स प्रोसेसिंग इकाइयों जैसे क्षेत्रों के बजाय पावर चिप्स, रेडियो-फ्रीक्वेंसी सेमीकंडक्टर और मिश्रित-सिग्नल इंटीग्रेटेड सर्किट जैसे प्रोडक्ट को लक्षित करती है.

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नई दिल्ली: लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड ने चिप कंपनी बनाने के लिए 300 मिलियन डॉलर से अधिक का निवेश करने की योजना बनाई है, जो दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री बनाने के लिए अन्य भारतीय समूहों के साथ मिलकर काम करेगी.

तकनीक से लेकर निर्माण तक की यह कंपनी तीन साल में एक फैबलेस चिपमेकर स्थापित करने के लिए यह पैसा खर्च करेगी, जो सेमीकंडक्टर डिजाइन और बिक्री करेगी. लेकिन उनका प्रोडक्शन को कॉन्ट्रैक्ट पर देगी.

एलएंडटी सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजीज के चीफ संदीप कुमार ने एक इंटरव्यू में कहा कि कंपनी इस साल के अंत तक 15 प्रोडक्ट डिजाइन करने और 2027 में बिक्री शुरू करने की योजना बना रही है.

इससे कंपनी को कैसे होगा फायदा?
वैश्विक और स्थानीय कंपनियां सेमीकंडक्टर क्षमता निर्माण और महंगे आयात में कटौती के भारत के प्रयासों का लाभ उठाने की कोशिश कर रही हैं. ताकि सरकारी सब्सिडी का लाभ उठाया जा सके. बीजिंग और वाशिंगटन के बीच तनाव के कारण चिप निर्माताओं सहित इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माता चीन और ताइवान से परे विविधता लाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं, जिसमें भारत एक लाभार्थी के रूप में उभर रहा है.

एनवीडिया कॉर्प और एडवांस्ड माइक्रो डिवाइसेज इंक जैसी लीडिंग फैबलेस चिप मेकर के खर्च की तुलना में एलएंडटी का निवेश मामूली है. भारतीय कंपनी एआई-सक्षम ग्राफिक्स प्रोसेसिंग इकाइयों जैसे क्षेत्रों के बजाय पावर चिप्स, रेडियो-फ्रीक्वेंसी सेमीकंडक्टर और मिश्रित-सिग्नल इंटीग्रेटेड सर्किट जैसे प्रोडक्ट को लक्षित करती है.

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