नई दिल्ली: अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में कोटक महिंद्रा बैंक का नाम सामने आ रहा है. इस बीच बैंक ने सफाई दी है. कोटक महिंद्रा समूह ने कहा कि हिंडनबर्ग कभी भी कोटक समूह के के-इंडिया ऑपर्च्युनिटीज फंड (केआईओएफ) और कोटक महिंद्रा इंटरनेशनल लिमिटेड (केएमआईएल) से जुड़ी दो संस्थाओं का ग्राहक नहीं था. बैंक ने बताया कि फंड को इस बात की जानकारी नहीं थी कि हिंडनबर्ग उसके किसी निवेशक का साझेदार था.
कोटक महिंद्रा इंटरनेशनल लिमिटेड के प्रवक्ता ने कहा कि केएमआईएल और केआईओएफ ने स्पष्ट रूप से कहा है कि हिंडनबर्ग कभी भी फर्म का ग्राहक नहीं रहा है और न ही वह कभी फंड में निवेशक रहा है. फंड को कभी पता नहीं था कि हिंडनबर्ग उसके किसी निवेशक का भागीदार है.
समूह की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि केएमआईएल को फंड के निवेशक से यह पुष्टि और घोषणा भी मिली है कि उसके निवेश किसी अन्य व्यक्ति की ओर से नहीं बल्कि एक प्रमुख निवेशक के रूप में किए गए थे. बयान में कहा गया है कि के-इंडिया ऑपर्च्युनिटीज फंड लिमिटेड (केआईओएफ) सेबी द्वारा पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक है. मॉरीशस के वित्तीय सेवा आयोग द्वारा विनियमित है.
बयान में कहा गया है कि फंड की स्थापना 2013 में विदेशी ग्राहकों को भारत में निवेश करने में सक्षम बनाने के लिए की गई थी. फंड उचित केवाईसी प्रॉसेस का पालन करता है. जबकि ग्राहकों को शामिल करना और इसके सभी निवेश सभी लागू कानूनों के अनुसार किए जाते हैं. हमने अपने संचालन के संबंध में नियामकों के साथ सहयोग किया है और ऐसा करना जारी रखेंगे.