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निर्मला सीतारमण के बजट के बाद भारतीय शेयर बाजार से विदेशी निवेशकों का मोह भंग, निकाले इतने करोड़ों - Stock market after Budget

Stock market after Budget- केंद्रीय बजट के बाद से तीन दिनों में भारतीय शेयर बाजार से देशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने लगभग 10,710 करोड़ रुपये निकाले हैं. वहीं, बजट से पहले, एफपीआई ने 12 से 22 जुलाई के बीच लगभग ₹18,000 करोड़ मूल्य के शेयर खरीदे थे. पढ़ें पूरी खबर...

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 26, 2024, 10:51 AM IST

STOCK MARKET AFTER BUDGET
भारतीय शेयर बाजार से विदेशी निवेशक का मोह भंग (Getty Images)

मुंबई: देशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने केंद्रीय बजट के बाद से तीन दिनों में भारतीय शेयर बाजार से लगभग 10,710 करोड़ रुपये निकाले हैं. क्योंकि सरकार ने डेरिवेटिव ट्रेड और इक्विटी निवेश से कैपिटल प्रॉफिट पर कर बढ़ा दिया है. स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने 23 जुलाई को 2,975 करोड़ रुपये, 24 जुलाई को 5,130 करोड़ रुपये और 25 जुलाई को 2,605 करोड़ रुपये के शेयर बेचे. इसी दौरान, घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 23 जुलाई से लगभग 6,900 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे.

बजट से पहले
बजट से पहले, एफपीआई ने 12 से 22 जुलाई के बीच लगभग 18,000 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे थे. क्योंकि उन्हें सुधार उपायों की उम्मीद थी.

बजट में, निर्मला सीतारमण ने कैपिटल प्रॉफिट टैक्स के संबंध में बड़ी घोषणाएं कीं. इसके तहत सभी प्रकार की परिसंपत्तियों के लिए दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (LTCG) पर कर की दर 12.5 फीसदी करने का प्रस्ताव है, चाहे हस्तांतरणकर्ता निवासी हो या अनिवासी.

मीडिया रिपोर्ट के गैर-निवासी निवेशकों को सभी प्रकार की परिसंपत्तियों पर एलटीसीजी कर की हाई रेट से नुकसान होगा. यहां तक ​​कि एफपीआई के लिए भी सूचीबद्ध प्रतिभूतियों के लिए कर की दर एलटीसीजी के मामले में 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी और एसटीसीजी के मामले में 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दी गई है.

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मुंबई: देशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने केंद्रीय बजट के बाद से तीन दिनों में भारतीय शेयर बाजार से लगभग 10,710 करोड़ रुपये निकाले हैं. क्योंकि सरकार ने डेरिवेटिव ट्रेड और इक्विटी निवेश से कैपिटल प्रॉफिट पर कर बढ़ा दिया है. स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने 23 जुलाई को 2,975 करोड़ रुपये, 24 जुलाई को 5,130 करोड़ रुपये और 25 जुलाई को 2,605 करोड़ रुपये के शेयर बेचे. इसी दौरान, घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 23 जुलाई से लगभग 6,900 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे.

बजट से पहले
बजट से पहले, एफपीआई ने 12 से 22 जुलाई के बीच लगभग 18,000 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे थे. क्योंकि उन्हें सुधार उपायों की उम्मीद थी.

बजट में, निर्मला सीतारमण ने कैपिटल प्रॉफिट टैक्स के संबंध में बड़ी घोषणाएं कीं. इसके तहत सभी प्रकार की परिसंपत्तियों के लिए दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (LTCG) पर कर की दर 12.5 फीसदी करने का प्रस्ताव है, चाहे हस्तांतरणकर्ता निवासी हो या अनिवासी.

मीडिया रिपोर्ट के गैर-निवासी निवेशकों को सभी प्रकार की परिसंपत्तियों पर एलटीसीजी कर की हाई रेट से नुकसान होगा. यहां तक ​​कि एफपीआई के लिए भी सूचीबद्ध प्रतिभूतियों के लिए कर की दर एलटीसीजी के मामले में 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी और एसटीसीजी के मामले में 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दी गई है.

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