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भारत में पढ़ाई करने आए फ्रांसिसी शख्स को सूझा बिजनेस आइडिया, यूं खड़ी की 50 करोड़ की कंपनी - FRENCH MAN BUSINESS JOURNEY

बिजनेस की पढ़ाई करने भारत आए एक फ्रांसीसी ने प्रीमियम सैंडविच बेच कर फूड जगत में एक सफलता की कहानी लिख दी है.

Food Business
प्रतीकात्मक फोटो (Getty Image)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 7, 2024, 2:19 PM IST

बेंगलुरु: बिजनेस की पढ़ाई करने भारत आए एक फ्रांसीसी ने बेंगलुरु के फूड जगत में एक सफलता की कहानी लिख दी है. पेरिस पैनिनी नाम से पेटू सैंडविच चेन के संस्थापक निकोलस ग्रॉसमी ने 50 करोड़ रुपये का साम्राज्य खड़ा कर दिया है, जो किसी आस लोगों को अपना बिजनेस शुरू करने के लिए आकर्षित कर सकती है.

हाल ही में ग्रोथएक्स के यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो में निकोलस ग्रॉसमी का एक छात्र से लेकर एक फूड इंटरप्रेन्योर बनने तक के उनके सफर को दिखाया गया, जिसमें भारत में एक सफल फूज बिजनेस बनाने के लिए क्या करना पड़ता है, इसकी एक झलक दिखाई गई.

निकोलस ग्रॉसमी का इंटरप्रेन्योर बनने का सफर
यूट्यूब वीडियो में निकोलस ग्रॉसमी ने बताया कि वे फ्रांस में एक साधारण परिवार से आते हैं, जहां उनके माता-पिता दोनों शिक्षक है. बड़े होते हुए निकोलस ने किचेन में अपनी मां की मदद करते हुए खाना पकाने का शौक विकसित हो गया. एक साधारण शुरुआत जिसने निकोलस ग्रॉसमी को एंटरप्रेनरशिप के सफर को प्रेरित किया.

22 साल की उम्र में निकोलस अपनी मास्टर डिग्री हासिल करने के लिए भारत चले गए. ब्रेड और सैंडविच के प्रेमी वे याद करते हैं कि कैसे सैंडविच उनके बचपन के खाने का मुख्य हिस्सा थे. यह जुनून पेटू सैंडविच बनाने पर उनके ध्यान का आधार बन गया, जिसने पेरिस पैनिनी को भारत के फूड जगत में अलग पहचान दिलाई.

आम लोगों को निकोलस की सलाह
बता दें कि निकोलस प्रोडक्ट सेंटर ब्रांडिंग की पावर में विश्वास करते हैं. वह महत्वाकांक्षी फूड एंटरप्रेनरशिप को एक ऐसा ब्रांड नाम चुनने की सलाह देते हैं जो सीधे उनके प्रोडक्ट को दिखाता हो और उनके लक्षित दर्शकों के साथ प्रतिध्वनित हो. निकोलस ने कहा कि आपके ब्रांड नाम को लोगों को तुरंत आपके द्वारा पेश की जाने वाली चीजों से जोड़ना चाहिए.

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बेंगलुरु: बिजनेस की पढ़ाई करने भारत आए एक फ्रांसीसी ने बेंगलुरु के फूड जगत में एक सफलता की कहानी लिख दी है. पेरिस पैनिनी नाम से पेटू सैंडविच चेन के संस्थापक निकोलस ग्रॉसमी ने 50 करोड़ रुपये का साम्राज्य खड़ा कर दिया है, जो किसी आस लोगों को अपना बिजनेस शुरू करने के लिए आकर्षित कर सकती है.

हाल ही में ग्रोथएक्स के यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो में निकोलस ग्रॉसमी का एक छात्र से लेकर एक फूड इंटरप्रेन्योर बनने तक के उनके सफर को दिखाया गया, जिसमें भारत में एक सफल फूज बिजनेस बनाने के लिए क्या करना पड़ता है, इसकी एक झलक दिखाई गई.

निकोलस ग्रॉसमी का इंटरप्रेन्योर बनने का सफर
यूट्यूब वीडियो में निकोलस ग्रॉसमी ने बताया कि वे फ्रांस में एक साधारण परिवार से आते हैं, जहां उनके माता-पिता दोनों शिक्षक है. बड़े होते हुए निकोलस ने किचेन में अपनी मां की मदद करते हुए खाना पकाने का शौक विकसित हो गया. एक साधारण शुरुआत जिसने निकोलस ग्रॉसमी को एंटरप्रेनरशिप के सफर को प्रेरित किया.

22 साल की उम्र में निकोलस अपनी मास्टर डिग्री हासिल करने के लिए भारत चले गए. ब्रेड और सैंडविच के प्रेमी वे याद करते हैं कि कैसे सैंडविच उनके बचपन के खाने का मुख्य हिस्सा थे. यह जुनून पेटू सैंडविच बनाने पर उनके ध्यान का आधार बन गया, जिसने पेरिस पैनिनी को भारत के फूड जगत में अलग पहचान दिलाई.

आम लोगों को निकोलस की सलाह
बता दें कि निकोलस प्रोडक्ट सेंटर ब्रांडिंग की पावर में विश्वास करते हैं. वह महत्वाकांक्षी फूड एंटरप्रेनरशिप को एक ऐसा ब्रांड नाम चुनने की सलाह देते हैं जो सीधे उनके प्रोडक्ट को दिखाता हो और उनके लक्षित दर्शकों के साथ प्रतिध्वनित हो. निकोलस ने कहा कि आपके ब्रांड नाम को लोगों को तुरंत आपके द्वारा पेश की जाने वाली चीजों से जोड़ना चाहिए.

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