नई दिल्ली: वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के बावजूद भारत ने सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है. नीति आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार, लोगों को गरीबी से बाहर निकालने, बेहतर रोजगार के अवसर पैदा करने, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, जलवायु मुद्दों को संबोधित करने और भूमि इकोसिस्टम में सुधार करने के उद्देश्य से लक्ष्यों में महत्वपूर्ण प्रगति देखी गई है.
रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला, स्वच्छ भारत, जन धन, आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई, आयुष्मान आरोग्य मंदिर, पीएम-मुद्रा योजना, सौभाग्य और स्टार्ट-अप इंडिया जैसी सरकार की केंद्रित पहलों ने इन सकारात्मक बदलावों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इसके अलावा, सभी राज्यों ने अपने समग्र स्कोर में बढ़ोतरी दिखाई है, जो देश भर में सतत विकास की दिशा में सामूहिक प्रयासों को दिखाता है.
नई रैंकिंग
रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड, केरल और तमिलनाडु शीर्ष तीन प्रदर्शन करने वाले राज्य बनकर उभरे हैं, जबकि बिहार, झारखंड और नागालैंड सबसे कम प्रदर्शन करने वाले राज्य हैं. केंद्र शासित प्रदेशों में चंडीगढ़ सबसे ऊपर है, जबकि लद्दाख सबसे नीचे है.
लेटेस्ट रिपोर्ट में, 2023-24 के लिए भारत का समग्र एसडीजी स्कोर 71 हो गया है, जो 2020-21 में 66 और 2018 में 57 (बेसलाइन रिपोर्ट) से उल्लेखनीय वृद्धि दिखाती है. राज्यों के लिए स्कोर अब 2023-24 के लिए 57 से 79 तक है, जो 2018 में देखी गई 42 से 69 की पिछली सीमा की तुलना में उल्लेखनीय सुधार दिखाती है.
लक्ष्य 1 (पॉवर्टी इरेडिकेशन), 8 (सभ्य कार्य और आर्थिक विकास), 13 (जलवायु कार्रवाई), और 15 (भूमि पर जीवन) में प्रगति विशेष रूप से उल्लेखनीय रही है. जलवायु कार्रवाई ने स्कोर में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की, जो 2020-21 में 54 से बढ़कर 2023-24 में 67 हो गई. इसी तरह पॉवर्टी इरेडिकेशन ने इसी अवधि के दौरान अपने स्कोर में 60 से 72 तक सुधार किया.
राज्यों की स्थिति
एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2023-24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) की एसडीजी लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में प्रगति में सकारात्मक बदलाव को दिखाता है. वर्तमान में, राज्य स्कोर 57 से 79 के बीच है, जबकि यूटी स्कोर 65 से 77 के बीच है. यह 2020-21 के स्कोर की तुलना में सुधार दिखाता है, जहां राज्यों का स्कोर 52 से 75 और यूटी 62 से 79 के बीच था.
रिपोर्ट के अनुसार, 2018 और 2023-24 के बीच, सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्य उत्तर प्रदेश (स्कोर में 25 की वृद्धि के साथ) हैं. इसके बाद जम्मू और कश्मीर (21), उत्तराखंड (19), सिक्किम (18), हरियाणा (17), असम, त्रिपुरा और पंजाब (16-16), और मध्य प्रदेश और ओडिशा (15-15) हैं.
इंडेक्स कैसे काम करता है?
इंडेक्स मेथाडोलॉजी में व्यवस्थित चरणों की एक श्रृंखला शामिल है. यह विशिष्ट संकेतकों के लिए कच्चे डेटा को इकट्ठा करने और डेटा में किसी भी अंतराल की पहचान करने से शुरू होता है. इसके बाद, प्रगति को मापने के लिए स्पष्ट बेंचमार्क प्रदान करने के लिए 2030 के लिए लक्ष्य मान निर्धारित किए जाते हैं. फिर कच्चे डेटा को 0 से 100 तक के स्कोर बनाने के लिए समायोजित किया जाता है. प्रत्येक SDG का समग्र स्कोर उसके प्रासंगिक संकेतकों के सामान्यीकृत स्कोर का औसत निकालकर निर्धारित किया जाता है.
SDG इंडिया इंडेक्स क्या है?
SDG इंडिया इंडेक्स 2023-24, जो सतत विकास लक्ष्यों (SDG) पर राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय प्रगति का आकलन करने के लिए भारत के प्राथमिक उपकरण का चौथा संस्करण है. यह सूचकांक सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) के राष्ट्रीय संकेतक ढांचे (NIF) के साथ संरेखित 113 संकेतकों का उपयोग करके सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) की प्रगति को मापता है और उसकी निगरानी करता है. यह प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के लिए 16 SDG में प्रत्येक SDG लक्ष्य के लिए स्कोर की गणना करता है. प्रत्येक उप-राष्ट्रीय इकाई के समग्र प्रदर्शन को दर्शाने वाले समग्र स्कोर इन लक्ष्य-विशिष्ट स्कोर से प्राप्त किए जाते हैं. ये स्कोर 0 से 100 तक होते हैं, जहाँ 100 का स्कोर प्राप्त करना यह दिखाती है कि राज्य/केंद्र शासित प्रदेश ने सभी लक्ष्य प्राप्त कर लिए हैं. उच्च स्कोर SDG प्राप्त करने की दिशा में अधिक प्रगति को दिखाती है.
नीति की भूमिका
नीति आयोग राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर SDG के कार्यान्वयन और निगरानी की देखरेख में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. सूचकांक में उजागर की गई उपलब्धियां न केवल घरेलू स्तर पर महत्वपूर्ण हैं. बल्कि अन्य देशों के लिए भी मूल्यवान सबक हैं जो अपने स्वयं के SDG प्रगति को गति देने का लक्ष्य रखते हैं. भारत के केंद्रित हस्तक्षेपों और पहलों ने गहन परिवर्तनों को जन्म दिया है, जिससे वे वैश्विक समुदाय के लिए व्यावहारिक मॉडल बन गए हैं.
मुख्य उपलब्धियां
गरीबी मुक्त - 2020-21 से 12 अंकों का सुधार हुआ. बहुआयामी गरीबी 2015-16 और 2019-21 के बीच 24.8 फीसदी से लगभग आधी घटकर 14.96 फीसदी हो गई. 2023-2024 में, मनरेगा के तहत रोजगार चाहने वाले लगभग सभी व्यक्तियों को रोजगार के अवसर मिल पाए.
- फ्रीडम फ्रॉम हंगर- 99.01 फीसदी लाभार्थी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 के अंतर्गत आते हैं.
- अच्छा स्वास्थ्य और कल्याण- कुल स्कोर 2018 में 52 से बढ़कर 2023-24 में 77 हो गया. प्रति 100,000 जीवित जन्मों पर मातृ मृत्यु दर 97 है. 9-11 महीने की आयु के 93.23 फीसदी बच्चों का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है.
- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा- प्रारंभिक शिक्षा के लिए समायोजित शुद्ध नामांकन दर (ANER) 2021-22 के लिए 96.5 फीसदी है, जो 2018-19 में 87.26 फीसदी से अधिक है, जिसमें 14 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश 100 फीसदी ANER प्राप्त कर चुके हैं. 88.65 फीसदी स्कूलों में बिजली और पीने का पानी दोनों उपलब्ध हैं. उच्च शिक्षा (18-23 वर्ष) में लैंगिक समानता प्राप्त की गई है.
- लैंगिक समानता- 2018 में 63 से 2023-24 में 89 तक स्कोर में उल्लेखनीय सुधार. 99.29 फीसदी ग्रामीण परिवारों ने अपने पीने के पानी के स्रोत में सुधार किया है. 94.7 फीसदी स्कूलों में लड़कियों के लिए कार्यात्मक शौचालय हैं.
- सभ्य कार्य और आर्थिक विकास- स्थिर मूल्यों पर भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 2022-2023 में सालाना 5.88 फीसदी बढ़ी. बेरोजगारी दर (15-59 वर्ष) 2018-19 में 6.2 फीसदी से घटकर 2022-23 में 3.40 फीसदी हो गई.
- उद्योग, नवाचार और बुनियादी ढांचा- 2018 में 41 से 2023-24 में 61 तक स्कोर में सुधार. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सभी लक्षित बस्तियों में से 99.70 फीसदी अब सभी मौसम वाली सड़कों से जुड़ गई हैं, जो 2017-18 में 47.38 फीसदी थी. 93.3 फीसदी घरों में कम से कम एक मोबाइल फोन है. 95.08 फीसदी गांवों में 3G/4G मोबाइल इंटरनेट कवरेज है.
- संधारणीय शहर और समुदाय- 2018 में 39 से 2023-24 में 83 तक स्कोर में उल्लेखनीय सुधार. शहरी क्षेत्रों में उत्पन्न सीवेज के प्रतिशत के रूप में स्थापित सीवेज उपचार क्षमता 2018 में 38.86 फीसदी से बढ़कर 2020-21 में 51 फीसदी हो गई. संसाधित नगरपालिका ठोस अपशिष्ट का फीसदी 2020 में 68 फीसदी से बढ़कर 2024 में 78.46 फीसदी हो गया. 97 फीसदी वार्डों में 100 फीसदी डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण है.
- जलवायु कार्रवाई- लक्ष्य 13 के समग्र समग्र स्कोर में 13 अंकों का उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जो एसडीजी इंडिया इंडेक्स 3 (2020-21) में 54 (निष्पादक श्रेणी) से बढ़कर एसडीजी इंडिया इंडेक्स 4 (2023-24) में 67 (फ्रंट रनर श्रेणी) हो गया है. आपदा लचीलापन सूचकांक के अनुसार आपदा तैयारी स्कोर 19.20 है. अक्षय ऊर्जा से बिजली उत्पादन का हिस्सा 2020 में 36.37 फीसदी से बढ़कर 2024 में 43.28 फीसदी हो गया. 94.86 फीसदी उद्योग पर्यावरण मानकों का अनुपालन करते हैं.
- भूमि पर जीवन- सूचकांक 3 (2020-21) में स्कोर 66 से बढ़कर सूचकांक 4 (2023-24) में 75 हो गया. फ्रंट रनर श्रेणी में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या 2020-21 में 17 से बढ़कर 2023-24 में 32 हो गई. भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2021 के अनुसार, भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 25 फीसदी भाग वनों और वृक्षों से आच्छादित है. भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2021 के अनुसार वन क्षेत्र में कार्बन स्टॉक में भी 1.11 फीसदी की वृद्धि हुई है.