नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी. ये साल चुनावी साल है, इसलिए अंतरिम बजट में चुनाव से पहले के सरकारी खर्च शामिल होंगे. बता दें कि पूर्ण बजट जुलाई में पेश किया जाएगा जब नई सरकार बनेगी. अंतरिम बजट निर्मला सीतारमण का छठा बजट होगा.
पढ़ें पिछले साल पेश किए गए बजट का सारांश
- 1 फरवरी 2023 को निर्मला सीतारमण ने भारत का बजट पेश किया, जिसका बजट 45,03,097 करोड़ रुपये था. बजट के कुल खर्च में से राजस्व खर्च 35,02,136 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया था.
- भाषण के दौरान उन्होंने कहा कि बजट का उद्देश्य मजबूत सार्वजनिक वित्त और एक मजबूत वित्तीय क्षेत्र भी है.
- 2023-24 के लिए नाममात्र जीडीपी साल-दर-साल 10.5 फीसदी बढ़कर 2023-24 में 3,01,75,000 करोड़ रुपये (3.69 ट्रिलियन डॉलर) होने का अनुमान लगाया गया था.
- बजट में चालू वित्त वर्ष के 6.4 फीसदी की तुलना में 2023-24 के लिए राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद का 5.9 फीसदी रखने का लक्ष्य रखा गया है.
- वित्त मंत्री को उम्मीद है कि 2023-24 में भारत की आर्थिक वृद्धि 6-6.8 फीसदी रहेगी.
- बजट में 2023-24 के लिए खर्च का लक्ष्य 7.5 फीसदी बढ़ाकर 4503000 करोड़ रुपये कर दिया गया.
- 2023-24 के लिए पूंजीगत खर्च 33 फीसदी बढ़कर 1000000 करोड़ रुपये हो गया, क्योंकि वित्त मंत्री ने 2023-24 में रेलवे के लिए पूंजीगत आउटले 48 फीसदी बढ़ाकर 240000 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा.
- वित्त मंत्री ने 2022-23 में संशोधित 217000 करोड़ रुपये से 2023-24 में सड़क परिवहन के लिए आउटले को 24.4 फीसदी बढ़ाकर 270000 करोड़ रुपये करने का भी प्रस्ताव रखा.
- बजट में कुल रक्षा आउटले को 2022-23 के लिए संशोधित 585000 करोड़ रुपये के मुकाबले बढ़ाकर 594000 करोड़ रुपये कर दिया गया.
- शिक्षा बजट को 2023-24 के लिए 113000 करोड़ रुपये बनाम 2022-23 में 99900 करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया गया, जबकि स्वास्थ्य बजट को 2023-24 के लिए 88950 करोड़ रुपये बनाम 2022-23 में 70940 करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया गया.