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हो गया समझौता 2जी, 3जी, 4जी और 5जी बैंड को कवर करेगा एकल ब्रॉडबैंड एंटीना, जानें क्या है मल्टीपोर्ट स्विच

टेलीमेटिक्‍स विकास केंद्र और वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान ने समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.

Multi Band Antenna for 6G
प्रतीकात्मक तस्वीर. (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 2 hours ago

नई दिल्ली: भारत सरकार के प्रमुख दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र, टेलीमेटिक्‍स विकास केंद्र (सी-डॉट), ने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (सीईईआरआई), पिलानी के साथ 2जी, 3जी, 4जी और 5जी बैंड को कवर करने वाले एकल ब्रॉडबैंड एंटीना के लिए ट्यूनेबल इम्पेडेंस मैचिंग नेटवर्क के साथ मल्टीपोर्ट स्विच का विकास करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए है. यह समझौता भारत 6जी विजन और मेड इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के अनुरूप हुआ है.

इस परियोजना की स्पांसर भारत सरकार के दूरसंचार विभाग है. विभाग इसे दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास कोष (टीटीडीएफ) के तहत फंड कर रहा है. भारतीय स्टार्टअप, शिक्षाविदों और अनुसंधान एवं विकास संस्थानों को वित्त पोषित करने के लिए तैयार की गई यह योजना दूरसंचार उत्पादों और समाधानों के डिजाइन, विकास और व्यावसायीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. यह उन्नत एंटीना प्रदर्शन के साथ कई संचार बैंडों को कवर करने के लिए एक माइक्रोइलेक्ट्रोमैकेनिकल प्रौद्योगिकी-आधारित स्विचिंग नेटवर्क विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करेगी.

सी-डॉट के निदेशक डॉ. पंकज कुमार दलेला और सीएसआईआर-सीईईआरआई, पिलानी के प्रमुख अन्वेषक डॉ. दीपक बंसल की उपस्थिति में एक समारोह के दौरान इस समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस अवसर पर डॉ. बंसल ने दूरसंचार क्षेत्र में आधुनिक बुनियादी ढांचे और उन्नत अनुसंधान क्षमताओं के निर्माण में सहयोगात्मक अवसरों और उनके प्रयासों के लिए दूरसंचार विभाग और सी-डॉट की सराहना की.

सी-डॉट के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी डॉ. राजकुमार उपाध्याय ने प्रधानमंत्री के भारत 6जी विजन के अनुरूप आधुनिक संचार तकनीकी समाधान विकसित करने के लिए सी-डॉट की प्रतिबद्धता को दोहराया. सी-डॉट के प्रतिनिधियों ने भविष्य की संचार प्रणालियों के लिए मल्टीपोर्ट स्विचिंग के लिए अगली पीढ़ी के माइक्रो इलेक्ट्रोमैकेनिकल सिस्टम (एमईएमएस) आधारित समाधान विकसित करने के इस सहयोगात्मक प्रयास के लिए अपनी उत्‍सुकता व्यक्त की. इस विकसित प्रौद्योगिकी का उपयोग बिना किसी शोर के एक ही एंटीना से 2जी, 3जी, 4जी, 5जी और उससे आगे के सभी बैंडों को कवर करने के लिए किया जा सकता है.

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नई दिल्ली: भारत सरकार के प्रमुख दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र, टेलीमेटिक्‍स विकास केंद्र (सी-डॉट), ने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (सीईईआरआई), पिलानी के साथ 2जी, 3जी, 4जी और 5जी बैंड को कवर करने वाले एकल ब्रॉडबैंड एंटीना के लिए ट्यूनेबल इम्पेडेंस मैचिंग नेटवर्क के साथ मल्टीपोर्ट स्विच का विकास करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए है. यह समझौता भारत 6जी विजन और मेड इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के अनुरूप हुआ है.

इस परियोजना की स्पांसर भारत सरकार के दूरसंचार विभाग है. विभाग इसे दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास कोष (टीटीडीएफ) के तहत फंड कर रहा है. भारतीय स्टार्टअप, शिक्षाविदों और अनुसंधान एवं विकास संस्थानों को वित्त पोषित करने के लिए तैयार की गई यह योजना दूरसंचार उत्पादों और समाधानों के डिजाइन, विकास और व्यावसायीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. यह उन्नत एंटीना प्रदर्शन के साथ कई संचार बैंडों को कवर करने के लिए एक माइक्रोइलेक्ट्रोमैकेनिकल प्रौद्योगिकी-आधारित स्विचिंग नेटवर्क विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करेगी.

सी-डॉट के निदेशक डॉ. पंकज कुमार दलेला और सीएसआईआर-सीईईआरआई, पिलानी के प्रमुख अन्वेषक डॉ. दीपक बंसल की उपस्थिति में एक समारोह के दौरान इस समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस अवसर पर डॉ. बंसल ने दूरसंचार क्षेत्र में आधुनिक बुनियादी ढांचे और उन्नत अनुसंधान क्षमताओं के निर्माण में सहयोगात्मक अवसरों और उनके प्रयासों के लिए दूरसंचार विभाग और सी-डॉट की सराहना की.

सी-डॉट के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी डॉ. राजकुमार उपाध्याय ने प्रधानमंत्री के भारत 6जी विजन के अनुरूप आधुनिक संचार तकनीकी समाधान विकसित करने के लिए सी-डॉट की प्रतिबद्धता को दोहराया. सी-डॉट के प्रतिनिधियों ने भविष्य की संचार प्रणालियों के लिए मल्टीपोर्ट स्विचिंग के लिए अगली पीढ़ी के माइक्रो इलेक्ट्रोमैकेनिकल सिस्टम (एमईएमएस) आधारित समाधान विकसित करने के इस सहयोगात्मक प्रयास के लिए अपनी उत्‍सुकता व्यक्त की. इस विकसित प्रौद्योगिकी का उपयोग बिना किसी शोर के एक ही एंटीना से 2जी, 3जी, 4जी, 5जी और उससे आगे के सभी बैंडों को कवर करने के लिए किया जा सकता है.

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