नई दिल्ली: भारतीय रेलवे के खाने की क्वालिटी पर अक्सर सवाल खड़े होते रहे है. इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन भारतीय रेल की ट्रेनों में खाना सर्व करने के लिए बनाई गई कंपनी है. यह कंपनी अपनी तरफ से पूरी सक्रिएता बरतती है. इसके बावजूद भी आये दिन खाने को लेकर शिकायत मिलती रहती है. हाल ही में वंदे भारत ट्रेन के खाने में कॉकरोच निकलने की शिकायत सामने आई थी, जिसके बाद रेल मंत्री ने IRCTc के अधिकारियों पर खूब नाराजगी जताई थी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे ने आईआरसीटीसी के साथ मिलकर लंबी दूरी की ट्रेनों और देश भर के रेलवे स्टेशनों पर भोजन की गुणवत्ता और सेवा मानकों का कठोर निरीक्षण शुरू किया है. इस पहल का उद्देश्य यात्रियों को उनकी यात्रा के दौरान सुरक्षित और संतोषजनक भोजन का अनुभव सुनिश्चित करना है. हाल के महीनों में भोजन की गुणवत्ता और विक्रेताओं पर कथित रूप से अधिक पैसे वसूलने के बारे में यात्रियों की शिकायतों में बढ़ोतरी देखी गई है
इन चिंताओं का जवाब देते हुए, अधिकारियों ने 15-दिवसीय निरीक्षण अभियान शुरू किया है, जो शुरू में लंबी दूरी की ट्रेनों में ऑनबोर्ड खानपान सेवाओं पर केंद्रित है.
पश्चिमी रेलवे ने 60 से अधिक ट्रेनों के अपने बेड़े में पेंट्री कारों और वेंडर ऑपरेशन की जांच करने के लिए 20 निरीक्षकों की एक टीम को इकट्ठा करके एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाया है. राजधानी, वंदे भारत, शताब्दी और तेजस एक्सप्रेस जैसी प्रतिष्ठित ट्रेनें में समीक्षा की गई है.