नई दिल्ली: भारत लगातार तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है. इस तरक्की को देखते हुए वर्ल्ड बैंक ने कहा कि 2024 में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.5 फीसदी की रेट से बढ़ने का अनुमान है. विश्व बैंक ने अपने पहले के अनुमानों को 1.2 फीसदी तक संशोधित किया. विश्व बैंक का अनुमान है कि सेवाओं और उद्योग में लचीली गतिविधि के कारण वित्त वर्ष 2024 में भारत की उत्पादन वृद्धि 7.5 फीसदी तक पहुंच जाएगी. हालांकि, मीडियम टर्म में वृद्धि दर घटकर 6.6 फीसदी रहने की उम्मीद है.
भारत के लिए मीडियम टर्म का आउटलुक
विश्व बैंक का अनुमान है कि भारत की उत्पादन वृद्धि वित्त वर्ष 2024 में 7.5 फीसदी तक पहुंच जाएगी, जबकि वित्त वर्ष 2025 में यह घटकर 6.6 फीसदी रह जाएगी. मध्यम अवधि में, भारत में राजकोषीय घाटा और सरकारी लोन में गिरावट का अनुमान है, जो केंद्र सरकार द्वारा मजबूत उत्पादन वृद्धि और समेकन प्रयासों द्वारा समर्थित है.
भारत का हालिया इकॉनमी परफॉर्मेंस
2023Q4 में भारत की आर्थिक गतिविधि उम्मीदों से अधिक रही, पिछले वर्ष की तुलना में 8.4 फीसदी की वृद्धि के साथ, बढ़े हुए निवेश और सरकारी खपत द्वारा समर्थित है.
विश्व बैंक ने साउथ एशिया की बढ़ोतरी का लगाया अनुमान
विश्व बैंक ने 2024 के लिए दक्षिण एशिया में 6 फीसदी की मजबूत वृद्धि की भविष्यवाणी की है. इस वृद्धि का कारण मुख्य रूप से पाकिस्तान और श्रीलंका में सुधार के साथ-साथ भारत के मजबूत प्रदर्शन को दिया गया है. रिपोर्ट बताती है कि 2025 में 6.1 फीसदी की अनुमानित विकास दर के साथ दक्षिण एशिया अगले दो वर्षों तक दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र बने रहने की ओर अग्रसर है.
इसी के साथ विश्व बैंक ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 में बांग्लादेश के उत्पादन में 5.7 फीसदी की वृद्धि होने की उम्मीद है, जबकि इसी अवधि में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था 2.3 फीसदी बढ़ने का अनुमान है. वहीं, श्रीलंका की वृद्धि 2.5 फीसदी तक मजबूत होने का अनुमान है.