नई दिल्ली: भारतीय माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Koo, जो X (पूर्व में Twitter) का विकल्प है, बंद हो रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दावा किया गया है कि ऑनलाइन मीडिया फर्म डेलीहंट के साथ अधिग्रहण की बातचीत विफल होने के बाद चार साल पुराने स्टार्टअप ने बंद करने का फैसला किया गया है. बता दें कि Koo को X के घरेलू विकल्प के रूप में लॉन्च किया गया था. कई मशहूर हस्तियों और मंत्रियों द्वारा इसका बड़े पैमाने पर प्रचार किया गया था. कंपनी निवेशकों का ध्यान आकर्षित करने और नाइजीरिया और ब्राजील में विस्तार करने में भी कामयाब रही है.
Koo के बारे में
2020 में उद्यमी अप्रमेय राधाकृष्ण और मयंक बिदावतका ने Koo को स्थापित किया था. यह 10 से अधिक भाषाओं में उपलब्ध पहली भारतीय माइक्रोब्लॉगिंग साइट थी. ऐप का लोगो एक पीले रंग का पक्षी था और लॉन्च होने के बाद से इसे लगभग 60 मिलियन बार डाउनलोड किया गया. फरवरी 2021 में, कंपनी ने अपने सीरीज ए राउंड में 4.1 मिलियन डॉलर जुटाए और तीन महीने बाद अमेरिकी निवेश फर्म टाइगर ग्लोबल के नेतृत्व में 31 मिलियन डॉलर जुटाए. इसके बाद जून 2022 तक, Koo ने 57 मिलियन डॉलर से अधिक जुटाए और 285.5 मिलियन डॉलर के अपने चरम मूल्यांकन पर पहुंच गई. जुलाई 2022 तक, ऐप 9 मिलियन से अधिक मासिक सक्रिय उपयोगकर्ताओं के शिखर पर पहुंच गया था.
क्यों बंद हो रहा है Koo?
लेकिन कंपनी मुश्किल स्थिति में है क्योंकि यह अतिरिक्त फंड जुटाने में असमर्थ रही है. पिछले चार वर्षों में अपने कर्मचारियों की संख्या में कटौती करके इसे पांचवें स्थान पर ला दिया है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कू के संस्थापकों ने अपनी जेब से यह वेतन दिया है. कंपनी डेलीहंट द्वारा अधिग्रहण के लिए बातचीत कर रही थी. लेकिन यह फेल हो गए.