नई दिल्ली: भारतीय सामानों की विदेश में खूब डिमांड हो रही है. यही वजह है कि अप्रैल से जून तीमाही में हुए एक्सपोर्ट ने एक नया रिकॉर्ड बना दिया है. भारत के कुल निर्यात, वस्तु और सेवा निर्यात में इस वर्ष जून में 5.4 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई. जून में वस्तु निर्यात में 2.55 फीसदी की सकारात्मक बढ़ोतरी दर्ज की गई, जबकि सेवा निर्यात में लगभग 9 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई. इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के दौरान कुल निर्यात में 8.6 प्रतिशत की अच्छी बढ़ोतरी दर्ज की गई.
सोमवार को जारी नवीनतम आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जून में वस्तु निर्यात 35.2 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल जून में यह 34.32 बिलियन डॉलर था. तिमाही के दौरान वस्तु और सेवा निर्यात का कुल निर्यात 109.96 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है. जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 103.89 बिलियन डॉलर था, जो 5.84 फीसदी की बढ़ोतरी है.
वस्तु निर्यात में बढ़ोतरी का कारण क्या है?
आंकड़ों के अनुसार, भारत के गैर-पेट्रोलियम और गैर-रत्न एवं आभूषण निर्यात में 8.48 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो पिछले साल जून में 25.29 बिलियन डॉलर से बढ़कर इस साल जून में 27.43 बिलियन डॉलर हो गया. आंकड़ों से पता चला है कि व्यापारिक वस्तुओं के निर्यात में बढ़ोतरी मुख्य रूप से इंजीनियरिंग सामान, इलेक्ट्रॉनिक सामान, दवाओं और फार्मास्यूटिकल्स, कॉफी और कार्बनिक और अकार्बनिक रसायनों द्वारा संचालित है.
जहां इंजीनियरिंग सामानों का निर्यात पिछले साल जून में 8.52 बिलियन डॉलर से 10.27 फीसदी बढ़कर इस साल जून में 9.39 बिलियन डॉलर हो गया. वहीं इलेक्ट्रॉनिक सामानों का निर्यात पिछले साल जून में 2.42 बिलियन डॉलर से लगभग 17 फीसदी बढ़कर इस साल जून में 2.82 बिलियन डॉलर हो गया.
इसी तरह, दवाओं और फार्मास्यूटिकल्स का निर्यात पिछले साल जून में 2.25 बिलियन डॉलर से 9.93 फीसदी बढ़कर इस साल जून में 2.47 बिलियन डॉलर हो गया.
इस वर्ष जून में भारत से कॉफी का निर्यात 70 फीसदी बढ़कर 120 मिलियन डॉलर से 200 मिलियन डॉलर हो गया. भारत के जैविक और अकार्बनिक रसायनों के निर्यात में भी 3.32 फीसदी की बढञोतरी दर्ज की गई, जो पिछले वर्ष जून में 2.22 बिलियन डॉलर से बढ़कर इस वर्ष जून में 2.29 बिलियन डॉलर हो गया.
आयात में तेजी से बढ़ोतरी के बावजूद व्यापार घाटा बरकरार
इस वर्ष जून में व्यापार में सकारात्मक वृद्धि और अप्रैल-जून की अवधि में समग्र सकारात्मक वृद्धि के बावजूद, देश के आयात बिल में तेजी से वृद्धि के कारण जून के महीने में और तिमाही में भी व्यापार घाटा बरकरार है. उदाहरण के लिए, पिछले वर्ष जून में आयात और निर्यात के बीच व्यापार घाटा या घाटा 7 बिलियन डॉलर था जो इस वर्ष जून में बढ़कर 8 बिलियन डॉलर हो गया है.
इसी प्रकार, इस वर्ष अप्रैल-जून की अवधि में समग्र व्यापार घाटा 22.56 बिलियन डॉलर होने का अनुमान लगाया गया है. क्योंकि देश में सेवाओं और व्यापारिक वस्तुओं का संचयी आयात 222.89 बिलियन डॉलर होने का अनुमान लगाया गया है जबकि इस अवधि के दौरान कुल व्यापारिक और सेवा निर्यात 200.33 बिलियन डॉलर था.
भारत में विदेशी सामान जमकर खरीदा
भारत में आयात की जाने वाली प्रमुख वस्तुएं पेट्रोलियम और कच्चे उत्पाद, कोयला, कोक और ब्रिकेट, कार्बनिक और अकार्बनिक रसायन, मशीनरी, विद्युत और गैर-विद्युत, परिवहन उपकरण, लोहा और स्टील, अलौह धातुएं और वनस्पति तेल आदि हैं.
भारत के दाल आयात में इस वर्ष जून में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई, जो वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 69 फीसदी बढ़ी है. जबकि इस वर्ष अप्रैल-जून तिमाही में दाल आयात में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 130 फीसदी की तिमाही वृद्धि दर्ज की गई.