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Hindenburg ने एक बार फिर SEBI चेयरपर्सन पर लगाए गंभीर आरोप, कंपनियों का नाम किया उजागर - Hindenburg on Madhabi Puri Buch

Hindenburg on Madhabi Puri Buch- अेमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ने एक बार फिर से SEBI चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच पर हमला बोला है. हिंडनबर्ग का आरोप है कि SEBI चेयरपर्सन ने Whole-Time Member (WTM) के रुप में कार्यरत रहते हुए अपनी निजी कंसल्टिंग फर्म के जरिए कई लिस्टेड कंपनियों से पेमेंट हासिल किया. पढ़ें पूरी खबर...

Hindenburg on Madhabi Puri Buch
माधबी पुरी बुच पर हिंडनबर्ग (ANI and Getty Image)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 11, 2024, 9:37 AM IST

मुंबई: SEBI बोर्ड की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. माधवी बुच पर एक बार फिर से हिंडनबर्ग ने गंभीर आरोप लगाए है. हिंडनबर्ग का आरोप है कि SEBI चेयरपर्सन ने Whole-Time Member (WTM) के रुप में कार्यरत रहते हुए अपनी निजी कंसल्टिंग फर्म के जरिए कई लिस्टेड कंपनियों से पेमेंट हासिल किया. माधवी बुच की इस कंसल्टिंग फर्म में 99 फीसदी हिस्सेदारी हैं. हिंडनबर्ग के अनुसार SEBI चेयरपर्सन ने कुल 4 बड़ी और लिस्टेड कंपनियों से पेमेंट लिया.

विपक्षी कांग्रेस द्वारा हाल ही में लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए, न्यूयॉर्क मुख्यालय वाली हिंडनबर्ग रिसर्च ने बुधवार हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच ने अपने खिलाफ लगे आरोपों पर कई हफ्तों तक पूरी तरह से चुप्पी साधे रखी. शॉर्टसेलर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा कि बुच ने सभी उभरते मुद्दों पर कई हफ्तों तक पूरी तरह से चुप्पी साधे रखी.

हिंडनबर्ग ने एक्स पर लिखा कि नए आरोप सामने आए हैं कि निजी परामर्श इकाई, जिसका 99 फीसदी स्वामित्व सेबी अध्यक्ष माधबी बुच के पास है. इसने सेबी के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान सेबी द्वारा विनियमित कई सूचीबद्ध कंपनियों से भुगतान स्वीकार किया.

इन कंपनियों में शामिल हैं- महिंद्रा एंड महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक, डॉ. रेड्डीज और पिडिलाइट

ये आरोप बुच की भारतीय परामर्श इकाई पर लागू होते हैं, जबकि बुच की सिंगापुर स्थित परामर्श इकाई के बारे में अभी तक कोई विवरण नहीं दिया गया है. बुच ने सभी उभरते मुद्दों पर हफ्तों तक अपनी पूरी चुप्पी बनाए रखी है.

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मुंबई: SEBI बोर्ड की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. माधवी बुच पर एक बार फिर से हिंडनबर्ग ने गंभीर आरोप लगाए है. हिंडनबर्ग का आरोप है कि SEBI चेयरपर्सन ने Whole-Time Member (WTM) के रुप में कार्यरत रहते हुए अपनी निजी कंसल्टिंग फर्म के जरिए कई लिस्टेड कंपनियों से पेमेंट हासिल किया. माधवी बुच की इस कंसल्टिंग फर्म में 99 फीसदी हिस्सेदारी हैं. हिंडनबर्ग के अनुसार SEBI चेयरपर्सन ने कुल 4 बड़ी और लिस्टेड कंपनियों से पेमेंट लिया.

विपक्षी कांग्रेस द्वारा हाल ही में लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए, न्यूयॉर्क मुख्यालय वाली हिंडनबर्ग रिसर्च ने बुधवार हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच ने अपने खिलाफ लगे आरोपों पर कई हफ्तों तक पूरी तरह से चुप्पी साधे रखी. शॉर्टसेलर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा कि बुच ने सभी उभरते मुद्दों पर कई हफ्तों तक पूरी तरह से चुप्पी साधे रखी.

हिंडनबर्ग ने एक्स पर लिखा कि नए आरोप सामने आए हैं कि निजी परामर्श इकाई, जिसका 99 फीसदी स्वामित्व सेबी अध्यक्ष माधबी बुच के पास है. इसने सेबी के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान सेबी द्वारा विनियमित कई सूचीबद्ध कंपनियों से भुगतान स्वीकार किया.

इन कंपनियों में शामिल हैं- महिंद्रा एंड महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक, डॉ. रेड्डीज और पिडिलाइट

ये आरोप बुच की भारतीय परामर्श इकाई पर लागू होते हैं, जबकि बुच की सिंगापुर स्थित परामर्श इकाई के बारे में अभी तक कोई विवरण नहीं दिया गया है. बुच ने सभी उभरते मुद्दों पर हफ्तों तक अपनी पूरी चुप्पी बनाए रखी है.

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