नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने एचडीएफसी बैंक समूह को इंडसइंड बैंक, यस बैंक, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक और बंधन बैंक में 9.50 फीसदी तक हिस्सेदारी हासिल करने की परमिशन दी है. हिस्सेदारी हासिल करने की मंजूरी एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) और एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस द्वारा निवेश के लिए है. बता दें कि ये अप्रूवल एक साल के लिए वैध है और अगर एचडीएफसी बैंक उस अवधि के अंदर शेयरहोल्डिंग हासिल करने में विफल रहता है, तो अप्रूवल रद्द कर दिया जाएगा.
बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के तहत मिली मंजूरी
आरबीआई की मंजूरी बैंकिंग रेगुलेशन अधिनियम, 1949 के रेलीवेंट प्रोविजन, आरबीआई के मास्टर डायरेक्शन और बैंकिंग कंपनियों में शेयरों या वोटिंग अधिकारों के अधिग्रहण और होल्डिंग पर 16 जनवरी, 2023 के दिशानिर्देशों, फेमा, सेबी नियमों और लागू अन्य नियमों के अनुपालन के अधीन है.
आरबीआई की शर्तों का करना होगा पालन
इसके अलावा, एचडीएफसी बैंक को यह सुनिश्चित करना होगा कि इंडसइंड में टोटल होल्डिंग हर समय इंडसइंड की चुकता शेयर पूंजी या वोटिंग अधिकार के 9.50 फीसदी से अधिक न हो. अगल टोटल होल्डिंग 5 फीसदी से नीचे आती है, तो इसे इंडसइंड बैंक और यस बैंक की भुगतान की गई शेयर पूंजी या वोटिंग अधिकारों के 5 फीसदी या उससे अधिक तक बढ़ाने के लिए आरबीआई की पूर्व मंजूरी की आवश्यकता होगी.
इंडसइंड बैंक की शेयरहोल्डिंग पैटर्न
इंडसइंड बैंक के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के अनुसार, प्रमोटर इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड और इंडसइंड लिमिटेड के पास बैंक में 16.45 फीसदी हिस्सेदारी है. दिसंबर 2023 तक बैंक में म्यूचुअल फंड की संयुक्त हिस्सेदारी 15.63 फीसदी थी, जबकि एलआईसी सहित बीमा कंपनियों की हिस्सेदारी 7.04 फीसदी थी. दिसंबर तिमाही तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के पास कुल मिलाकर 38.24 फीसदी हिस्सेदारी है.
यस बैंक की शेयरहोल्डिंग पैटर्न
यस बैंक के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के मुताबिक 100 फीसदी हिस्सेदारी जनता के पास है. एलआईसी के पास लेंडर में 4.34 फीसदी हिस्सेदारी है जबकि एसबीआई के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम (एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक बैंक सहित) के पास 37.23 फीसदी हिस्सेदारी है.