हैदराबाद: आज के समय में हर नौकरीपेशा वाला शख्स सेविंग के बारे में सोचता है. नौकरी करने के दौरान किस तरह बचत हो वह इसी फिराक में लगा रहता है. रिटायरमेंट से पहले जब कोई शख्स अपनी जमा पूंजी जोड़ता है तो उसमें ग्रेच्युटी (Gratuity) भी शामिल रहती है. बता दें, ग्रेच्युटी उसी कर्मचारी को मिलती है, जिसने एक ही कंपनी में लगातार 5 साल तक काम किया हो. यहां जानकारी के लिए बता दें, कि कंपनियां अपने वर्करों को ग्रेच्युटी देकर उनका सम्मान करती हैं.
अगर आपने भी एक ही कंपनी में लगातार पांच साल तक काम किया है तो आप भी ग्रेच्युटी के हकदार हैं. आइये इस खबर के माध्यम से जानने की कोशिश करते हैं कि कितनी ग्रेच्युटी मिलेगा और इसको कैसे कैलकुलेट किया जाता है.
हम यहां बात कर रहे प्राइवेट सेक्टर में काम करने वालों की. इस सेक्टर का हर कर्मचारी यही सोचता रहता है कि पांच साल पूरे होने पर कितनी ग्रेच्युटी मिलेगी. केंद्र सरकार ने श्रम कानूनों में कुछ बदलाव करने की बात कही थी, लेकिन इस पर अभी कोई अपडेट नहीं आया है.
सबसे पहले आपको यह बताते हैं कि आखिर ग्रेच्युटी (Gratuity) होती क्या है.
जानकारी के मुताबिक कंपनी की तरफ से ग्रेच्युटी प्रदान की जाती है. एक तरह से कंपनी अपने वर्करों के प्रति सम्मान जताती है कि आप इतने साल तक कंपनी से जुडे़ रहे.
क्या है ग्रेच्युटी के नियम
अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर किन कर्मचारियों को यह मिलती है. बता दें, भारत देश में जितनी भी फैक्ट्रियां, खदान, रेलवे और बंदरगाहों पर काम करने वाले लोगों पर पेमेंट एंड ग्रेच्युटी एक्ट लागू होता है. इससे इतर जहां पर 10 से ज्यादा लोग नौकरी कर रहे हैं, चाहे वह दुकान हो या कंपनी. सभी को ग्रेच्युटी का लाभ मिलता है.
अब सवाल उठता है कि कितने साल के बाद ग्रेच्युटी मिलती है.
बता दें, किसी भी कंपनी में आपने लगातार 5 साल काम किया है तो आप इसके हकदार हैं. वहीं, कुछ मामलों में 5 साल से कम की नौकरी पर भी इसका लाभ मिल जाता है. ग्रेच्युटी एक्ट के सेक्शन 2A में के मुताबिक किसी संगठन में कोई कर्मचारी लगातार 4 साल 8 महीने तक काम किया है, वह भी इसके लिए पात्र होता है.
सबसे महत्वपूर्ण सवाल कि कैसे ग्रेच्युटी की गणना होती है.
इसके लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है. आप खुद इसको कैलकुलेट कर सकते हैं कि आपके कितनी ग्रेच्युटी मिलेगी. यह है नियम
(आपकी आखिरी इनकम)X(15/26)X(कंपनी में काम करने के साल)
इसको इस प्रकार से समझें
जैसे किसी शख्स ने एक कंपनी में लगातार 6 साल तक काम किया. उसकी लेटेस्ट सैलरी 40 हजार है. यहां पर ध्यान देने की बात है कि इसमें सिर्फ बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता ही जुड़ता है. इस तरह होगी गणना- (40000)X(15/26)X6= 1,38,461.54 रुपये. वैसे बता दें, ग्रेच्युटी की मैक्सिमम लिमिट 20 लाख कर दी गई है.
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