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जानिए वो कौन लोग हैं, जिन्होंने दिल खोलकर पार्टियों को दिया भारी-भरकम चुनावी चंदा - Electoral bond data - ELECTORAL BOND DATA

Electoral bond data- सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार चुनावी बॉन्ड पर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों को सार्वजनिक कर दिया गया है. इससे पता चलता है कि मेघा इंजीनियरिंग ने बीजेपी को 600 करोड़ रुपये का सबसे बड़ा दान किया है. जानें किन पार्टियों को कितना मिला चंदा? पढ़ें पूरी खबर...

Electoral bond data
चुनावी बॉन्ड
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 22, 2024, 12:21 PM IST

Updated : Mar 22, 2024, 5:13 PM IST

नई दिल्ली: मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर ने रूलिंग पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनावी बॉन्ड के रूप में लगभग 584 करोड़ रुपये दिए है. जो इस सबसे बड़ा दान है. इसके बाद क्विक सप्लाई चेन मैनेजमेंट लिमिटेड (375 करोड़ रुपये), वेदांता ग्रुप (236 करोड़ रुपये) और भारती ग्रुप (230 करोड़ रुपये) का योगदान रहा है.

एमईआईएल से जुड़ी कंपनियों- वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड और एसईपीसी पावर ने भी भाजपा को 85 करोड़ रुपये का दान दिया, जिससे समूह का पार्टी को कुल दान 669 करोड़ रुपये हो गया.

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार चुनावी बॉन्ड पर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के विश्लेषण से यह बात सामने आई है. यह जानकारी बैंक द्वारा भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को दी गई, जिसने अपनी वेबसाइट पर डेटा पोस्ट किया.

कांग्रेस को वेदांता से मिला फायदा
कांग्रेस को सबसे ज्यादा फायदा वेदांता ग्रुप (125 करोड़ रुपये) से मिला, उसके बाद वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी (110 करोड़ रुपये) और एमकेजे एंटरप्राइजेज (69 करोड़ रुपये) का स्थान रहा. यशोदा हॉस्पिटल ग्रुप ने इसे 64 करोड़ रुपये दिए. इस लेटेस्ट डेटा डंप में बॉन्ड पर यूनिक अल्फान्यूमेरिक नंबर शामिल था, जिससे देने वाला और लेने वाला की पहचान में मदद मिली.

भाजपा के बाद टीएमसी लाभार्थी
आंकड़ों के आकलन के अनुसार, रूलिंग पार्टी भाजपा चुनावी बॉन्ड योजना की सबसे बड़ी लाभार्थी थी, जिसे अप्रैल 2019 से 6,061 करोड़ रुपये मिले. 1,610 करोड़ रुपये के साथ तृणमूल कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही और कांग्रेस को 1,422 करोड़ रुपये मिले.

कुल मिलाकर बॉन्ड का सबसे बड़ा खरीदार फ्यूचर गेमिंग ग्रुप था, जिसने 1,368 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे. आंकड़ों से पता चलता है कि इसके सबसे बड़े लाभार्थी डीएमके, तृणमूल कांग्रेस, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ भाजपा थे, जिन्हें लगभग 100 करोड़ रुपये का फायदा हुआ.

बता दें कि मेघा इंजीनियरिंग ने टोटल 966 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे है. जिसके लाभार्थी भाजपा और उसके बाद अगली सबसे बड़ी लाभार्थी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस), जो पहले तेलंगाना राष्ट्र समिति थी.

कुल बाॉन्ड खरीद में, क्विक सप्लाई चेन 410 करोड़ रुपये के साथ फ्यूचर गेमिंग के बाद दूसरे स्थान पर थी, 400 करोड़ रुपये के साथ वेदांता और 377 करोड़ रुपये के साथ हल्दिया एनर्जी से थोड़ा आगे थी.

तृणमूल कांग्रेस को फ्यूचर गेमिंग और हल्दिया से चुनावी बांड मिले, जबकि बीजू जनता दल के शीर्ष दानकर्ता एस्सेल माइनिंग और जिंदल स्टील थे.

इन पार्टियों को मिला इतना चंदा
तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को एमईआईएल से 195 करोड़ रुपये का चुनावी बांड दान मिला. एमईआईएल ने जिन अन्य पार्टियों को दान दिया उनमें द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (85 करोड़ रुपये), वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (37 करोड़ रुपये), तेलुगु देशम पार्टी (28 करोड़ रुपये), अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (18 करोड़ रुपये), बिहार प्रदेश जनता दल ( यूनाइटेड) (10 करोड़ रुपये), जनता दल (सेक्युलर) (5 करोड़ रुपये), और जन सेना पार्टी (4 करोड़ रुपये).

सैंटियागो मार्टिन सबसे बड़े दानदाताओं में से एक
सैंटियागो मार्टिन, तथाकथित लॉटरी किंग, अपनी फर्म फ्यूचर गेमिंग के माध्यम से राजनीतिक दलों को सबसे बड़े दानदाताओं में से एक थे. व्यक्तिगत दानदाताओं में आर्सेलरमित्तल समूह के लक्ष्मी निवास मित्तल शामिल हैं जिन्होंने 35 करोड़ रुपये के बांड खरीदे, इंडिगो के राहुल भाटिया, बायोकॉन की किरण मजूमदार-शॉ और अजंता फार्मा समूह के राजेश अग्रवाल शामिल है.

सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक घोषित किया
एसबीआई चुनावी बॉन्ड का एकमात्र विक्रेता था, जिसे फरवरी के मध्य में सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक घोषित कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, एसबीआई ने गुरुवार को पोल पैनल के साथ दो सूचियां साझा कीं.

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एमईआईएल से जुड़ी कंपनियों- वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड और एसईपीसी पावर ने भी भाजपा को 85 करोड़ रुपये का दान दिया, जिससे समूह का पार्टी को कुल दान 669 करोड़ रुपये हो गया.

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार चुनावी बॉन्ड पर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के विश्लेषण से यह बात सामने आई है. यह जानकारी बैंक द्वारा भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को दी गई, जिसने अपनी वेबसाइट पर डेटा पोस्ट किया.

कांग्रेस को वेदांता से मिला फायदा
कांग्रेस को सबसे ज्यादा फायदा वेदांता ग्रुप (125 करोड़ रुपये) से मिला, उसके बाद वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी (110 करोड़ रुपये) और एमकेजे एंटरप्राइजेज (69 करोड़ रुपये) का स्थान रहा. यशोदा हॉस्पिटल ग्रुप ने इसे 64 करोड़ रुपये दिए. इस लेटेस्ट डेटा डंप में बॉन्ड पर यूनिक अल्फान्यूमेरिक नंबर शामिल था, जिससे देने वाला और लेने वाला की पहचान में मदद मिली.

भाजपा के बाद टीएमसी लाभार्थी
आंकड़ों के आकलन के अनुसार, रूलिंग पार्टी भाजपा चुनावी बॉन्ड योजना की सबसे बड़ी लाभार्थी थी, जिसे अप्रैल 2019 से 6,061 करोड़ रुपये मिले. 1,610 करोड़ रुपये के साथ तृणमूल कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही और कांग्रेस को 1,422 करोड़ रुपये मिले.

कुल मिलाकर बॉन्ड का सबसे बड़ा खरीदार फ्यूचर गेमिंग ग्रुप था, जिसने 1,368 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे. आंकड़ों से पता चलता है कि इसके सबसे बड़े लाभार्थी डीएमके, तृणमूल कांग्रेस, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ भाजपा थे, जिन्हें लगभग 100 करोड़ रुपये का फायदा हुआ.

बता दें कि मेघा इंजीनियरिंग ने टोटल 966 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे है. जिसके लाभार्थी भाजपा और उसके बाद अगली सबसे बड़ी लाभार्थी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस), जो पहले तेलंगाना राष्ट्र समिति थी.

कुल बाॉन्ड खरीद में, क्विक सप्लाई चेन 410 करोड़ रुपये के साथ फ्यूचर गेमिंग के बाद दूसरे स्थान पर थी, 400 करोड़ रुपये के साथ वेदांता और 377 करोड़ रुपये के साथ हल्दिया एनर्जी से थोड़ा आगे थी.

तृणमूल कांग्रेस को फ्यूचर गेमिंग और हल्दिया से चुनावी बांड मिले, जबकि बीजू जनता दल के शीर्ष दानकर्ता एस्सेल माइनिंग और जिंदल स्टील थे.

इन पार्टियों को मिला इतना चंदा
तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को एमईआईएल से 195 करोड़ रुपये का चुनावी बांड दान मिला. एमईआईएल ने जिन अन्य पार्टियों को दान दिया उनमें द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (85 करोड़ रुपये), वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (37 करोड़ रुपये), तेलुगु देशम पार्टी (28 करोड़ रुपये), अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (18 करोड़ रुपये), बिहार प्रदेश जनता दल ( यूनाइटेड) (10 करोड़ रुपये), जनता दल (सेक्युलर) (5 करोड़ रुपये), और जन सेना पार्टी (4 करोड़ रुपये).

सैंटियागो मार्टिन सबसे बड़े दानदाताओं में से एक
सैंटियागो मार्टिन, तथाकथित लॉटरी किंग, अपनी फर्म फ्यूचर गेमिंग के माध्यम से राजनीतिक दलों को सबसे बड़े दानदाताओं में से एक थे. व्यक्तिगत दानदाताओं में आर्सेलरमित्तल समूह के लक्ष्मी निवास मित्तल शामिल हैं जिन्होंने 35 करोड़ रुपये के बांड खरीदे, इंडिगो के राहुल भाटिया, बायोकॉन की किरण मजूमदार-शॉ और अजंता फार्मा समूह के राजेश अग्रवाल शामिल है.

सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक घोषित किया
एसबीआई चुनावी बॉन्ड का एकमात्र विक्रेता था, जिसे फरवरी के मध्य में सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक घोषित कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, एसबीआई ने गुरुवार को पोल पैनल के साथ दो सूचियां साझा कीं.

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Last Updated : Mar 22, 2024, 5:13 PM IST
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