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चुनावी साल के बजट में सरकार ने किसानों, महिलाओं, युवाओं और गरीबों पर किया फोकस

Interim Budget 2024: लोकसभा चुनाव से पहले पेश किए गए अंतरिम बजट में सरकार ने किसानों, महिलाओं, युवाओं और गरीबों पर फोकस किया है. सीतारमण ने कहा कि 'हमारी सरकार विकास के दृष्टिकोण के साथ काम कर रही है जो सर्वांगीण, सर्वव्यापी और सर्व-समावेशी है.' कृष्णानंद की रिपोर्ट.

Interim Budget 2024
अंतरिम बजट
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 1, 2024, 6:03 PM IST

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को अपने बजट भाषण में इस साल होने वाले महत्वपूर्ण आम चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का समर्थन करने के लिए चार प्रमुख सहायता समूहों - गरीबों, किसानों, महिलाओं और युवाओं को प्रेरित करने की जोरदार वकालत की.'

सीतारमण ने कहा कि 'हमारी सरकार विकास के दृष्टिकोण के साथ काम कर रही है जो सर्वांगीण, सर्वव्यापी और सर्व-समावेशी है.' उन्होंने कहा कि 'इसमें सभी जातियों और सभी स्तरों के लोगों को शामिल किया गया है.'

भारत के अधिकांश मतदाताओं के लिए चार प्रमुख सहायता समूहों के लिए सरकार की सोच को दर्शाते हुए सीतारमण ने कहा, 'जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री का दृढ़ विश्वास है, हमें चार प्रमुख जातियों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है. वे हैं, 'गरीब' (Poor), 'महिलाएं' (Women), 'युवा' (Youth) और 'अन्नदाता' (Farmer).'

वित्तमंत्री ने कहा कि 'उनकी जरूरतें, उनकी आकांक्षाएं और उनका कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. वे आगे बढ़ते हैं तो देश आगे बढ़ता है. इन चारों को अपने जीवन को बेहतर बनाने की तलाश में सरकारी सहायता की आवश्यकता है और प्राप्त भी होती है. उनका सशक्तिकरण और कल्याण देश को आगे बढ़ाएगा.'

चुनावी वर्ष के बजट प्रस्तावों के माध्यम से अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति जैसे सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर समूहों तक पहुंचने की सरकार की कोशिश में, जो बहुसंख्यक भारतीय मतदाता हैं, सीतारमण ने कहा कि पहले सामाजिक न्याय ज्यादातर एक राजनीतिक नारा था.

उन्होंने कहा कि 'हमारी सरकार के लिए सामाजिक न्याय एक प्रभावी और आवश्यक शासन मॉडल है. सभी पात्र लोगों को शामिल करने का संतृप्ति दृष्टिकोण सामाजिक न्याय की सच्ची और व्यापक उपलब्धि है. यह कार्रवाई में धर्मनिरपेक्षता है, भ्रष्टाचार को कम करती है और भाई-भतीजावाद को रोकती है.'

'इसमें पारदर्शिता और आश्वासन है कि लाभ सभी पात्र लोगों तक पहुंचाया जाएगा. संसाधनों का उचित वितरण किया जाता है. सभी को उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा की परवाह किए बिना, अवसरों तक पहुंच मिलती है. हम प्रणालीगत असमानताओं को संबोधित कर रहे हैं जिसने हमारे समाज को त्रस्त कर दिया है.' सीतारमण ने लोकसभा में कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि हमारी सरकार को उसके शानदार काम के आधार पर जनता एक बार फिर शानदार जनादेश देगी.'

चार प्रमुख सहायता समूहों के लिए बजट में क्या है?

भारत के गरीबों के लिए कल्याणकारी उपाय - गरीब कल्याण : अपने बजट भाषण में वित्तमंत्री ने कहा कि गरीबों का कल्याण ही देश का कल्याण है. उन्होंने कहा कि अधिकारों के माध्यम से गरीबी से निपटने के पहले के दृष्टिकोण के परिणाम बहुत मामूली थे. 'सरकार ने 25 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से मुक्ति दिलाने में सहायता की है.'

गरीबी को कम करने के लिए अतीत और वर्तमान उपायों और योजनाओं के बारे में बात करते हुए, सीतारमण ने कहा कि पीएम-जन धन खातों का उपयोग करके सरकार से 34 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित करने के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण का उपयोग करने से 2.7 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई, जिससे लोगों के कल्याण के लिए अधिक धन उपलब्ध कराने में मदद मिली.

रेहड़ी-पटरी वालों के लिए सरकार की प्रमुख योजना के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि 78 लाख रेहड़ी-पटरी वालों को इस योजना के तहत सहायता मिली है और उनमें से 2.3 लाख को तीसरी बार ऋण मिला है.

उन्होंने विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों तक पहुंचने वाली पीएम-जनमन योजना और 18 व्यवसायों में लगे कारीगरों और शिल्पकारों के लिए पीएम-विश्वकर्मा योजना पर भी प्रकाश डाला.

किसानों-अन्नदाताओं के लिए कल्याणकारी उपाय : सीतारमण ने पीएम की प्रमुख योजना पीएम किसान सम्मान निधि का भी उल्लेख किया, जिसे 2019 में पिछले आम चुनावों से पहले घोषित किया गया था. उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से 11.8 करोड़ छोटे और सीमांत किसान लाभान्वित हो रहे हैं, जबकि 4 करोड़ किसान पीएम फसल बीमा योजना का लाभ उठा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट ने 1361 मंडियों को एकीकृत किया है और 3 लाख करोड़ रुपये के व्यापार के साथ 1.8 करोड़ किसानों को सेवाएं प्रदान कर रहा है.

सीतारमण ने कहा कि 'ये, कई अन्य कार्यक्रमों के अलावा, देश और दुनिया के लिए भोजन पैदा करने में 'अन्नदाता' की सहायता कर रहे हैं.' सीतारमण ने सभी कृषि-जलवायु क्षेत्रों में विभिन्न फसलों के लिए नैनो डीएपी योजना के विस्तार की भी घोषणा की और सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसे तिलहनों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए तिलहनों के लिए एक मिशन की भी घोषणा की. उन्होंने कहा कि सरकार अपनी डेयरी और मत्स्य पालन विकास योजनाओं को और मजबूत करेगी.

नारी शक्ति पर फोकस : अपने बजट भाषण में सरकार के महिला कल्याण उपायों के बारे में बात करते हुए सीतारमण ने कहा कि उद्यमिता, जीवनयापन में आसानी और उनके लिए सम्मान के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण ने पिछले दस वर्षों में गति पकड़ी है.

नवीनतम आंकड़े देते हुए, सीतारमण ने कहा कि महिला उद्यमियों को तीस करोड़ मुद्रा योजना ऋण दिए गए हैं, जबकि उच्च शिक्षा में महिला नामांकन दस वर्षों में अट्ठाईस प्रतिशत बढ़ गया है.

उन्होंने अपने बजट भाषण में प्रधानमंत्री मोदी की सरकार की पिछली पहलों का भी उल्लेख किया जैसे कि भारतीय मुसलमानों के बीच तीन तलाक को अवैध बनाना, लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करना.

वित्त मंत्री ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में पीएम आवास योजना के तहत बने सत्तर प्रतिशत से अधिक घरों में महिलाएं अकेली या संयुक्त मालिक हैं और इससे उनकी गरिमा बढ़ी है.

लखपति दीदी और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मजबूत करना : सीतारमण ने कहा कि नौ करोड़ महिलाओं के साथ 83 लाख एसएचजी सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता के साथ ग्रामीण सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को बदल रहे हैं.

उन्होंने कहा कि 'उनकी सफलता ने लगभग एक करोड़ महिलाओं को लखपतिदीदी बनने में मदद की है. वे दूसरों के लिए प्रेरणा हैं. उन्हें सम्मानित कर उनकी उपलब्धियों को मान्यता दी जाएगी. सफलता से उत्साहित होकर, लखपतिदीदी का लक्ष्य 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ करने का निर्णय लिया गया है.'

उन्होंने कहा कि बेहतर पोषण वितरण, प्रारंभिक बचपन देखभाल और विकास के लिए 'सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0' के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों के उन्नयन में तेजी लाई जाएगी.

भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश का लाभ उठाना

युवाओं तक पहुंचना : दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश भारत एक युवा देश भी है, भारत की 58 प्रतिशत से अधिक आबादी 29 वर्ष से कम उम्र की है. यह नीति निर्माताओं के लिए अद्वितीय अवसर और चुनौतियां प्रस्तुत करता है.

20 से 34 वर्ष की आयु वर्ग के युवा देश की आबादी का 25 प्रतिशत से अधिक और चुनावों के दौरान किसी भी सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण समूह हैं. इस महत्वपूर्ण समूह से संबंधित बजट प्रस्तावों के बारे में बात करते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि हमारी समृद्धि युवाओं को पर्याप्त रूप से सुसज्जित और सशक्त बनाने पर निर्भर करती है.

पहले की योजनाओं की उपलब्धि पर प्रकाश डालते हुए, वित्त मंत्री ने कहा कि कौशल भारत मिशन ने 1.4 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित किया है, 54 लाख युवाओं को उन्नत और पुन: कुशल बनाया है और 3,000 नए आईटीआई स्थापित किए हैं. उन्होंने कहा कि पीएम मुद्रा योजना ने हमारे युवाओं की उद्यमशीलता आकांक्षाओं के लिए 22.5 लाख करोड़ रुपये के 43 करोड़ ऋण स्वीकृत किए हैं.

पचास साल के ब्याज मुक्त ऋण के साथ एक लाख करोड़ रुपये का कोष स्थापित करने के बजट प्रस्ताव की घोषणा करते हुए सीतारमण ने कहा, 'हमारे तकनीक प्रेमी युवाओं के लिए, यह एक स्वर्ण युग होगा.'

उन्होंने कहा कि 'यह कोष लंबी अवधि और कम या शून्य ब्याज दरों के साथ दीर्घकालिक वित्तपोषण या पुनर्वित्त प्रदान करेगा. यह निजी क्षेत्र को सनराइज डोमेन में अनुसंधान और नवाचार को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करेगा. हमें ऐसे कार्यक्रमों की आवश्यकता है जो हमारे युवाओं और प्रौद्योगिकी की शक्तियों को संयोजित करें.'

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नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को अपने बजट भाषण में इस साल होने वाले महत्वपूर्ण आम चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का समर्थन करने के लिए चार प्रमुख सहायता समूहों - गरीबों, किसानों, महिलाओं और युवाओं को प्रेरित करने की जोरदार वकालत की.'

सीतारमण ने कहा कि 'हमारी सरकार विकास के दृष्टिकोण के साथ काम कर रही है जो सर्वांगीण, सर्वव्यापी और सर्व-समावेशी है.' उन्होंने कहा कि 'इसमें सभी जातियों और सभी स्तरों के लोगों को शामिल किया गया है.'

भारत के अधिकांश मतदाताओं के लिए चार प्रमुख सहायता समूहों के लिए सरकार की सोच को दर्शाते हुए सीतारमण ने कहा, 'जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री का दृढ़ विश्वास है, हमें चार प्रमुख जातियों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है. वे हैं, 'गरीब' (Poor), 'महिलाएं' (Women), 'युवा' (Youth) और 'अन्नदाता' (Farmer).'

वित्तमंत्री ने कहा कि 'उनकी जरूरतें, उनकी आकांक्षाएं और उनका कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. वे आगे बढ़ते हैं तो देश आगे बढ़ता है. इन चारों को अपने जीवन को बेहतर बनाने की तलाश में सरकारी सहायता की आवश्यकता है और प्राप्त भी होती है. उनका सशक्तिकरण और कल्याण देश को आगे बढ़ाएगा.'

चुनावी वर्ष के बजट प्रस्तावों के माध्यम से अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति जैसे सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर समूहों तक पहुंचने की सरकार की कोशिश में, जो बहुसंख्यक भारतीय मतदाता हैं, सीतारमण ने कहा कि पहले सामाजिक न्याय ज्यादातर एक राजनीतिक नारा था.

उन्होंने कहा कि 'हमारी सरकार के लिए सामाजिक न्याय एक प्रभावी और आवश्यक शासन मॉडल है. सभी पात्र लोगों को शामिल करने का संतृप्ति दृष्टिकोण सामाजिक न्याय की सच्ची और व्यापक उपलब्धि है. यह कार्रवाई में धर्मनिरपेक्षता है, भ्रष्टाचार को कम करती है और भाई-भतीजावाद को रोकती है.'

'इसमें पारदर्शिता और आश्वासन है कि लाभ सभी पात्र लोगों तक पहुंचाया जाएगा. संसाधनों का उचित वितरण किया जाता है. सभी को उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा की परवाह किए बिना, अवसरों तक पहुंच मिलती है. हम प्रणालीगत असमानताओं को संबोधित कर रहे हैं जिसने हमारे समाज को त्रस्त कर दिया है.' सीतारमण ने लोकसभा में कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि हमारी सरकार को उसके शानदार काम के आधार पर जनता एक बार फिर शानदार जनादेश देगी.'

चार प्रमुख सहायता समूहों के लिए बजट में क्या है?

भारत के गरीबों के लिए कल्याणकारी उपाय - गरीब कल्याण : अपने बजट भाषण में वित्तमंत्री ने कहा कि गरीबों का कल्याण ही देश का कल्याण है. उन्होंने कहा कि अधिकारों के माध्यम से गरीबी से निपटने के पहले के दृष्टिकोण के परिणाम बहुत मामूली थे. 'सरकार ने 25 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से मुक्ति दिलाने में सहायता की है.'

गरीबी को कम करने के लिए अतीत और वर्तमान उपायों और योजनाओं के बारे में बात करते हुए, सीतारमण ने कहा कि पीएम-जन धन खातों का उपयोग करके सरकार से 34 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित करने के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण का उपयोग करने से 2.7 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई, जिससे लोगों के कल्याण के लिए अधिक धन उपलब्ध कराने में मदद मिली.

रेहड़ी-पटरी वालों के लिए सरकार की प्रमुख योजना के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि 78 लाख रेहड़ी-पटरी वालों को इस योजना के तहत सहायता मिली है और उनमें से 2.3 लाख को तीसरी बार ऋण मिला है.

उन्होंने विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों तक पहुंचने वाली पीएम-जनमन योजना और 18 व्यवसायों में लगे कारीगरों और शिल्पकारों के लिए पीएम-विश्वकर्मा योजना पर भी प्रकाश डाला.

किसानों-अन्नदाताओं के लिए कल्याणकारी उपाय : सीतारमण ने पीएम की प्रमुख योजना पीएम किसान सम्मान निधि का भी उल्लेख किया, जिसे 2019 में पिछले आम चुनावों से पहले घोषित किया गया था. उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से 11.8 करोड़ छोटे और सीमांत किसान लाभान्वित हो रहे हैं, जबकि 4 करोड़ किसान पीएम फसल बीमा योजना का लाभ उठा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट ने 1361 मंडियों को एकीकृत किया है और 3 लाख करोड़ रुपये के व्यापार के साथ 1.8 करोड़ किसानों को सेवाएं प्रदान कर रहा है.

सीतारमण ने कहा कि 'ये, कई अन्य कार्यक्रमों के अलावा, देश और दुनिया के लिए भोजन पैदा करने में 'अन्नदाता' की सहायता कर रहे हैं.' सीतारमण ने सभी कृषि-जलवायु क्षेत्रों में विभिन्न फसलों के लिए नैनो डीएपी योजना के विस्तार की भी घोषणा की और सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसे तिलहनों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए तिलहनों के लिए एक मिशन की भी घोषणा की. उन्होंने कहा कि सरकार अपनी डेयरी और मत्स्य पालन विकास योजनाओं को और मजबूत करेगी.

नारी शक्ति पर फोकस : अपने बजट भाषण में सरकार के महिला कल्याण उपायों के बारे में बात करते हुए सीतारमण ने कहा कि उद्यमिता, जीवनयापन में आसानी और उनके लिए सम्मान के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण ने पिछले दस वर्षों में गति पकड़ी है.

नवीनतम आंकड़े देते हुए, सीतारमण ने कहा कि महिला उद्यमियों को तीस करोड़ मुद्रा योजना ऋण दिए गए हैं, जबकि उच्च शिक्षा में महिला नामांकन दस वर्षों में अट्ठाईस प्रतिशत बढ़ गया है.

उन्होंने अपने बजट भाषण में प्रधानमंत्री मोदी की सरकार की पिछली पहलों का भी उल्लेख किया जैसे कि भारतीय मुसलमानों के बीच तीन तलाक को अवैध बनाना, लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करना.

वित्त मंत्री ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में पीएम आवास योजना के तहत बने सत्तर प्रतिशत से अधिक घरों में महिलाएं अकेली या संयुक्त मालिक हैं और इससे उनकी गरिमा बढ़ी है.

लखपति दीदी और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मजबूत करना : सीतारमण ने कहा कि नौ करोड़ महिलाओं के साथ 83 लाख एसएचजी सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता के साथ ग्रामीण सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को बदल रहे हैं.

उन्होंने कहा कि 'उनकी सफलता ने लगभग एक करोड़ महिलाओं को लखपतिदीदी बनने में मदद की है. वे दूसरों के लिए प्रेरणा हैं. उन्हें सम्मानित कर उनकी उपलब्धियों को मान्यता दी जाएगी. सफलता से उत्साहित होकर, लखपतिदीदी का लक्ष्य 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ करने का निर्णय लिया गया है.'

उन्होंने कहा कि बेहतर पोषण वितरण, प्रारंभिक बचपन देखभाल और विकास के लिए 'सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0' के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों के उन्नयन में तेजी लाई जाएगी.

भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश का लाभ उठाना

युवाओं तक पहुंचना : दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश भारत एक युवा देश भी है, भारत की 58 प्रतिशत से अधिक आबादी 29 वर्ष से कम उम्र की है. यह नीति निर्माताओं के लिए अद्वितीय अवसर और चुनौतियां प्रस्तुत करता है.

20 से 34 वर्ष की आयु वर्ग के युवा देश की आबादी का 25 प्रतिशत से अधिक और चुनावों के दौरान किसी भी सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण समूह हैं. इस महत्वपूर्ण समूह से संबंधित बजट प्रस्तावों के बारे में बात करते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि हमारी समृद्धि युवाओं को पर्याप्त रूप से सुसज्जित और सशक्त बनाने पर निर्भर करती है.

पहले की योजनाओं की उपलब्धि पर प्रकाश डालते हुए, वित्त मंत्री ने कहा कि कौशल भारत मिशन ने 1.4 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित किया है, 54 लाख युवाओं को उन्नत और पुन: कुशल बनाया है और 3,000 नए आईटीआई स्थापित किए हैं. उन्होंने कहा कि पीएम मुद्रा योजना ने हमारे युवाओं की उद्यमशीलता आकांक्षाओं के लिए 22.5 लाख करोड़ रुपये के 43 करोड़ ऋण स्वीकृत किए हैं.

पचास साल के ब्याज मुक्त ऋण के साथ एक लाख करोड़ रुपये का कोष स्थापित करने के बजट प्रस्ताव की घोषणा करते हुए सीतारमण ने कहा, 'हमारे तकनीक प्रेमी युवाओं के लिए, यह एक स्वर्ण युग होगा.'

उन्होंने कहा कि 'यह कोष लंबी अवधि और कम या शून्य ब्याज दरों के साथ दीर्घकालिक वित्तपोषण या पुनर्वित्त प्रदान करेगा. यह निजी क्षेत्र को सनराइज डोमेन में अनुसंधान और नवाचार को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करेगा. हमें ऐसे कार्यक्रमों की आवश्यकता है जो हमारे युवाओं और प्रौद्योगिकी की शक्तियों को संयोजित करें.'

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