नई दिल्ली: चीन ने अधिक एक्टिव फिस्कल पॉलिसी लागू करने का निर्णय लिया है. साथ ही चीन कहा है कि वह अगले वर्ष 'मध्यम रूप से ढीली' मौद्रिक नीति अपनाएगा, जो 2011 के बाद पहली बार रुख में बदलाव है. जैसा कि ब्लूमबर्ग न्यूज ने 9 दिसंबर को रिपोर्ट किया.
राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के सबसे वरिष्ठ अधिकारियों वाले पोलित ब्यूरो ने यह घोषणा की. इससे पहले पोलित ब्यूरो ने कहा था कि राजकोषीय नीति 'सक्रिय' होगी. पोलित ब्यूरो के इस निर्णय से संकेत मिलता है कि चीन भविष्य में और अधिक सहजता से काम करेगा, और इस निर्णय का वैश्विक निवेशकों द्वारा स्वागत किया जाएगा.
इस कदम को अगले महीने व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रम्प की वापसी की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है. हाल ही में अमेरिका में चीनी निर्यात पर अतिरिक्त टैरिफ की धमकियों के मद्देनजर है.
चीन की शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने शुक्रवार को कहा था कि देश के पास 2025 में उधारी और राजकोषीय घाटा बढ़ाने की गुंजाइश है.
हालांकि चीन ने हाल के वर्षों में मौद्रिक नीति में कई सख्त और ढीले चक्रों का सामना किया है, लेकिन 2011 से यह विवेकपूर्ण नीति के व्यापक लक्षण के साथ जुड़ा हुआ है. उस समय अधिकारियों ने बढ़ती महंगाई को शांत करने के लिए वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान अपनाए गए मध्यम ढीले के पिछले रुख से हट गए.