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अमेरिका-भारत मंच ने कहा, भारत लाल सागर संकट से उबरने में सक्षम - लाल सागर संकट

अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी मंच ने कहा है कि लाल सागर संकट का भारत में इन्फ्लेशन या वस्तुओं की कमी के लिहाज से कोई असर नहीं होगा. पढ़ें पूरी खबर...

Red Sea crisis
लाल सागर संकट
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By PTI

Published : Feb 3, 2024, 3:38 PM IST

नई दिल्ली : अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी (यूएसआईएसपी) मंच ने कहा है कि लाल सागर संकट का भारत में मुद्रास्फीति या वस्तुओं की कमी के लिहाज से कोई असर नहीं होगा. अमेरिका और यूरोप से एशिया आने वाले जलपोत लाल सागर में मिसाइलों की चपेट में आने से बचने के लिए लंबा चक्कर लगाने को मजबूर हैं. इससे यात्रा का समय बढ़ा है, जहाजों की उपलब्धता पर असर पड़ा है और माल ढुलाई तथा बीमा लागत में वृद्धि हुई है.

यूएसआईएसपी ने हालांकि कहा है कि लाल सागर संकट का कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ने वाला है. यूएसआईएसपी के अध्यक्ष और सीईओ मुकेश अघी ने पीटीआई-भाषा के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि भारत इससे उबरने में सक्षम है. उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार का लगभग 15 प्रतिशत लाल सागर से होता है. लाल सागर मार्ग का उपयोग नहीं करने पर समय दोगुना हो जाता है और पूंजी तथा कंटेनर अगले तीन सप्ताह के लिए फंस जाते हैं.

इससे भारत से यूरोप को चावल का निर्यात और भारत का ऊर्जा का आयात प्रभावित हो रहे हैं. अघी ने कहा कि इस संकट से मुद्रास्फीति बढ़ सकती है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं होगा कि महंगाई बहुत बढ़ जाए या वस्तुओं की भारी कमी हो जाए. भारत इस संकट से उबर सकता है.

इसबीच एस्सार समूह के निदेशक प्रशांत रुइया और डेलॉयट के वैश्विक सीईओ जो उकुजोग्लू सहित उद्योग जगत के दिग्गजों को यूएसआईएसपी में शामिल किया गया है. मंच के बोर्ड में शामिल होने वाले दो अन्य व्यक्ति क्वालकॉम के वैश्विक मामलों के अध्यक्ष एलेक्स रोजर्स और एमएसआई सर्फेस के राज शाह हैं.

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नई दिल्ली : अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी (यूएसआईएसपी) मंच ने कहा है कि लाल सागर संकट का भारत में मुद्रास्फीति या वस्तुओं की कमी के लिहाज से कोई असर नहीं होगा. अमेरिका और यूरोप से एशिया आने वाले जलपोत लाल सागर में मिसाइलों की चपेट में आने से बचने के लिए लंबा चक्कर लगाने को मजबूर हैं. इससे यात्रा का समय बढ़ा है, जहाजों की उपलब्धता पर असर पड़ा है और माल ढुलाई तथा बीमा लागत में वृद्धि हुई है.

यूएसआईएसपी ने हालांकि कहा है कि लाल सागर संकट का कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ने वाला है. यूएसआईएसपी के अध्यक्ष और सीईओ मुकेश अघी ने पीटीआई-भाषा के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि भारत इससे उबरने में सक्षम है. उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार का लगभग 15 प्रतिशत लाल सागर से होता है. लाल सागर मार्ग का उपयोग नहीं करने पर समय दोगुना हो जाता है और पूंजी तथा कंटेनर अगले तीन सप्ताह के लिए फंस जाते हैं.

इससे भारत से यूरोप को चावल का निर्यात और भारत का ऊर्जा का आयात प्रभावित हो रहे हैं. अघी ने कहा कि इस संकट से मुद्रास्फीति बढ़ सकती है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं होगा कि महंगाई बहुत बढ़ जाए या वस्तुओं की भारी कमी हो जाए. भारत इस संकट से उबर सकता है.

इसबीच एस्सार समूह के निदेशक प्रशांत रुइया और डेलॉयट के वैश्विक सीईओ जो उकुजोग्लू सहित उद्योग जगत के दिग्गजों को यूएसआईएसपी में शामिल किया गया है. मंच के बोर्ड में शामिल होने वाले दो अन्य व्यक्ति क्वालकॉम के वैश्विक मामलों के अध्यक्ष एलेक्स रोजर्स और एमएसआई सर्फेस के राज शाह हैं.

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