नई दिल्ली: एयर इंडिया पायलटों की यूनियन ने एयरलाइन प्रबंधन पर उनके कुछ सदस्यों को उड़ान ड्यूटी समय को निर्धारित समय से आगे बढ़ाने के लिए डराने और मजबूर करने का आरोप लगाया है. तीन सप्ताह पहले नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा पायलटों की थकान की चिंताओं को दूर करने के लिए नए उपायों की घोषणा की थी.
यूनियन ने उठाया मुद्दा
इंडियन कमर्शियल पायलट एसोसिएशन (आईसीपीए) और इंडियन पायलट गिल्ड (आईपीजी) ने एयर इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैंपबेल विल्सन को लेटर लिखकर मुद्दों को उठाया है. यूनियनों ने 28 जनवरी को लिखे अपने संयुक्त पत्र में दावा किया कि पायलटों के लिए उड़ान ड्यूटी समय सीमा (एफडीटीएल) बढ़ाने का एयरलाइन का दृष्टिकोण स्थापित नियमों का उल्लंघन करने के अलावा पायलटों की सुरक्षा से समझौता करने जैसा है.
लेटर में कहा गया है कि यह देखने में आया है कि कुछ पायलटों को संचालन निदेशक और बेस प्रबंधकों द्वारा अपने एफडीटीएल को निर्धारित सीमा से आगे बढ़ाने के लिए धमकी और दबाव का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें उनके करियर की प्रगति को खतरे में डालने की धमकियां भी शामिल हैं. स्थिति को गंभीर चिंता का विषय बताते हुए, यूनियनों का आरोप है कि इससे हमारे कर्मियों और हमारे संचालन की अखंडता दोनों के लिए खतरा पैदा हो गया है.
यह कहते हुए कि पायलट संगठन के भीतर सुरक्षा और अनुपालन के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं. लेटर में कहा गया कि हालांकि, रिपोर्ट की गई घटनाएं इन सिद्धांतों को कमजोर करती हैं और हमारे कर्मियों और हमारे संचालन की अखंडता दोनों के लिए गंभीर खतरा पैदा करती है.
यूनियन ने आरोपों की जांच करने की मांग की
यूनियनों ने पत्र में कहा कि हम इन आरोपों की जांच करने और एफडीटीएल एक्सटेंशन से संबंधित किसी भी जबरदस्ती प्रथाओं को समाप्त करने के लिए आपके तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध करते हैं. यूनियनों ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि ये प्रथाएं जारी रहती हैं, तो वे नियामक को सूचित करने के लिए मजबूर होंगे. जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कॉल रिकॉर्ड सहित सबूत मौजूद है. इसमें कहा गया है कि हमारा मानना है कि हमारा कर्तव्य न केवल कंपनी के प्रति है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा और विमानन उद्योग की प्रतिष्ठा के प्रति भी है. फिलहाल एयर इंडिया और डीजीसीए दोनों ने चुप्पी साध रखी है.
डीजीसीए अधिकारी ने टिप्पणी करने से किया इनकार
जब ईटीवी ने स्पष्टीकरण के लिए डीजीसीए के एक शीर्ष अधिकारी से संपर्क किया, तो उन्होंने यह कहते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि ये कुछ संवेदनशील मुद्दे हैं और अभी हम इस पर एक शब्द भी नहीं कह सकते हैं.