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भीषण गर्मी की वजह से दक्षिण भारत से ज्यादा उत्तर भारत में एसी की बिक्री - AC Demand On Fire

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 20, 2024, 4:50 PM IST

AC Demand On Fire: उत्तर भारत में भीषण गर्मी से अभी तक राहत नहीं मिली है. लिहाजा वहां पर एसी की मांगों में वृद्धि देखी गई. आपको जानकर यह हैरानी होगी कि इस बार दक्षिणी राज्यों के मुकाबले उत्तर भारत के राज्यों में एसी की डिमांड अधिक है. इस कारण से कंपनियां अपना प्रोडक्शन यूनिट भी उधर शिफ्ट कर रहीं हैं. त्वरित मांग पूरी करने के चक्कर में एसी के दामों में भी काफी तेजी देखी गई है.

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हैदराबाद: उत्तर भारत में चिलचिलाती धूप के कारण एयर कंडीशनर (AC) की मांग में जबरदस्त वृद्धि हुई है. इसके चलते कंपनियां दक्षिणी राज्यों से एसी का स्टॉक उत्तर भारत में ले जा रही हैं. एसी के त्वरित निर्माण के लिए आवश्यक स्पेयर पार्ट्स की मांग को पूरा करने के लिए विदेशों से विमान द्वारा सामानों का आयात किया जा रहा है. हालांकि इससे परिवहन शुल्क बढ़ रहा है. कंपनी प्रबंधकों के अनुसार, एसी के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण तांबा, एल्युमीनियम और स्टील की कीमतों में भी इस साल की शुरुआत की तुलना में काफी वृद्धि हुई है. इसलिए एसी की कीमतों में 4-8 फीसदी की वृद्धि हुई है.

आम तौर पर हर साल जनवरी से मई तक एसी की मांग अधिक रहती है. एसी की मांग को देखते हुए कंपनियां हर साल अक्टूबर और दिसंबर में ही स्पेयर पार्ट्स और कच्चा माल तैयार कर लेती हैं. जरूरी सामान जहाजों से मंगाए जाने के कारण ट्रांसपोर्ट चार्ज पर नियंत्रण रहता है.

आम तौर पर मई के बाद एसी की बिक्री कम हो जाती है. लेकिन इस बार जून के तीसरे हफ्ते में भी धूप की तीव्रता कम ना होने के कारण एसी की मांग अधिक रही. मानसून के आगमन के साथ जून के पहले हफ्ते में दक्षिण के कुछ इलाकों में बारिश हुई, पर अब फिर से यहां पर गर्मी पड़ने लगी है. नतीजतन यहां भी एसी की बिक्री सामान्य से अधिक रही है, ऐसा विक्रेताओं का कहना है.

AC पार्ट्स और परिवहन शुल्क में बढ़ोतरी
हालांकि AC हमारे देश में बनते हैं, लेकिन कम्प्रेसर, माइक्रोप्रोसेसर, क्रॉस फ्लो फैन जैसे कुछ पार्ट्स चीन, ताइवान, थाईलैंड, मलेशिया और जापान जैसे देशों से आयात होती हैं. कंपनियां अचानक मांग में उछाल का अनुमान नहीं लगा पईं, लिहाजा उनके पास स्टॉक कम हो गया.

जब कंपनियों के द्वारा एसी मैन्युफैक्चरिंग के लिए फिर से पार्ट्स ऑर्डर किए जाते हैं, तो पार्ट्स की कीमतें बढ़ जाती हैं. इस बार भी अचानक से तेज मांग के कारण एसी पार्ट्स को विदेशों से मंगाया गया, नतीजन, पार्ट्स कीमत बढ़ा दी गईं और परिवहन लागत में तेजी से वृद्धि हुई है.

इधर, ग्राहकों द्वारा शिकायतें भी मिल रही हैं कि AC डिलीवर होने के बाद भी, कंपनियों के सर्विस कर्मचारी जिन्हें घरों/दफ़्तरों में लगाना होता है, वे कम होते हैं और वे 3-4 दिन बाद भी नहीं आते हैं. दक्षिणी राज्यों की तुलना में उत्तरी राज्यों में ज्यादा तेज धूप होती है, इसलिए कुछ कंपनियां AC का अपना स्टॉक शिफ्ट कर रही हैं.

बिक्री में 70 फीसदी की वृद्धि
इस साल के लिए AC इंडस्ट्रीज का अनुमान था कि चालू गर्मी के मौसम में एसी की बिक्री में पिछले साल के मुकाबले 25-30 फीसदी की वृद्धि होगी. इस बार 70 फीसदी तक की वृद्धि के साथ बाजार में एसी का स्टॉक अभी भी मांग में है. एसी के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण तांबे की कीमत पिछले दिसंबर में 8300 डॉलर प्रति टन थी, लेकिन अब यह 10,100 डॉलर हो गई है.

स्टील की कीमत 585 डॉलर से बढ़कर 800 डॉलर प्रति टन हो गई है और एल्युमीनियम की कीमत 2100 डॉलर से बढ़कर 2500 डॉलर प्रति टन हो गई है. इसके अलावा, विदेशों से तत्काल स्पेयर पार्ट्स मंगाए जाने के कारण उनकी कीमत और परिवहन लागत भी बढ़ गई है. यही कारण है कि एसी की कीमतों में वृद्धि हुई है.

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हैदराबाद: उत्तर भारत में चिलचिलाती धूप के कारण एयर कंडीशनर (AC) की मांग में जबरदस्त वृद्धि हुई है. इसके चलते कंपनियां दक्षिणी राज्यों से एसी का स्टॉक उत्तर भारत में ले जा रही हैं. एसी के त्वरित निर्माण के लिए आवश्यक स्पेयर पार्ट्स की मांग को पूरा करने के लिए विदेशों से विमान द्वारा सामानों का आयात किया जा रहा है. हालांकि इससे परिवहन शुल्क बढ़ रहा है. कंपनी प्रबंधकों के अनुसार, एसी के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण तांबा, एल्युमीनियम और स्टील की कीमतों में भी इस साल की शुरुआत की तुलना में काफी वृद्धि हुई है. इसलिए एसी की कीमतों में 4-8 फीसदी की वृद्धि हुई है.

आम तौर पर हर साल जनवरी से मई तक एसी की मांग अधिक रहती है. एसी की मांग को देखते हुए कंपनियां हर साल अक्टूबर और दिसंबर में ही स्पेयर पार्ट्स और कच्चा माल तैयार कर लेती हैं. जरूरी सामान जहाजों से मंगाए जाने के कारण ट्रांसपोर्ट चार्ज पर नियंत्रण रहता है.

आम तौर पर मई के बाद एसी की बिक्री कम हो जाती है. लेकिन इस बार जून के तीसरे हफ्ते में भी धूप की तीव्रता कम ना होने के कारण एसी की मांग अधिक रही. मानसून के आगमन के साथ जून के पहले हफ्ते में दक्षिण के कुछ इलाकों में बारिश हुई, पर अब फिर से यहां पर गर्मी पड़ने लगी है. नतीजतन यहां भी एसी की बिक्री सामान्य से अधिक रही है, ऐसा विक्रेताओं का कहना है.

AC पार्ट्स और परिवहन शुल्क में बढ़ोतरी
हालांकि AC हमारे देश में बनते हैं, लेकिन कम्प्रेसर, माइक्रोप्रोसेसर, क्रॉस फ्लो फैन जैसे कुछ पार्ट्स चीन, ताइवान, थाईलैंड, मलेशिया और जापान जैसे देशों से आयात होती हैं. कंपनियां अचानक मांग में उछाल का अनुमान नहीं लगा पईं, लिहाजा उनके पास स्टॉक कम हो गया.

जब कंपनियों के द्वारा एसी मैन्युफैक्चरिंग के लिए फिर से पार्ट्स ऑर्डर किए जाते हैं, तो पार्ट्स की कीमतें बढ़ जाती हैं. इस बार भी अचानक से तेज मांग के कारण एसी पार्ट्स को विदेशों से मंगाया गया, नतीजन, पार्ट्स कीमत बढ़ा दी गईं और परिवहन लागत में तेजी से वृद्धि हुई है.

इधर, ग्राहकों द्वारा शिकायतें भी मिल रही हैं कि AC डिलीवर होने के बाद भी, कंपनियों के सर्विस कर्मचारी जिन्हें घरों/दफ़्तरों में लगाना होता है, वे कम होते हैं और वे 3-4 दिन बाद भी नहीं आते हैं. दक्षिणी राज्यों की तुलना में उत्तरी राज्यों में ज्यादा तेज धूप होती है, इसलिए कुछ कंपनियां AC का अपना स्टॉक शिफ्ट कर रही हैं.

बिक्री में 70 फीसदी की वृद्धि
इस साल के लिए AC इंडस्ट्रीज का अनुमान था कि चालू गर्मी के मौसम में एसी की बिक्री में पिछले साल के मुकाबले 25-30 फीसदी की वृद्धि होगी. इस बार 70 फीसदी तक की वृद्धि के साथ बाजार में एसी का स्टॉक अभी भी मांग में है. एसी के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण तांबे की कीमत पिछले दिसंबर में 8300 डॉलर प्रति टन थी, लेकिन अब यह 10,100 डॉलर हो गई है.

स्टील की कीमत 585 डॉलर से बढ़कर 800 डॉलर प्रति टन हो गई है और एल्युमीनियम की कीमत 2100 डॉलर से बढ़कर 2500 डॉलर प्रति टन हो गई है. इसके अलावा, विदेशों से तत्काल स्पेयर पार्ट्स मंगाए जाने के कारण उनकी कीमत और परिवहन लागत भी बढ़ गई है. यही कारण है कि एसी की कीमतों में वृद्धि हुई है.

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