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आज नहीं होने थे वार्ड कमेटी के चुनाव; LG के रातों-रात बढ़ाए गए अधिकार, वीके सक्सेना ने इस पावर का इस्तेमाल कर नियुक्त किए पीठासीन अधिकारी - MCD ZONAL COMMITTEE ELECTION

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 4, 2024, 7:12 AM IST

Updated : Sep 4, 2024, 1:33 PM IST

MCD ZONAL COMMITTEE ELECTION: MCD में 12 वार्ड समितियों के आज चुनाव होंगे, उपराज्यपाल ने पीठासीन अधिकारी नियुक्त कर दिए हैं. बता दें कि मेयर ने इनकी नियुक्ति से इनकार कर दिया था. इसके लिए गृह मंत्रालय की ओर से अधिसूचना जारी की गई है.

आज ही कराए जाएंगे जोनल डीसी के चुनाव
आज ही कराए जाएंगे जोनल डीसी के चुनाव (ETV Bharat)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली नगर निगम (MCD) की 12 वार्ड समितियों के चुनाव पर एलजी वीके सक्सेना ने फैसला लिया. दरअसल, मंगलवार देर शाम वार्ड कमेटियों के चुनाव स्थगित करने संबंधी मेयर शैली ओबेरॉय द्वारा आदेश जारी किए जाने के बाद गृह मंत्रालय की तरफ से इसमें दखल दिया गया. इसके बाद उपराज्यपाल के अधिकार को देर रात और बढ़ा दिया गया. गृह मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की, जिसमें कहा गया कि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना राष्ट्रपति के नियंत्रण में रहते हुए और अगले आदेशों तक उक्त अधिनियम की धारा 45 डी के अधीन राष्ट्रपति की शक्तियों का प्रयोग कर सकते हैं. इसके तहत वह किसी प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या किसी वैधानिक निकाय के गठन कर सकेंगे.

इस प्राप्त अधिकार के तहत ही मेयर शैली ओबेरॉय द्वारा वार्ड कमेटी चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने से इनकार के फैसले को उपराज्यपाल ने देर रात बदल दिया. उपराज्यपाल के आदेश में यह भी कहा गया है कि यह चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हो यह सुनिश्चित किया जाए. प्रत्येक जोन के डिप्टी कमिश्नर पीठासीन अधिकारी की भूमिका निभाएंगे.

उपराज्यपाल ने MCD के आयुक्त अश्वनी कुमार को सभी वार्ड समितियों के चुनाव कराने के लिए पीठासीन अधिकारी नियुक्त के निर्देश दिए. केंद्र सरकार ने उपराज्यपाल को पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने का अधिकार दिया, जिसके बाद एलजी ने ये निर्देश दिए. इससे पहले मेयर शैली ओबराय ने वार्ड समितियों के चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने से इनकार कर दिया था.

दिल्ली नगर निगम के 12 जोन के चेयरमैन, डिप्टी चेयरमैन और स्टेंडिंग कमेटी के एक मेंबर का चुनाव होना है. , 4 सितंबर को निर्धारित समय सीमा के अनुसार ही होगा. चुनाव से पहले सियासी घमासान देखने को मिला, जो केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद अब थम गया है, क्योंकि चुनाव की डेट आज ही है. राष्ट्रपति ने उपराज्यपाल को पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने की शक्तियां उपराज्यपाल को दे दी हैं.

देर रात जारी हुई अधिसूचना
देर रात राष्ट्रपति के आदेशों के बाद गृह मंत्रालय की ओर से अधिसूचना जारी की गई. इसमें कहा गया कि उपराज्यपाल को किसी भी निकाय/बोर्ड/ऑथोरिटी जो जिस नाम से बुलाई जाए, पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने का अधिकार दिया गया है. इस अधिसूचना के जारी होने के बाद एमसीडी कमिश्नर की ओर से भी एक आदेश जारी कर दिया गया, जिसमें पीठासीन अधिकारी के तौर पर दिल्ली नगर निगम के सभी 12 जोन के डिप्टी कमिश्नर्स को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया गया है. एमसीडी कमिश्नर ने उपराज्यपाल के आदेशों और मौजूदा घटनाक्रम को देखते हुए जनहित में तुरंत अमल में लाने के आदेश भी दिए हैं. एमसीडी कमिश्नर ने अपने इस आदेश में दिल्ली के मेयर की ओर से चुनाव कराने के लिए पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने से इनकार किए जाने के मामले का भी जिक्र किया है.

एमसीडी वार्ड कमेटी चुनाव के सभी 12 जोन के प्रत्याशियों के नाम
एमसीडी वार्ड कमेटी चुनाव के सभी 12 जोन के प्रत्याशियों के नाम (ETV BHARAT)

बरती जाए पारदर्शिता: एमसीडी कमिश्नर के आदेश के अनुपालन करते हुए रात्रि में ही निगम सचिव की ओर से एक नोटिस जारी किया गया. इसमें 4 सितंबर को ही निर्धारित समय सीमा के भीतर सुबह 10 बजे से 4 बजे तक सभी वार्ड कमेटियों के चुनाव करवाए जाने की बात कही है. इसके लिए सभी जोन के डिप्टी कमिश्नर को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया गया है. निगम सचिव की ओर से जारी किए गए आदेश की कॉपी दिल्ली के उपराज्यपाल, एमसीडी कमिश्नर, दिल्ली मेयर, लीडर ऑफ हाउस, नेता प्रतिपक्ष, सभी पीठासीन अधिकारी और अन्य को भी भेज दी गई है. एमसीडी कमिश्नर अश्विनी कुमार की ओर से जारी किए गए आदेशों में साफ और स्पष्ट लिखा गया है कि सभी पीठासीन अधिकारी पूरी तरह से वार्ड कमेटियों के चुनाव को 'फ्री एंड फेयर' तरीके से संपन करवाएंगे और इस पूरी चुनाव प्रक्रिया की रिकॉर्डिंग भी की जाए. साथ ही चुनाव में पूरी तरह से पारदर्शिता बरती जाए.

आदेश की कॉपी
आदेश की कॉपी (ETV Bharat)

मेयर ने दी थी यह दलील: इससे पहले मेयर शैली ओबेरॉय की ओर से वार्ड कमेटी के चेयरमैन, डिप्टी चेयरमैन और स्टैंडिंग कमेटी के एक मेंबर के चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने से इनकार कर दिया गया था. उन्होंने कहा था कि "मेरी अंतरात्मा अलोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने की इजाजत नहीं देती. केवल एक दिन के नोटिस देने के चलते नामांकन दाखिल करने में असमर्थ पार्षदों से कई ज्ञापन प्राप्त हुए हैं. लोकतांत्रिक प्रक्रिया की निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए नामांकन के लिए पर्याप्त समय दिया जाना आवश्यक है.

यह भी पढ़ें- करोल बाग जोन के चेयरमैन का दावा- अब एमसीडी के कामों को मिलेगी रफ्तार

उन्होंने यह भी कहा था कि, मेरे निर्देश देने के बाद भी नगर निगम सचिव को चुनाव की अधिसूचना देने में पांच दिन लग गए. ऐसे में नामांकन दाखिल करने के लिए सिर्फ एक दिन कैसे दिया जा सकता है? उन्होंने कहा कि एमसीडी के इतिहास में नामांकन दाखिल करने के लिए इतना कम समय पहले कभी नहीं दिया गया. उन्होंने आयुक्त को नामांकन दाखिल करने के लिए कम से कम एक सप्ताह का नोटिस देकर चुनाव प्रक्रिया को दोबारा शुरू करने का निर्देश दिया था.

यह भी पढ़ें- दिल्ली सरकार को बदनाम करने के लिए भाजपा सड़क पर डाल रही कूड़ा, सोमनाथ भारती का आरोप

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली नगर निगम (MCD) की 12 वार्ड समितियों के चुनाव पर एलजी वीके सक्सेना ने फैसला लिया. दरअसल, मंगलवार देर शाम वार्ड कमेटियों के चुनाव स्थगित करने संबंधी मेयर शैली ओबेरॉय द्वारा आदेश जारी किए जाने के बाद गृह मंत्रालय की तरफ से इसमें दखल दिया गया. इसके बाद उपराज्यपाल के अधिकार को देर रात और बढ़ा दिया गया. गृह मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की, जिसमें कहा गया कि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना राष्ट्रपति के नियंत्रण में रहते हुए और अगले आदेशों तक उक्त अधिनियम की धारा 45 डी के अधीन राष्ट्रपति की शक्तियों का प्रयोग कर सकते हैं. इसके तहत वह किसी प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या किसी वैधानिक निकाय के गठन कर सकेंगे.

इस प्राप्त अधिकार के तहत ही मेयर शैली ओबेरॉय द्वारा वार्ड कमेटी चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने से इनकार के फैसले को उपराज्यपाल ने देर रात बदल दिया. उपराज्यपाल के आदेश में यह भी कहा गया है कि यह चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हो यह सुनिश्चित किया जाए. प्रत्येक जोन के डिप्टी कमिश्नर पीठासीन अधिकारी की भूमिका निभाएंगे.

उपराज्यपाल ने MCD के आयुक्त अश्वनी कुमार को सभी वार्ड समितियों के चुनाव कराने के लिए पीठासीन अधिकारी नियुक्त के निर्देश दिए. केंद्र सरकार ने उपराज्यपाल को पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने का अधिकार दिया, जिसके बाद एलजी ने ये निर्देश दिए. इससे पहले मेयर शैली ओबराय ने वार्ड समितियों के चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने से इनकार कर दिया था.

दिल्ली नगर निगम के 12 जोन के चेयरमैन, डिप्टी चेयरमैन और स्टेंडिंग कमेटी के एक मेंबर का चुनाव होना है. , 4 सितंबर को निर्धारित समय सीमा के अनुसार ही होगा. चुनाव से पहले सियासी घमासान देखने को मिला, जो केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद अब थम गया है, क्योंकि चुनाव की डेट आज ही है. राष्ट्रपति ने उपराज्यपाल को पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने की शक्तियां उपराज्यपाल को दे दी हैं.

देर रात जारी हुई अधिसूचना
देर रात राष्ट्रपति के आदेशों के बाद गृह मंत्रालय की ओर से अधिसूचना जारी की गई. इसमें कहा गया कि उपराज्यपाल को किसी भी निकाय/बोर्ड/ऑथोरिटी जो जिस नाम से बुलाई जाए, पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने का अधिकार दिया गया है. इस अधिसूचना के जारी होने के बाद एमसीडी कमिश्नर की ओर से भी एक आदेश जारी कर दिया गया, जिसमें पीठासीन अधिकारी के तौर पर दिल्ली नगर निगम के सभी 12 जोन के डिप्टी कमिश्नर्स को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया गया है. एमसीडी कमिश्नर ने उपराज्यपाल के आदेशों और मौजूदा घटनाक्रम को देखते हुए जनहित में तुरंत अमल में लाने के आदेश भी दिए हैं. एमसीडी कमिश्नर ने अपने इस आदेश में दिल्ली के मेयर की ओर से चुनाव कराने के लिए पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने से इनकार किए जाने के मामले का भी जिक्र किया है.

एमसीडी वार्ड कमेटी चुनाव के सभी 12 जोन के प्रत्याशियों के नाम
एमसीडी वार्ड कमेटी चुनाव के सभी 12 जोन के प्रत्याशियों के नाम (ETV BHARAT)

बरती जाए पारदर्शिता: एमसीडी कमिश्नर के आदेश के अनुपालन करते हुए रात्रि में ही निगम सचिव की ओर से एक नोटिस जारी किया गया. इसमें 4 सितंबर को ही निर्धारित समय सीमा के भीतर सुबह 10 बजे से 4 बजे तक सभी वार्ड कमेटियों के चुनाव करवाए जाने की बात कही है. इसके लिए सभी जोन के डिप्टी कमिश्नर को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया गया है. निगम सचिव की ओर से जारी किए गए आदेश की कॉपी दिल्ली के उपराज्यपाल, एमसीडी कमिश्नर, दिल्ली मेयर, लीडर ऑफ हाउस, नेता प्रतिपक्ष, सभी पीठासीन अधिकारी और अन्य को भी भेज दी गई है. एमसीडी कमिश्नर अश्विनी कुमार की ओर से जारी किए गए आदेशों में साफ और स्पष्ट लिखा गया है कि सभी पीठासीन अधिकारी पूरी तरह से वार्ड कमेटियों के चुनाव को 'फ्री एंड फेयर' तरीके से संपन करवाएंगे और इस पूरी चुनाव प्रक्रिया की रिकॉर्डिंग भी की जाए. साथ ही चुनाव में पूरी तरह से पारदर्शिता बरती जाए.

आदेश की कॉपी
आदेश की कॉपी (ETV Bharat)

मेयर ने दी थी यह दलील: इससे पहले मेयर शैली ओबेरॉय की ओर से वार्ड कमेटी के चेयरमैन, डिप्टी चेयरमैन और स्टैंडिंग कमेटी के एक मेंबर के चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने से इनकार कर दिया गया था. उन्होंने कहा था कि "मेरी अंतरात्मा अलोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने की इजाजत नहीं देती. केवल एक दिन के नोटिस देने के चलते नामांकन दाखिल करने में असमर्थ पार्षदों से कई ज्ञापन प्राप्त हुए हैं. लोकतांत्रिक प्रक्रिया की निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए नामांकन के लिए पर्याप्त समय दिया जाना आवश्यक है.

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उन्होंने यह भी कहा था कि, मेरे निर्देश देने के बाद भी नगर निगम सचिव को चुनाव की अधिसूचना देने में पांच दिन लग गए. ऐसे में नामांकन दाखिल करने के लिए सिर्फ एक दिन कैसे दिया जा सकता है? उन्होंने कहा कि एमसीडी के इतिहास में नामांकन दाखिल करने के लिए इतना कम समय पहले कभी नहीं दिया गया. उन्होंने आयुक्त को नामांकन दाखिल करने के लिए कम से कम एक सप्ताह का नोटिस देकर चुनाव प्रक्रिया को दोबारा शुरू करने का निर्देश दिया था.

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Last Updated : Sep 4, 2024, 1:33 PM IST
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